गैस एजेंसी संचालकों ने विद्यालयों से वापस मांगा एलपीजी सिलिंडर
बक्सर में, एलपीजी वितरक एजेंसियों ने डीएम को आवेदन देकर सरकारी विद्यालयों से व्यवसायिक सिलिंडर वापस मांगे हैं। मध्याह्न भोजन योजना के तहत सिलिंडर विद्यालयों को मुफ्त में दिए गए थे, लेकिन उनका उपयोग...

ज्ञापन सौंपा एनजीओ से खाना बनने के कारण विद्यालयों में नहीं हो रहा सिलिंडर का उपयोग एलपीजी वितरकों ने डीएम को आवेदन देकर विद्यालयों से वापस मांगा सिलिंडर फोटो संख्या-13, कैप्सन- गुरुवार को डीएम को ज्ञापन देने से पूर्व कलेक्ट्रेट के बाहर अपना मांग पत्र दिखाते छठू लाल रजक व अन्य। बक्सर, हमारे संवाददाता। एलपीजी गैस वितरक एजेंसियों ने डीएम को आवेदन देकर सरकारी विद्यालयों में उपयोग हो रहे व्यवसायिक सिलिंडरों की मांग की है। दिए आवेदन में इस बात की जिक्र किया है कि मध्याह्न भोजन योजना समिति के निर्देश पर जिले के सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालय में व्यवसायिक दो गैस सिलिंडर (19 किलोग्राम) का दिया गया था यह सभी विद्यालयों को मुफ्त में उपलब्ध कराया गया था।
इसके लिए सभी विद्यालयों से एकरारनामा किया गया था। सिलिंडर देने के बाद विद्यालयों के स्तर से इसका पुन: उठाव नहीं किया जा रहा है और ना ही दोनों सिलिंडर गैस एजेंसियों को वापस किया जा रहा है। वहीं दूसरी और आईओसीएल कंपनी लगातार सिलिंडर की वापसी या रिफिलिंग का दबाव बना रही है। यदि यह कार्य नहीं किया गया। वैसे ही निर्धारित दर से कंपनी राशि की वसूली करेगी। ऐसे में एजेंसी मालिकों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। धुआं मुक्त एमडीएम बनाने का निर्देश : शिक्षा विभाग ने पूर्व में निर्देश जारी किया था कि जिन विद्यालयों में में एमडीएम बनाया जा रहा है वह धुआं रहित होना चाहिए। ऐसे में एमडीएम बनाने में लकड़ी गोइठा जैसे जलावन का उपयोग नहीं किया जाएगा। बल्कि एलपीजी गैस का उपयोग किया जाएगा। इस कार्य में कोताही करने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विदित हो कि पिछले तीन माह में इसे लेकर जांच चल रही थी। करीब दो दर्जन प्रभारी प्रधानाध्यापक लकड़ी गोइठा पर एमडीएम बनाते हुए पकड़े गए। इस कार्य में लापरवाही मानते हुए निलंबित भी कर दिया गया है। लकड़ी और गोइठा पर खाना बनाने से ईधन का खर्च कम आता है। इसलिए अधिकत्तर प्रभारी प्रधानाध्यापक इसका उपयोग करते है। वहीं दूसरी ओर गैस एजेंसी मालिकों के स्तर से दिए गए आवेदन से स्पष्ट हो रहा है कि बड़े पैमाने पर एलपीजी गैस का कम उपयोग हो रहा है। पूरे जिले में एनजीओ से मिल रहा है भोजन जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी सदर, डुमरांव प्रखंड में एनजीओ के माध्यम से बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिन विद्यालयों में एनजीओ से बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। वहां पर गैस सिलिंडर यथावत रखा हुआ है। उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। वहीं इस संबंध में डीपीओ (एमडीएम) रजनीश उपाध्याय ने बताया कि इस मामले का जल्द निपटारा किया जाएगा। साथ ही जो भी प्रभारी प्रधानाध्यापक एलपीजी गैस सिलिंडर का उपयोग नहीं कर रहे है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।