फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई जल्द : कुलपति
दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई जल्द शुरू होगी। इसके लिए एआरसी लैब, गुजरात के साथ एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने बताया कि यह...

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में जल्द ही फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए गुजरात के एआरसी लैब से एमओयू की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। इस साल के अंत तक दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के शुरू होने की भी प्रबल संभावना है। एमएलएसएम कॉलेज में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने ये बातें कही। विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में कुलपति प्रो. चौधरी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता पारंपरिक शिक्षा की गुणवत्ता को दुरुस्त करने के साथ ही छात्र-छात्राओं को समय की मांग के हिसाब से रोजगारोन्मुखी गैर पारंपरिक पाठ्यक्रम के विकल्प उपलब्ध कराना है।
इसी के तहत फॉरेंसिक साइंस में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की तैयारी है। इस पाठ्यक्रम के शुरू हो जाने से छात्रों को करियर का बेहतर विकल्प उपलब्ध होगा। लनामिवि पूर्वी जोन में इसकी पढ़ाई शुरू करने वाला पहला विवि होगा। इसके शुरू होने से पुलिस प्रशासन को भी फोरेंसिक प्रशिक्षण में काफी सुविधा मिलेगी। कुलपति ने कहा कि चालू सत्र से कानून में स्नातक स्तर की पढाई फिर से शुरू हो रही है। बायोटेक पाठ्यक्रम एवं खेल निदेशालय के शुभारंभ होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि लनामिवि में शैक्षणिक विकास की असीमित संभावनाएं मौजूद हैं। आने वाला समय मिथिला विश्वविद्यालय का होगा और इसके सर्वांगीण विकास के दरवाजे चारों दिशाओं में खुलेंगे। प्रधानाचार्य डॉ. शंभु कुमार यादव की अध्यक्षता एवं संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो. चौधरी के साथ बिहार सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. नवीन कुमार अग्रवाल एवं मुंगेर विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय का भी अभिनंदन किया गया। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. अग्रवाल ने कुलपति की कार्यशैली की सराहना करते हुए भरोसा दिलाया कि लनामिवि के विकास के लिए जो भी प्रस्ताव उनके समक्ष आएगा, प्राथमिकता से निष्पादन किया जाएगा। उन्होंने नैक मूल्यांकन में अव्वल स्थान पाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। रूसा के उपाध्यक्ष डॉ. कामेश्वर झा ने कहा कि कुलपति प्रो. चौधरी ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में सबको साथ लेकर विकास की पहल की है। स्वागत करते हुए संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि कुलपति प्रो. चौधरी के कार्यकाल में विवि का उत्तरोत्तर विकास हो रहा है। विवि परिसर के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इसके समुचित रखरखाव में तत्परता, खेल निदेशालय व अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की स्थापना की पहल, खेल प्राधिकरण के गठन इनकी दूरदृष्टि का परिणाम है। संस्थान के अध्यक्ष सह संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति प्रो. शशिनाथ झा, सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक अहमद, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमला कांत झा, संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बुचरू पासवान, एमके कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. रहमतुल्लाह, मारवाड़ी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विनोद बैठा, एमआरएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. श्याम चंद्र गुप्ता, शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के प्रक्षेत्रीय मंत्री विनय कुमार झा सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. चंद्रशेखर झा बूढाभाई ने किया। कार्यक्रम में प्रो. रमेश झा, अरुण सिंह, गोपाल चौधरी, डॉ. रामसुभग चौधरी, विनोद कुमार झा, रंगनाथ ठाकुर, उत्सव पराशर, डॉ. सुधीर कुमार मिश्र, डॉ. चंद्रनाथ मिश्र, डॉ. गणेश कांत झा, दुर्गानंद झा, हरिकिशोर चौधरी, पवन कुमार ठाकुर, डॉ. ज्वाला प्रसाद चौधरी, सुबोध यादव, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स उपस्थित थे।
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