भव रोग की उत्तम औषधि है श्रीमद्भागवत कथा
प्रवचनफोटो संख्या-23, कैप्सन- सोमवार को रामेश्वरनाथ मंदिर में कथा सुनतीं महिला श्रद्धालु।फोटो संख्या-23, कैप्सन- सोमवार को रामेश्वरनाथ मंदिर में कथा सुनतीं महिला श्रद्धालु।फोटो संख्या-23, कैप्सन-...

प्रवचन वैद्य सुखदेवजी महाराज जैसे महात्मा द्वारा दी गई औषधि उत्तम सुनने के लिए दूर-दराज क्षेत्र से श्रद्धालु महिला-पुरूष पहुंच रहे फोटो संख्या-24, कैप्सन- सोमवार को शिवपुरी काली मंदिर में कथा कहते आचार्य रणधीर ओझा। बक्सर, निज संवाददाता। नगर के शिवपुरी मोहल्ला स्थित काली मंदिर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन मामाजी के कृपापात्र आचार्य रणधीर ओझा ने कहा कि श्रीमद्भागवत भवरोग औषधि है। इस औषधि की जरूरत प्रत्येक जीव को है। चाहे वे किसी भी वर्ण के हों। क्योंकि, किसी न किसी रूप में हम सभी भव रोग से ग्रसित हैं। भागवत रूपी औषधि यदि कड़वी हो तो पीने का मन नहीं होता और अगर पीना पड़ता है तो आनंद लेकर नहीं पीते।
राजा परीक्षित का अभिप्राय है कि भव रोग की कथा रूपी दवा कड़वी नहीं है बल्कि मीठी है। आप इसका सेवन करें, पान करें। इसकी विशेषता है कि यह दवा मुंह से नहीं बल्कि कान से पीनी पड़ती है। यह मन को आनंद देने वाली होती है। दूसरी विशेषता यह है कि यह औषधि देने वाला वैद्य लालची नहीं होता। आचार्य ने बताया कि श्रीमद्भागवत रूपी औषधि देने वाले वैद्य सुखदेवजी महाराज जैसे महात्मा द्वारा दी गई औषधि उत्तम ही होती है। अगर मनुष्य इस भव रोग को मिटाना चाहता है तो उसे दो बातों का ख्याल रखना चाहिए। औषधि का नियमित रूप से निश्चित मात्रा में निश्चित पद्धति से सेवन करने से भव रोग से मुक्ति मिल जाएगी। इसीलिए श्रीमद्भागवत कथा को दिव्य कहा गया है। आयोजकों ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए दूर-दराज क्षेत्र से श्रद्धालु महिला-पुरूष उपस्थित हो रहे हैं। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा।
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