आधी रात को घर से निकले पूर्व मुखिया को बेरहमी से मार डाला, औरंगाबाद में हत्या से सनसनी
औरंगाबाद जिले के ओबरा में मंगलवार आधी रात को पूर्व मुखिया अजीत सिन्हा की बेरहमी से हत्या कर दी गई। सिन्हा रात में अपने घर से निकले थे, तभी उन्हें बगल के मकान में ले जाकर बेरहमी से पीटकर, धारदार हथियार से हमला किया गया।

बिहार के औरंगाबाद जिले में आधी रात को घर से बाहर निकले एक पूर्व मुखिया की बेरहमी से हत्या कर दी गई। वारदात ओबरा थाना क्षेत्र के खरांटी गांव में हुई। मृतक की पहचान अजीत सिन्हा के रूप में हुई है। उन पर तेज धार वाले हथियार से हमला किया गया था। मंगलवार देर रात इस घटना को अंजाम दिया गया, जिसका पता लोगों को बुधवार सुबह चला। हत्या बगल के ही एक घर में हुई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेज दिया।
मृतक की पत्नी सुनीता कुमारी ने बताया कि उनके पति अपने बेटे अंशु के साथ नए मकान में सो रहे थे, जहां वे किराने की दुकान भी चलाते थे। रात करीब 3:30 बजे बेटे की तबीयत खराब होने पर दवा लेने के लिए पुराने घर जा रहे थे। गांव के पांच लोगों ने उन्हें जबरन अपने घर ले जाकर बांध दिया और लाठी-डंडों व धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी।
सूचना पर बुधवार सुबह ओबरा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार मौके पर पहुंचे और अजीत सिन्हा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शव पर कई जख्म और सिर पर धारदार हथियार के निशान पाए गए हैं।
दाउदनगर एसडीपीओ कुमार, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार, जम्होर थानाध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद, खुदवां थानाध्यक्ष सुशील कुमार और फेसर थानाध्यक्ष वर्षा कुमारी सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और विभिन्न बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
शुरुआती जांच में सामने आया लड़की का एंगल
एसडीपीओ कुमार ऋषिराज ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मृतक, आरोपी की बेटी के साथ गलत उद्देश्य से उनके घर गया था। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाकर सबूत इकट्ठा किए हैं और हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है। थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है और जांच जल्द पूरी कर मामले का खुलासा किया जाएगा।
पांच साल मुखिया रहे थे अजीत सिन्हा
अजीत सिन्हा 2016 में बभंडीहा पंचायत के मुखिया निर्वाचित हुए थे और पांच साल तक इस पद पर रहे। हाल के चुनाव में हारने के बाद वे नए मकान में किराने की दुकान चला रहे थे। इस घटना से गांव में आक्रोश है और पुलिस खरांटी में कैंप कर रही है। इस मामले में फिलहाल प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। खबर लिखे जाने तक शव का दाह संस्कार नहीं हुआ। मृतक के भाई दिल्ली में रहते हैं जिनके आने का इंतजार किया जा रहा था।