एसएनसीयू में ससमय उपस्थित रहे डॉक्टर अन्यथा होगी कार्रवाई
बक्सर में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में डीडीसी आकाश चौधरी ने शोकॉज रोगी कल्याण समिति का गठन करने का निर्देश दिया। सभी डॉक्टरों और कर्मियों के वेतन का भुगतान बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर करने के आदेश...

शोकॉज रोगी कल्याण समिति का गठन करने का निर्देश दिया बायोमेट्रिक उपस्थिति पर ही डॉक्टर व कर्मी को वेतन बक्सर, हमारे संवाददाता। सदर अस्पताल में स्थित विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई में तैनात डॉक्टर ससमय उपस्थित रहे। यदि शिकायत प्राप्त होती है। तब उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उक्त बातें जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक के दौरान डीडीसी आकाश चौधरी ने कहीं। इस दौरान संस्थागत प्रसव की समीक्षा की गई। जिसमें चक्की एवं राजपुर प्रखंड की प्रगति कम पायी गई। इस बात को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती को निर्देश दिया गया कि दोनों प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से शोकॉज की मांग करें।
साथ ही दोनों पीएचसी प्रभारी का मंतव्य के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध कराये। डीडीसी आकाश चौधरी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जिला में संस्थागत प्रसव में प्रगति बढ़ाने का निर्देश दिया। प्रभारी डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि महिला व पुरुष बंध्याकरण के लिए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध एक माह के अंदर शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करें। समीक्षा दौरान प्रभारी डीएम ने सीएस को निर्देश दिया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर चिकित्सकों एवं कर्मियों का वेतन-मानदेय भुगतान करना सुनिश्चित करेंगे। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं की जाए। मरीज के आने व इंतजार करने की समीक्षा डीडीसी आकाश चौधरी ने सीएस को निर्देश दिया कि सभी प्राथमिक प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी कल्याण समिति का गठन किया जाए। गठन के दौरान सभी नियमों का पालन किया जाए। साथ ही गठन के बाद नियमित बैठक कराना सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान जिले के सभी अस्पतालों में मरीज के आने का समय व उनके इंतजार करने की समीक्षा की गई। जिसमें यह सामने आया कि सदर अस्पताल में मरीजों का लंबा समय का इंततार करना पड़ता है। तब मरीजों का इलाज हो पाता है। इस पर डीडीसी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सीएम व स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि चिकित्सकों की उपस्थिति एवं आवश्यक सुधार सुनिश्चित करें। जिससे अस्पताल में आए हुए मरीजों को अपना इलाज कराने में लिए अधिकतम आधा घंटा ही इंतजार करना पड़े। पोषण पुनर्वास केंद्र में मात्र 07 बच्चों का इलाज टीबी रोग से पीड़ित मरीजों के पहचान व उनके इलाज की समीक्षा की गई। जिसमें यह सामने आया कि टीबी मरीजों के पहचान में राजपुर प्रखंड में उपलब्धि काफी कम है। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को लक्ष्य के अनुरूप मरीजों का टीबी जांच करने का निर्देश दिया गया। पोषण पुनर्वास केंद्र में मात्र 07 बच्चों का इलाज किया गया, जिस पर खेद व्यक्त किया गया। सीएस से जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस) से समन्वय स्थापित करने को कहा गया। बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजने का निर्देश दिया गया। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी मौजूद थे।
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