डायरिया की रोकथाम को लेकर 60 दिनों का चलेगा अभियान
15 जुलाई से 14 सितंबर तक चलेगा विशेष अभियान, आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गई ज़िम्मेदारी चलेगा। अभियान के जरिये जिले में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बच्चों को डायरिया से बचाने का लक्ष्य तय किया गया...

15 जुलाई से 14 सितंबर तक चलेगा विशेष अभियान, आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गई ज़िम्मेदारी पांच वर्ष तक के बच्चों को घर-घर जाकर दिया जाएगा ओआरएस और जिंक की खुराक गोपालगंज, हमारे संवाददाता। गर्मी और उमस भरे इस मौसम में डायरिया की आशंका को देखते हुए जिले भर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से सघन दस्त नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 15 जुलाई से 14 सितंबर तक दो माह तक चलेगा। अभियान के जरिये जिले में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बच्चों को डायरिया से बचाने का लक्ष्य तय किया गया है। अभियान को प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने समाज कल्याण, शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग से समन्वय कर रूपरेखा तैयार की है।
जिले की 234 पंचायतों में आशा कार्यकर्ताओं को यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के बच्चों को ओआरएस पैकेट और जिंक की गोली वितरित करें। दवा की उपलब्धता और लक्ष्य राज्य स्वास्थ्य समिति के अनुसार, जिले को 8,45,225 ओआरएस पैकेट और 3,30,309 जिंक टैबलेट आवंटित किए गए हैं। लगभग 4.35 लाख बच्चों को लक्षित किया गया है। जबकि 4.51 लाख घरों की पहचान कर ली गई है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस घोल और जिंक टैबलेट की आपूर्ति कर दी गई है। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने स्तर से एक्शन प्लान तैयार कर अभियान को सफल बनाएं। डायरिया के लक्षणों पर दें ध्यान स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डायरिया की शुरुआत आमतौर पर मल की स्थिति में बदलाव से होती है। जैसे पतला या पानी जैसा दस्त बार-बार होना। इसके साथ यदि बच्चा सुस्त हो, अधिक प्यास लगे, पानी न पीए, त्वचा की लोच कम हो जाए या आंखें धंसी हुई प्रतीत हों, तो यह डायरिया के लक्षण हो सकते हैं। जिंक सेवन के लाभ और खुराक की जानकारी सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि डायरिया की स्थिति में लगातार 14 दिन तक जिंक का सेवन करना जरूरी है। 2 से 6 माह के बच्चों को जिंक की आधी गोली पानी या मां के दूध में घोलकर चम्मच से दें। 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली दी जानी चाहिए। 2 माह से कम उम्र के बच्चों को हर दस्त के बाद 5 चम्मच ओआरएस देने से राहत मिलती है। जिंक की नियमित खुराक से न केवल दस्त की तीव्रता में कमी आती है, बल्कि यह भविष्य में तीन माह तक दस्त से बचाव भी करता है। ओआरएस शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता और डिहाइड्रेशन से बचाता है। स्वास्थ्य विभाग ने साफ-सफाई और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। बासी भोजन से परहेज, ताजे व गर्म भोजन का सेवन और गर्म पानी पीना डायरिया से बचाव में सहायक है। कोट पहली बार जिले में दो माह तक का सघन दस्त नियंत्रण अभियान संचालित किया जा रहा है। इसको लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है। दवा भंडारण की पूरी व्यवस्था कर ली गई है और आशा कार्यकर्ताओं को हर स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। धीरज कुमार,डीपीएम
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