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सारण में 31 लाख 33 हजार से अधिक मतदाता भरेंगे फॉर्म, नहीं भरने पर हटेगा नाम

26 जुलाई तक बीएलओ घर-घर जाकर योग्य मतदाताओं का सत्यापन करेंगे। बिहार में 2003 के बाद पहली बार मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण हो रहा है। मतदाताओं को फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराFri, 27 June 2025 10:00 PM
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सारण में 31 लाख 33 हजार से अधिक मतदाता भरेंगे फॉर्म, नहीं भरने पर हटेगा नाम

26 जुलाई तक बीएलओ घरों में जाकर योग्य वोटरों का करेंगे सत्यापन करीब 22 साल बाद मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू छपरा, नगर प्रतिनिधि सारण जिले के 31 लाख 33 हजार 629 मतदाताओं को गणना प्रपत्र भरना अनिवार्य होगा। इसके लिए बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म देंगे और 26 जुलाई से पहले उसे भरकर आवश्यक दस्तावेज के साथ जमा करना होगा। मतदाता आयोग की वेबसाइट से भी फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही स्वयं भी फार्म समिट कर सकते हैं। जो मतदाता फॉर्म नहीं भरेंगे, उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण-2025 की घोषणा की है।

यह प्रक्रिया बिहार में 2003 के बाद पहली बार हो रही है। विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाता सूची नये सिरे से बनेगी। बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को फॉर्म देंगे। बीएलओ प्रतिदिन निर्वाचकों से फॉर्म लेकर ईआरओ नेट पर अपलोड करेंगे। अगर कोई मतदाता घर पर नहीं मिलेगा तो बीएलओ आवेदन उनके घर के अंदर डाल देंगे। फॉर्म वापस प्राप्त करने के लिए तीन बार दौरा करेंगे। हर मतदाता को यह प्रमाण देना होगा कि वह भारत का निवासी है। विशेष गहन अभियान को सफल बनाने के लिए शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन शाखा में तैयारियों को अंतिम रूप देने में सभी कर्मी लगे हुए थे। बिहार में अंतिम संक्षिप्त पुनरीक्षण वर्ष 2003 में हुआ था। इसलिए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एक जनवरी 2003 की अर्हता तिथि वाली निर्वाचक नामावली को पात्रता का प्राथमिक प्रमाण मानेंगे। ऐसे व्यक्ति जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, उन्हें नामांकन के लिए पात्रता सिद्ध करनी होगी। इसके लिए सरकार द्वारा मान्य दस्तावेजों में से किसी एक का प्रमाण देना अनिवार्य होगा। साथ ही सभी मतदाताओं एक गणना-पत्र भी देना होगा। इस गणना पत्र के समर्थन में स्वयं, पिता और माता के लिए अलग-अलग स्वप्रमाणित दस्तावेज देने होंगे। यदि एक जुलाई 1987 के पूर्व जन्म होने पर निर्वाचक को केवल अपना प्रमाण पत्र देना होगा। यदि एक जुलाई 1987 से दो दिसंबर 2004 तक जन्म हुआ है तो निर्वाचक को अपने प्रमाण पत्र के अतिरिक्त अपनी माता या पिता का भी प्रमाण पत्र देना होगा। दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे प्रत्येक निर्वाचक को अपना, अपने माता एवं अपने पिता तीनों का प्रमाण पत्र देना होगा।मान्य दस्तावेजों में केंद्र या राज्य सरकार, पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनर को जारी पहचान पत्र, पेंशन भुगतान आदेश, एक जुलाई 1987 से पहले भारत में सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, डाकघर,एलआईसी या पीएसयू द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र शामिल हैं। सक्षम प्राधिकारी से जारी प्रमाण पत्र भी मान्य इसके अलावा सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी मैट्रिक प्रमाण पत्र, अन्य शैक्षणिक प्रमाणपत्र ,स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, ओबीसी, एससी-एसटी या अन्य का जाति प्रमाण पत्र भी मान्य होंगे। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार परिवार रजिस्टर और सरकार द्वारा जारी भूमि या आवास आवंटन प्रमाण पत्र भी वैध माने जाएंगे ।यदि ईआरओ या एईआरओ को किसी प्रस्तावित मतदाता की पात्रता पर संदेह होगा, तो वह स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा। दस्तावेजों की कमी या अन्य कारणों से संदेह होने पर नोटिस जारी की जायेगी कि क्यों उसका नाम सूची से हटाया न जाए। इसके लिए फील्ड जांच, दस्तावेज या अन्य आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। और स्पष्ट आदेश पारित किया जाएगा। संदिग्ध विदेशी नागरिकों के मामले नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत सक्षम प्राधिकारी को भेजे जाएंगे। नाम जोड़ने के लिए फार्म छह उपलब्ध उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल में बताया कि नए मतदाता का नाम जोड़ने के लिए सभी दावे फॉर्म-6 और नई घोषणा-पत्र के साथ जमा करने होंगे। सभी लंबित फॉर्म-6 और आगामी दावों में भी घोषणा-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। निवास स्थान बदलने, प्रविष्टियों में सुधार, एपिक प्रतिस्थापन और पीडब्लूडी चिह्नित करने के लिए आवेदन फॉर्म-8 में किया जाएगा। बिहार राज्य से बाहर से आने पर फॉर्म-8 के साथ नया घोषणा-पत्र देना भी जरूरी होगा। बीएलए को भी किया जायेगा शामिल सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए पूरी प्रक्रिया में शामिल होंगे। बीएलओ गणना पत्र भरने के संबंध में लोगों की मदद करेंगे। बीएलओ जनता से आवश्यक दस्तावेजों के साथ गणना पत्र एकत्रित करेंगे। दावों और आपत्तियों पर निर्णय के बाद अंतिम मतदाता सूची ईआरओ द्वारा प्रकाशित की जाएगी। 30 सितंबर को आखिरी वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी चुनाव आयोग के आदेशानुसार अगले महीने की 26 जुलाई तक बीएलओ घरों में जाकर मतदाताओं से हस्ताक्षर गणना पत्र आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्राप्त करेंगे। कुल प्राप्त गणना पत्रों के आधार पर एक अगस्त को वोटर लिस्ट को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित होगा। उसके बाद एक अगस्त से एक सिंतबर तक दावा-आपत्तियां ली जाएंगी। इनका निपटाना करने के बाद 30 सितंबर को आखिरी वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी। जो निर्वाचक अपना गणना पत्र 26 जुलाई तक जमा नहीं कर पाएंगे वे एक अगस्त से एक सितंबर के मध्य पर प्रपत्र 6 व घोषणा पत्र देकर अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकते हैं। विधानसभा कुल मतदाता एकमा 315358 मांझी 317262 बनियापुर 338289 तरैया 323923 मढ़ौरा 293289 छपरा 344140 गड़खा 327442 अमनौर 280046 परसा 288890 सोनपुर 304990 कोट इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची में सभी योग्य नागरिकों को शामिल करना और अपात्रों को हटाना है। सभी पात्र नागरिकों का नामांकन सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा। इस गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) सत्यापन के लिए घर-घर सर्वेक्षण करेंगे। अमन समीर डीएम,सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, सारण

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