ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूलों में लौटी रौनक, तिलक लगाकर हुआ स्वागत
ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल पहुंचने पर बच्चों के चेहरों पर लौटी खुशी के बाद सोमवार को जब जिले भर के सरकारी विद्यालयों के द्वार खुले तो परिसर में एक बार फिर से चहल-पहल लौट आई। छात्र-छात्राओं के स्वागत...

ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल पहुंचने पर बच्चों के चेहरों पर लौटी खुशी छपरा,हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। ग्रीष्मावकाश की समाप्ति के बाद सोमवार को जब जिले भर के सरकारी विद्यालयों के द्वार खुले तो परिसर में एक बार फिर से चहल-पहल लौट आई। छात्र-छात्राओं के स्वागत में शिक्षकों ने पूरे उत्साह से तिलक लगाकर अभिनंदन किया। बच्चों के चेहरों पर स्कूल लौटने की खुशी झलक रही थी। इस बार बिहार शिक्षा विभाग की ओर से पहली बार ऐसा निर्देश जारी हुआ कि विद्यालय खुलने पर बच्चों का स्वागत गरिमापूर्ण तरीके से किया जाए। ग्रीष्मावकाश के बाद शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कुछ विद्यालय उदाहरण बने तो कई जगह अभी भी सुधार की आवश्यकता बनी हुई है। शहर के आदर्श मध्य विद्यालय रतनपुरा में तिलक लगाकर स्वागत छपरा के आदर्श मध्य विद्यालय रतनपुरा में प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने तिलक लगाकर बच्चों का स्वागत किया। उन्होंने सरकार की इस पहल को स्वागतयोग्य बताया। विद्यालय के शिक्षक संतोष सिंह, अरुण गुप्ता, मनोरंजन कुमार, अमरदीप, संतोष ठाकुर, मंसूर आलम, तथा शिक्षिकाएं वीणा देवी, सितारा जबीं, स्वरूपम, सीमा कुमारी, हिना परवीन और समीना फिरदौस ने स्वागत कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई। हालांकि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में यह प्रक्रिया केवल औपचारिकता बनकर रह गई। कई जगह छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम देखी गई। विद्यालय प्रशासन ने इसे अभिभावकों को पर्याप्त पूर्व सूचना न दिए जाने से जोड़ा। हाई स्कूल व प्लस टू विद्यालयों में भीड़ जिले के हाई स्कूल और प्लस टू विद्यालयों में काफी अधिक भीड़ देखी गई। इसका कारण यह रहा कि त्रैमासिक परीक्षा की शुरुआत सोमवार से ही हो गई है। साथ ही 11वीं कक्षा में नामांकन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है, जिससे विद्यार्थियों की उपस्थिति स्वाभाविक रूप से बढ़ गई है। नामांकन की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित है, ऐसे में अब नामांकन की गति और तेज होने की उम्मीद है। ग्रीष्मावकाश के दौरान भी नामांकन हुए, लेकिन संख्या सीमित रही। विद्यालयों में स्वच्छता, बैठने की व्यवस्था व पेयजल को लेकर कुछ जगहों पर चिंता विद्यालयों में स्वच्छता, बैठने की व्यवस्था और शीतल पेयजल की सीमित उपलब्धता को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने कुछ जगहों पर चिंता जताई। शिक्षा विभाग ने विद्यालय खुलने के पहले ही सफाई और मूलभूत सुविधा बहाल रखने का निर्देश दिया था, लेकिन कई विद्यालयों में इसका पालन अधूरा दिखा।
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