मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 59 वां स्मृति दिवस मना
तीं ब्रह्मकुमारी बहनें उचकागांव, एक संवाददाता। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीरगंज सेवा केंद्र पर संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 59वां स्मृति दिवस...

उचकागांव, एक संवाददाता। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीरगंज सेवा केंद्र पर संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 59वां स्मृति दिवस बुधवार को आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में श्रद्धाभाव से मनाया गया। सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी सुनीता बहन ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मम्मा की वाणी सरल, मधुर और अत्यंत प्रभावशाली थी। उनकी बातों को सुनते ही श्रोताओं के विचारों में परिवर्तन आ जाता था। निर्णय लेने और दूसरों को परखने की उनमें गजब की क्षमता थी। वे बच्चों को स्नेह देकर सहज ही आत्मसमर्पण के मार्ग पर ला देती थीं। उन्होंने बताया कि मम्मा का अलौकिक नाम राधे था।
वे शिवबाबा की हर बात को प्रेमपूर्वक सुनती थीं और उसे अपने जीवन में उतारकर दूसरों तक सरलता से पहुंचाती थीं। इसीलिए उन्हें ज्ञान सरस्वती कहा गया। उनके हाथ में दिखाई जाने वाली वीणा इसी ज्ञान की प्रतीक है। उन्होंने ‘ड्रामा को जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हुए हर परिस्थिति को साक्षी भाव से स्वीकार किया। उनके चेहरे पर सदैव मधुर मुस्कान रहती थी। वे सभी को ‘नथिंग न्यू का पाठ पढ़ाकर अडोल और सहज बना देती थीं। मम्मा का कहना था कि तीर्थयात्राएं, शास्त्र-अध्ययन, पूजा-पाठ के बावजूद मन को जो शांति चाहिए। वह नहीं मिलती, क्योंकि जीवन में विकार भरे होते हैं। परमात्मा अब कह रहे हैं कि विकारों को छोड़ो और जीवन को पवित्र बनाओ, तभी ईश्वरीय वर्षा संभव है। कार्यक्रम में विनोद कुमार, टुनटुन भाई, कुमकुम माता, पूनम माता, अनंता बहन, रिंकी बहन, पूजा बहन, कमलावती माता, भोला भाई, आरती माता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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