श्रावणी मेले में भीड़ प्रबंधन और कांवड़ियों की सुरक्षा पर मंथन; CS ने की समीक्षा, बीते साल मची थी भगदड़
11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले को लेकर भीड़ प्रबंधन और कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होने कावड़ियों की सुरक्षा और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर काम करने का निर्देश दिया।

अगले महीने 11 जुलाई से शुरू हो रहे विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। शुक्रवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने अधिकारियों को श्रावणी मेला को लेकर भीड़ प्रबंधन पर फोकस करने को कहा है। उन्होने राज्य के आला अधिकारियों के साथ श्रावणी मेले को लेकर समीक्षा बैठक की। सीएस अमृत मीणा ने कावड़ियों की सुरक्षा और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर काम करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने बीते साल जहानाबाद के बराबर पहाड़ी पर हुई भगदड़ हादसे के बाद सामने आई कमियों से सबक लेते हुए सशक्त रणनीति तैयार करने को कहा है। इस बैठक में पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और अन्य वरीय पदाधिकारीगण मौजूद रहें। बैठक में 13 जिलों के डीएम, एसपी और संबंधित विभागों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल थे।
आपको बता दें श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं को पर्यटन विभाग सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान करेगा। कांवरियों और श्रद्धालुओं की सुविधा और विश्राम के लिए टेंट सिटी का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें पेयजल, शौचालय, कांवर स्टैंड, साफ-सफाई, बिजली, दर्पण आदि की सुविधाएं होगी।
आपको बता दें बाबा वैद्यनाथधाम की पवित्र यात्रा श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में शुरू होती है। सबसे पहले तीर्थयात्री सुल्तानगंज में एकत्र होंगे और वे अपने-अपने पात्रों में पवित्र गंगाजल भरकर श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक एक माह लगभग 105 किलोमीटर की दूरी नंगे पांव कावर लेकर देवघर स्थित रावणेश्वर महादेव के ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करेंगे। बिहार, बंगाल, ओडिशा, झारखंड और नेपालवासियों के लिए समीप में यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां इन स्थानों के श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे।