जिले में पांच माह में साइबर अपराध के 80 केस हुए दर्ज
फॉलोअप के 80 से अधिक मामले साइबर थाना में दर्ज किए गए हैं। राहत की बात यह है कि सक्रियता दिखाते हुए साइबर थाना की टीम ने कुल 66 लाख 76 हजार 867.12 लाख रुपए की ठगी की राशि को होल्ड कराने में सफलता पाई...

गोपालगंज, नगर प्रतिनिधि। जिले में साइबर अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। बीते पांच महीनों में साइबर ठगी के 80 से अधिक मामले साइबर थाना में दर्ज किए गए हैं। राहत की बात यह है कि सक्रियता दिखाते हुए साइबर थाना की टीम ने कुल 66 लाख 76 हजार 867.12 लाख रुपए की ठगी की राशि को होल्ड कराने में सफलता पाई है। यह राशि अभी संबंधित खातों में फ्रीज है और प्रक्रिया पूरी होने पर पीड़ितों को वापस मिलने की उम्मीद है। पुलिस सूत्रों के अनुसार साइबर ठगी के मामलों में सबसे अधिक शिकायतें फर्जी बैंक कॉल, ओटीपी मांगने, केवाईसी अपडेट के नाम पर ठगी और सोशल मीडिया से जुड़ी धोखाधड़ी की रही हैं।
इसके साथ ही फोन करने वाला अपने को पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी बताकर किसी अपने को किसी गंभीर अपराध में फंसे होने की जानकारी देकर बचाने के नाम पर ठगी कर रहा है। कई साइबर अपराधी खुद को बैंक कर्मी, बीमा एजेंट या सरकारी अधिकारी बताकर आम लोगों को झांसे में लेते हैं और फिर उनके खातों से मोटी रकम उड़ा लेते हैं। चलाया जा रहा जागरूकता अभियान साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि इन मामलों में बिहार सहित झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से जुड़े साइबर गिरोहों की संलिप्तता सामने आई है। अधिकांश ठग सीमावर्ती इलाकों से सिमकार्ड व फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर लोगों से संपर्क करते हैं। ठगी के कुछ मामलों में तो अपराधी महज कुछ मिनटों में ही लाखों की रकम उड़ा लेते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में समय समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है, ताकि लोग इस तरह के फर्जी कॉल या मैसेज के जाल में न फंसे। बैंक से जुड़े किसी भी कार्य के लिए सीधे शाखा से संपर्क करने की सलाह भी दी जाती है। साइबर अपराध से बचने के लिए इन उपायों को अपनाएं बैंकिंग से जुड़ी जानकारी गोपनीय रखें। कभी भी किसी को ओटीपी, पासवर्ड, एटीएम पिन, यूपीआई पिन, सीवीवी नंबर या खाते से जुड़ी अन्य जानकारी साझा न करें। फर्जी कॉल या मैसेज से सतर्क रहें। यदि कोई कॉल करके कहे कि आपका केवासी अपडेट करना है या आपका खाता ब्लॉक हो जाएगा, तो सतर्क हो जाएं। बैंक कभी भी फोन पर ऐसे कॉल नहीं करता। संदिग्ध लिंक या ऐप डाउनलोड न करें। किसी अनजान नंबर या मैसेज में आए लिंक पर क्लिक न करें। इससे आपका मोबाइल रिमोट एक्सेस में जा सकता है। लेन-देन की पुष्टि करें। ऑनलाइन खरीदारी करते समय वेबसाइट की सुरक्षा जांचें। पेटीएम/फोनपे/गूगलपे जैसे एप्स में किसी को रिक्वेस्ट भेजने से पैसा नहीं आता, वह सेंड करके ही आता है। पब्लिक वाई-फाई से लेन-देन न करें। सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर बैंकिंग या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें। इससे डाटा चोरी का खतरा होता है। साइबर हेल्पलाइन का उपयोग करें। ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करें या साईबरक्राईम डॉट जीओभी डॉट इन पर शिकायत दर्ज करें। जितनी जल्दी शिकायत होगी, पैसे की रिकवरी की संभावना उतनी अधिक रहती है। सुरक्षा सॉफ्टवेयर अपडेट रखें। अपने मोबाइल और कंप्यूटर में एंटीवायरस व फायरवॉल रखें और उसे समय-समय पर अपडेट करें। संदेहास्पद गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करें। अगर अचानक कोई मैसेज आए कि आपके खाते से पैसा कटा है। तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और कार्ड- खाते को ब्लॉक करवाएं।
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