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ई-शिक्षा कोष ने मध्याह्न भोजन की लापरवाही पर भी कसी नकेल

सरकारी विद्यालयों के मध्याह्न भोजन योजना में ई-शिक्षा कोष के माध्यम से गड़बड़ी का मामला सामने आया है। कई विद्यालयों का आंकड़ा शून्य प्रदर्शित हो रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ विद्यालयों में...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरTue, 17 June 2025 09:39 PM
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ई-शिक्षा कोष ने मध्याह्न भोजन की लापरवाही पर भी कसी नकेल

गड़बड़झाला सरकारी विद्यालयों का एमडीएम शून्य प्रदर्शित दिन का भी हुआ है भुगतान निदेशक एमडीएम योजना ने पत्र जारी कर एमडीएम डीपीओ को भेजा पत्र बक्सर, हमारे संवाददाता। ई-शिक्षा सरकारी विद्यालयों के लिए नाग का फांस बनते जा रहे है। कुछ दिनों पहले हर प्रखंड से यह रिपोर्ट प्राप्त हुई थी कि काफी संख्या में शिक्षकों ने अपनी गलत तरीके से उपस्थिति बनायी है। यह गड़बड़ी ई-शिक्षा कोष के माध्यम से उजागर हुई थी। वहीं अब मध्याह्न भोजन में हो रही लापरवाही को ई-शिक्षा कोष के माध्यम से पकड़ा गया है। कई ऐसे विद्यालयों का नाम सामने आया है जहां ई-शिक्षा कोष में मध्याह्न भोजन लाभुक बच्चों की संख्या शून्य दिखाई है।

वहां एमडीएम मद में राशि का भुगतान हुआ है। इसे लेक निदेशक (एमडीएम) विनायक मिश्र ने पत्र जारी किया है। पत्र के माध्यम से कहा गया है कि ई-शिक्षाकोष में माह अप्रैल एवं मई के समीक्षा की गई। जिसमें यह सामने आया है कि विभिन्न कारणों से कई विद्यालयों का आंकड़ा ई- शिक्षाकोष पोर्टल पर शून्य प्रदर्शित हो रहा है। जिससे यह साबित हो रहा है कि उस दिन कुछ विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बाधित था। जबकि विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने लाभान्वितों की संख्या मध्याह्न भोजन पंजी में दर्ज कर दी जाती है। संबंधित प्रखंड साधनसेवी के स्तर से विद्यालय से प्राप्त प्रपत्र के आधार पर एमआईएस में प्रविष्टि किये गये आंकड़ों के आधार पर भेंडरों को राशि का भुगतान किया जा रहा है। माह अप्रैल एवं मई के मध्याह्न भोजन बाधित विद्यालयों की सूची भी पत्र के साथ संलग्न कर डीपीओ (एमडीएम) को भेजी जा रही है। निदेशक ने सभी डीपीओ को निर्देश देते हुए कहा है कि माह अप्रैल एवं मई का समीक्षा अपने स्तर से करें। जिस दिन विद्यालय में मध्याह्न भोजन का संचालन नहीं हुआ है, उस दिन का विद्यालयों के परिवर्तन मूल्य कर भेंडर का राशि का भुगतान नहीं करेंगे। बंद विद्यालयों की सूची ई-शिक्षाकोष पर उपलब्ध है। इस संबंध में डीपीओ (एमडीएम) रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि निदेशालय स्तर से जो सूची भेजी गई है। उसकी समीक्षा की जा रही है। यदि किसी कारण वश बच्चों को एमडीएम का लाभ नहीं मिला है। उस गणना करते हुए वेंडर से राशि की वसूली की जाएगी। बता दें कि जिले को अप्रैल माह में कुल 43 एवं मई माह में कुल 60 ऐसे विद्यालयों की तिथिवार संख्या जिले को उपलब्द्ध कराया गया है। जिसमें किसी ने किसी कारण से एमडीएम के संबंध में ई-शिक्षा कोष पर अपलोड नहीं हो पाया है।

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