स्मार्ट सिटी की सड़क पर धंस रही हैं गाड़ियां
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स्मार्ट सिटी की सड़क पर धंस रही हैं गाड़ियां एक महीने में सड़क बनाने का दावा बारिश में बहा सालों से नरक झेल रहे लोगों ने डीएम से लगाई गुहार कहा- एक बार इस ‘नरक से गुजरकर तो देखिए! शहर स्मार्ट बनने के बाद भी नईसराय से स्टेशन रोड की नरक जैसे हालात फोटो: कीचड़: बिहारशरीफ में नईसराय से स्टेशन जाने वाली सड़क पर कीचड़ में फंसा ई-रिक्शा। बिहारशरीफ, हमारे संवाददाता। स्मार्ट सिटी के दावों की सड़क इतनी ‘चिकनी हो गई है कि इस पर चलना तो दूर, खड़े रहना भी मुश्किल है।। रूक-रूक कर हो रही बारिश ने नईसराय से रेलवे स्टेशन जाने वाली मुख्य सड़क की सूरत बिगाड़कर रख दी है।
महज डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क में छोटे-बड़े सैकड़ों गड्ढे हैं। सड़क मानो खेत में तब्दील हो गई है। जहां गाड़ियां चल नहीं, बल्कि कीचड़ में धंस रही हैं और लोग अपने वाहनों को खींचकर ले जाने को मजबूर हैं। बुधवार को हालात तब और बिगड़ गए, जब एक ई-रिक्शा (टोटो) घंटों तक कीचड़ में फंसी रही। बाइक सवारों के लिए यह रास्ता किसी जानलेवा स्टंट से कम नहीं है। कई बाइक सवार कीचड़ में फिसलकर गिर गए और चोटिल हो गए। रेलवे स्टेशन जाने वाले यात्रियों और हजारों स्थानीय निवासियों के लिए यह सड़क किसी नरक से कम नहीं है। वाहनों के आने-जाने के साथ ही वहां जमा गंदा पानी छिटककर पैदल यात्रियों के शरीर व कपड़ों पर लग रहा है। यहां चारों तरफ गंदगी लगी हुई है। कल्याणपुर-पतुआना मार्ग भी जर्जर है। दो किलोमीटर लंबी इस सड़क में कई जगह गड्ढे हैं। लोगों का दर्द: स्थानीय लोगों ने अपनी पीड़ा सीधे जिलाधिकारी कुंदन कुमार तक पहुंचाने की कोशिश की है। स्थानीय प्रेम रंजन, भारत मानस, पप्पू कुमार, राजकुमार व अन्य ने बताया कि हमलोग पिछले आठ-नौ महीनों से नगर निगम के अधिकारियों से अनुरोध कर रहे थे कि मानसून से पहले सड़क बना दें, वरना हालात बदतर हो जाएंगे। पिछले साल भी इस इलाके के लोग यही नरक झेला था। उनका कहना है कि सीवरेज का काम अधूरा छोड़कर सड़क को खोद दिया गया, जिससे यह स्थिति बनी है। उन्होंने डीएम से स्वयं इस सड़क का निरीक्षण कर हालात का जायजा लेने का अनुरोध किया है। एक महीना पहले का दावा और आज की हकीकत: यह स्थिति तब है, जब ठीक एक महीना पहले नगर निगम के अधिकारियों ने दावा किया था कि नईसराय-स्टेशन रोड का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और इसे एक महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। लेकिन आज हकीकत यह है कि सड़क बनने की बजाय कीचड़ का दलदल बन चुकी है। सालों पुरानी है यह अनदेखी यह अनदेखी कोई नई नहीं है। सितंबर 2023 में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर शहर की जिन 4 प्रमुख सड़कों के कायाकल्प की घोषणा हुई थी। उनमें यह सड़क भी शामिल थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी नतीजा सिफर है। सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली सड़क का यह हाल है, तो शहर के बाकी हिस्सों की स्थिति का अंदाजा कैसे लगाया जा सकता है? आखिर कब तक स्मार्ट सिटी के नाम पर शहरवासी यह नरक झेलने को मजबूर रहेंगे?
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