विशिष्ट शिक्षकों का 5 माह से वेतन बंद, बहाल हों पुरानी छुट्टियां व पेंशन
नियोजित से नियमित बने शिक्षकों को नियमित का स्टेटस मिला है, लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिला है। पिछले पांच महीनों से इनका वेतन बंद है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। शिक्षकों ने सरकार से मांग की है...
नियोजित से नियमित बने शिक्षकों को नियमित का स्टेटस तो मिला, लेकिन उनकी परेशानी बढ़ गई है। इन शिक्षकों का न तो नियमित पदस्थापन हुआ है और न ही अब तक सही से वेतन निर्धारण हुआ है। इन शिक्षकों का कहना है कि बीते पांच महीने से वेतन बंद है। इससे वे आर्थिक बदहाली के शिकार हो गए हैं। इनका कहना है कि लंबे समय से नियमित करने कही मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने इन शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने की शर्त रखी थी। शर्त पूरी करते हुए शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा पास की लेकिन इसके साथ ही उनकी मुश्किलें भी बढ़ती गईं।
जिले के सैकड़ों शिक्षकों को बीते पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। इस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। शिक्षकों ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण वे एक-एक रुपए को मोहताज हो गए हैं। शिक्षक शैलेंद्र कुमार, अजीत कुमार, राजीव कुमार आदि का कहना है कि शिक्षा विभाग की सुस्ती के कारण वेतन फिक्सेशन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। पहली बार ऐसा हुआ है कि वेतन बढ़ने की जगह घटा दिया गया है। वर्ग छह से आठ तक के शिक्षकों की बेसिक सैलरी ढाई से तीन हजार रुपए तक कम हो गई है। वेतन भुगतान की कोई तय तारीख भी नहीं है। शिक्षकों ने बताया कि विभाग उन पर दबाव बनाने के लिए नयी अवकाश तालिका में कटौती कर रहा है। हिंदी स्कूलों में दशहरा की 10 दिन की छुट्टी घटाकर दो से तीन दिन कर दी गई है। उर्दू स्कूलों में रमजान की छुट्टी भी इतनी ही कम कर दी गई है। पहले रविवार या अन्य छुट्टी के दिन स्कूल चलाने पर छुट्टियों का समायोजन होता था, अब इसकी भी गुंजाइश नहीं है। शिक्षक डॉ. बलराम राम, डॉ. अशोक कुमार, सुनील कुमार मेहरा, रंजीत राम ने कहा कि सरकार ने सक्षमता परीक्षा पास करने की शर्त पर शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने की बात मानी थी। दो से तीन चरणों में परीक्षा पास करने के बाद भी नीति स्पष्ट नहीं है। न वेतन भुगतान की तारीख तय हुई, न वेतन निर्धारण की प्रक्रिया पूरी हुई। सेवा निरंतरता का लाभ नहीं मिलने से शिक्षकों को प्रोन्नति और वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल पाएगा। शिक्षक मोहन कुमार पासवान ने बताया कि उन्होंने नौ महीने पहले प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक की परीक्षा पास कर ली थी। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी अब तक स्कूल आवंटित नहीं हुआ है। इससे वे आगे की योजना नहीं बना पा रहे हैं। कई शिक्षकों ने कहा कि वेतन फिक्सेशन में गड़बड़ी के कारण वे लगातार शोषण का शिकार हो रहे हैं। शिक्षकों ने मांग की है कि वेतन भुगतान की तारीख हर महीने की पहली से दूसरी तारीख तय की जाए। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। नया वार्षिक कैलेंडर रद्द कर पुरानी अवकाश तालिका बहाल की जाए। शिक्षक हेमंत कुमार झा, अजित कुमार, मो. साबिर हुसैन, रामजीवन राम ने कहा कि यदि सेवा निरंतरता नहीं दी गई तो वे नए शिक्षकों से भी जूनियर हो जाएंगे। इससे वेतन निर्धारण और प्रमोशन पर असर पड़ेगा। सरकार की गलत नितियों के कारण विशिष्ट शिक्षक एक एक रुपए को मोहताज हो गया है। पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है।
-बोले जिम्मेदार-
नियोजित से नियमित बने शिक्षकों की इन समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है। इस संबंध में इन शिक्षकों के साथ बैठक कर आवश्यक जानकारियां लेंगे। इसके बाद संबंधित अधिकारियों के समक्ष शिक्षकों की समस्याओं को रखकर निदान की पहल करेंगे।
- डॉ. गोपाल जी ठाकुर, सांसद
विशिष्ट शिक्षकों के वेतन भुगतान में पहले कुछ टेक्निकल समस्या थी। अब ऐसी बात नहीं है। जिन शिक्षकों का पेमेंट नहीं हो पाया था उन्हें डीईओ के फॉर्वार्डिंग से प्रपत्र जमा करने के लिए कहा गया है। जिन शिक्षकों ने विपत्र जमा कर दिया है उन्हें भुगतान किया जा रहा है।
-संदीप रंजन, डीपीओ स्थापना
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