अतिक्रमण, पेयजल संकट व जर्जर सड़क से बढ़ी महदौली की परेशानी
महदौली मोहल्ला विकास की दृष्टि से पीछे है। लोग सड़क, नाले और पेयजल की कमी से परेशान हैं। किलाघाट पुल का निर्माण अधर में है और डायवर्सन पर विवाद है। निगम अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं, जिससे...
शहर का महदौली मोहल्ला अपेक्षित विकास से कोसों दूर है। किलाघाट पुल से उतरते ही महदौली के लोगों की बातों में पिछड़ेपन का दर्द झलक जाता है। लोग बताते हैं कि मोहल्ले में सड़क, नाले व पेयजलापूर्ति जैसी सुविधाएं व्यवस्थित नहीं है। सड़क-नालों व सरकारी भूमि अतिक्रमित है तो लीकेज के कारण पानी घरों तक नहीं पहुंचता। इससे सड़क जाम व पेयजल किल्लत की परेशानी से मोहल्लेवासी आजिज हैं। लोग किलाघाट पुल निर्माण पर भी सवाल उठाते हैं। लोगों का कहना है कि वर्ष 2002 में किलाघाट पुल बना, पर डायवर्सन निर्माण अधर में है। इस वजह से महदौली मोहल्ले में बड़े वाहनों की आवाजाही बंद है।
लोग बताते हैं कि पुल निर्माण होते ही डायवर्सन की सरकारी जमीन पर दो लोगों ने दावा ठोक दिया। इसके बाद निर्माण एजेंसी कार्य बंद कर गायब हो गई। महदौली के मो. फरहान, रामप्रसाद ठाकुर, संजू साह, मो. दुलारे, मो. जूही, गोलू सहनी, अशोक राज आदि इसके लिए नगर निगम को जिम्मेवार मानते हैं। बताते हैं कि निगम के रिकॉर्ड में सरकारी भूमि दर्ज होने पर निजी दावा ठोका गया है। इसके बावजूद निगम अधिकारी अपना पक्ष सही ढंग से प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। इसके चलते दो दशकों से डायवर्सन का निर्माण नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि पुल से आवाजाही के लिए स्थानीय लोगों ने मिट्टी गिट्टी, खरंजा आदि कर रास्ता बना रखा है। इससे कार, बाइक व ट्रैक्टर जैसे वाहन तो गुजरते हैं, पर ट्रक नहीं जा पाता है। उन्होंने बताया कि इसके कारण भवन निर्माण कराने वाले लोगों को दिक्कत होती है। गिट्टी, बालू आदि लोड ट्रक को किलाघाट में ही खाली करना पड़ता है। इसके बाद लोग ट्रैक्टर या ठेला से निर्माण सामग्री घर तक लाते हैं। उन्होंने बताया कि इससे खर्च बढ़ जाता है। साथ ही जुगाड़ से बने डायवर्सन पर आने-जाने में वाहन दुर्घटना का भी भय रहता है। उन्होंने बताया कि महदौली के लोगों के लिए किलाघाट पुल आवागमन का मुख्य जरिया है। रोजाना हजारों लोग आवाजाही करते हैं इसलिए नगर निगम व जिला प्रशासन जल्द निजी भूमि के दावेदारों से विवाद सुलझा कर डायवर्सन निर्माण की पहल करे।
निगम के नाले से आम गाछी में होता जलजमाव, पेड़ सूखने से किसान दुखी : महदौली दरभंगा नगर निगम के वार्ड 23 का सघन आबादी वाला क्षेत्र है। यह प्राचीन समय से अधवारा समूह की बागमती नदी किनारे बसा है। राकेश शर्मा, सरस्वती देवी, छोटू कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता व पार्षद प्रतिनिधि लक्ष्मण चौधरी आदि बताते हैं कि वार्ड नंबर 23 बाढ़ प्रभावित हिस्से में शुमार है। इसके बावजूद जलनिकासी का पुख्ता इंतजाम नहीं है। उल्टे आश्चर्यजनक तरीके से निगम क्षेत्र के नालों का बहाव किसानों के आम बागान की ओर कर दिया गया है। इससे महदौली, वाजिदपुर आदि मोहल्लों का गंदा पानी किसानों के खेत व गाछी में बहता है। इसके कारण 40-50 आम के पेड़ सूख चुके हैं। उन्होंने बताया कि पानी की निकासी के लिए किसानों ने कई बार आवाज उठाई है। पार्षद के नेतृत्व में लोगों ने नगर आयुक्त, जिलाधिकारी आदि को ज्ञापन दिया है। फिर भी पहल नहीं हो रही है। निगम के अधिकारी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं।
-बोले जिम्मेदार-
शहर के महदौली मोहल्ले में नियमित रूप से पीने के पानी के टैंकर भेजे जाते हैं। अगर वहां के लोग मांग करेंगे तो पानी के टैंकरों की संख्या बढ़ायी जाएगी। इसके अलावा वहां बारिश का पानी जमा होने पर दमकल से पानी निकालने की व्यवस्था की जाती है। मोहल्ले में नियमित रूप से साफ-सफाई भी करायी जाती है और उसकी निगरानी भी की जाती है।
- रवि अमरनाथ, सिटी मैनेजर
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