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बारिश के अभाव में महज1505 हेक्टेयर में ही हुई धान की रोपनी

धान के तैयार बिचड़े तेज गर्मी व धूप से झुलस कर रहे हैं नष्ट खंड में नहर के पानी से धान की रोपनी करते किसान और मजदूर गोपालगंज, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। आर्द्रा नक्षत्र का छह दिन बीत गया है और मानसून की...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजSat, 28 June 2025 10:42 PM
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बारिश के अभाव में महज1505 हेक्टेयर में ही हुई धान की रोपनी

गोपालगंज। आर्द्रा नक्षत्र का छह दिन बीत गया है और मानसून की बेरुखी से जिले में धान की खेती पर ग्रहण लगा हुआ है। पिछले दो महीने से जिले में बूंदाबांदी को छोड़ जमकर बारिश नहीं हुई है। खेतों में दरारें फटी हुई हैं। धान के तैयार बिचड़े तेज गर्मी व धूप से झुलस कर नष्ट हो रहे हैं। लेकिन, पानी के अभाव में किसान धान की रोपनी नहीं कर पा रहे हैं। जिला कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार तक जिले में महज 1505 हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो सकी है। जबकि इस वर्ष योजना सहित कुल 90640 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है।

यानि की लक्ष्य के महज 1.7 प्रतिशत ही रोपनी अब तक हो सकी है। कई इलाकों में रोहिणी नक्षत्र में डाले गए बिचड़े अब बड़े होकर पानी के अभाव में झुलस कर खराब होने लगे हैं। जिससे किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। इक्के-दुक्के किसान आगे बारिश होने की आस में पंपसेट से सिंचाई कर धान की रोपनी कर रहे हैं। वहीं जिस क्षेत्र में नहर का पानी पहुंचा है, वहां के किसान रोपनी कर रहे हैं। तय लक्ष्य का 9 फीसदी धान का बिचड़ा डालना भी बाकी है। किसानों के अनुसार आर्द्रा नक्षत्र के शुरू होने से धान की रोपनी का अव्वल समय शुरू होता है। इस नक्षत्र में धान की रोपनी से अच्छी उपज होती है। फसल रोग-व्याधि से भी मुक्त रहती है। आर्द्रा नक्षत्र 22 जून को शाम में शुरू हुआ था। वहीं 06 जुलाई तक यह नक्षत्र रहेगा। इसके बाद पुनर्वसु शुरू हो जाएगा। बैकुंठपुर- सिधवलिया के अभी शुरुआत भी नहीं जिले के कटेया, भोरे, फुलवरिया के जिस इलाके में नहर का पानी पहुंचा है, वहां के किसान रोपनी कर रहे हैं। कुचायकोट तथा मांझा के कुछ इलाके में भी किसान नहर के पानी से रोपनी की है। इधर बरौली क्षेत्र में भी पंप सेट व मोटर चलाकर किसान रोपनी शुरू किए हैं। जबकि सिधवलिया ओर बैकुंठपुर में रोपनी की शुरुआत नहीं हुई है। जिन किसानों ने रोपनी की है, उन्होंने बताया कि तीसरे दिन खेत का पानी सूख जा रहा है। जिससे खेतों में दरार पड़ जा रही है। ऐसे में बार-बार पटवन करना पड़ रहा है। इस माह में 71.28 फीसदी कम हुई है बारिश जिले में सुखाड़ जैसी स्थिति बनी हुई है। पिछले दो महीने से बूंदाबांदी को छोड़ बारिश नहीं हो रही है। जून महीने में ही अब तक महज 49.79 मिलीमीटर बारिश हुई है। जो सामान्य वर्षापात से 71.28 प्रतिशत कम है। जिले में इस महीने का सामान्य वर्षापात 172.80 मिलीमीटर है। जबकि दो दिन बाद जून माह समाप्त हो जाएगा। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार बैकुंठपुर में 50 मिलीमीटर, सिधवलिया में शून्य, बरौली में 44.7 मिलीमीटर, मांझा में 49.6 मिलीमीटर, गोपालगंज में 109.4 मिलीमीटर, थावे में 38.6 मिलीमीटर, कुचायकोट 34.8 मिलीमीटर, हथुआ 98.4 मिलीमीटर, उचकागांव 75.2 मिलीमीटर, फुलवरिया 28 मिलीमीटर, भोरे में 54.6 मिलीमीटर, कटेया में 46.8 मिलीमीटर, पंचदेवरी में 12.2 मिलीमीटर तथा विजयीपुर में 54.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। धान की उपज में होगी गिरावट कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार आर्द्रा नक्षत्र में अगर बारिश नहीं हुई तो धान के बिचड़े खराब हो जाएंगे। पंपसेट या दूसरे सिंचाई के साधन से रोपे गए धान के पौधे भी विकास नहीं करेंगे। जिससे उपज में गिरावट होगी। आर्द्रा के बाद अगर बारिश हुई तो किसानों को दोबारा धान के बिचड़े डालने होंगे। क्योंकि डेढ़ महीने के भीतर रोपनी नहीं करने से बिचड़े पौधशाला में खराब होने लगते हैं। वर्जन जिले में आवश्यकता से काफी कम बारिश होने से धान की खेती पिछड़ रही है। जिले के किसान विभिन्न संसाधनों से सिंचाई कर धान की थोड़ी-बहुत रोपनी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में धान की सीधी बुआई किसानों के लिए फायदेमंद रहेग। इसमें समय और लागत भी कम है। जबकि उत्पादन अच्छा होता है। ललन कुमार सुमन, डीएओ, गोपालगंज

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