नामांकन आंकड़ों में भारी अंतर, 30 तक मांगा गया विद्यालयीय विवरण
सारण जिले के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या को लेकर शिक्षा विभाग ने गंभीरता दिखाई है। सभी प्रधानाध्यकों को 30 जून तक जातिवार, लिंगवार और वर्गवार नामांकन विवरण भेजने का निर्देश दिया...

प्रारंभिक विद्यालयों से मांगा गया जातिवार और वर्गवार नामांकन, नहीं भेजने पर मानी जाएगी शून्य प्रविष्टि छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सारण जिले के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में दर्ज छात्रों की संख्या को लेकर शिक्षा विभाग ने गंभीरता दिखाई है। विभाग ने पाया है कि विद्यालयों द्वारा एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) पोर्टल पर दर्ज नामांकन और ई-शिक्षाकोष पर दर्ज छात्रों की संख्या में काफी अंतर है। इसके कारण न सिर्फ आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं, बल्कि मध्यान्ह भोजन योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। इस स्थिति को ठीक करने के उद्देश्य से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, पीएम पोषण योजना की ओर से सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी किया गया है कि वे 30 जून तक विद्यालय का अद्यतन नामांकन विवरण अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं।
इस कार्य के लिए एक निर्धारित प्रारूप भी जारी किया गया है, जिसमें स्कूलों को जातिवार, लिंगवार और वर्गवार आंकड़े भरकर जमा करना होगा। एक से 5 व छह से आठ के लिए अलग-अलग देना है आंकड़ा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से जारी प्रारूप के अनुसार विद्यालयों को छात्रों के नामांकन का विवरण दो स्तरों पर देना है-प्राथमिक (कक्षा 1 से 5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा 6 से 8)। इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अति पिछड़ा/पिछड़ा वर्ग (ओबीसी/ईबीसी), अल्पसंख्यक तथा सामान्य वर्ग के लड़कों और लड़कियों की संख्या को अलग-अलग दर्शाना होगा। विद्यालय शिक्षा समिति से नामांकन की करानी है पुष्टि विद्यालयों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने विद्यालय की विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक आयोजित कर नामांकन की पुष्टि कराएं। उसके पश्चात मध्याह्न भोजन के लिए चयनित एनजीओ(बाल विकास सेवा संस्थान) के प्रतिनिधियों की निगरानी में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर प्रविष्टि कराएं। कार्यालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि निर्धारित तिथि के बाद यदि कोई विद्यालय यह विवरण नहीं भेजता है, तो उसका नामांकन "शून्य" माना जाएगा। इसके लिए संबंधित प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी पूर्णतः जिम्मेदार होंगे। शिक्षा विभाग ने इस कार्य को उच्च प्राथमिकता में रखा है और किसी भी तरह की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। फॉर्मेट में मांगी गई जानकारी: विद्यालय का नाम, प्रखंड, पंचायत व यू-डाइस कोड प्रधानाध्यापक / प्रभारी का नाम व मोबाइल नंबर जातिवार व वर्गवार छात्र संख्या (प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक दोनों स्तर पर) विद्यालय शिक्षा समिति से अनुमोदन की मुहर व हस्ताक्षर
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