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खेती-बाड़ी: बरस रहा बदरा तो नालंदा में धनरोपनी पकड़ने लगी रफ्तार

खेती-बाड़ी: बरस रहा बदरा तो नालंदा में धनरोपनी पकड़ने लगी रफ्तारखेती-बाड़ी: बरस रहा बदरा तो नालंदा में धनरोपनी पकड़ने लगी रफ्तारखेती-बाड़ी: बरस रहा बदरा तो नालंदा में धनरोपनी पकड़ने लगी रफ्तार

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 27 June 2025 09:41 PM
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खेती-बाड़ी: बरस रहा बदरा तो नालंदा में धनरोपनी पकड़ने लगी रफ्तार

खेती-बाड़ी: बरस रहा बदरा तो नालंदा में धनरोपनी पकड़ने लगी रफ्तार तय लक्ष्य के विरुद्ध अबतक एक फीसद हो चुकी है धनरोपनी धान का बिचड़ा तैयार करने का लक्ष्य महज 11 फीसद दूर फोटो धान - नूरसराय के पास धान की रोपनी करते मजदूर। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। मानसून का साथ मिल रहा है। बदरा बसर रहा है। रुक-रुक कर जिले में हर दिन किसी न किसी इलाके में बारिश हो रही है। इसी के साथ धनरोपनी की रफ्तार भी गति पकड़ ली है। कृषि विभाग की मानें तो अबतक लक्ष्य के विरुद्ध जिले में एक फीसद रोपनी हुई है। बारिश का शोर यूं ही जारी रहा तो एक सप्ताह में रोपनी की गति और तेज हो जाएगी।

राहत यह भी कि लक्ष्य के विरुद्ध शुक्रवार तक 89 फीसद खेतों में बिचड़ा तैयार किया जा रहा है। खेतों में नमी आने के कारण बीज बोने में अन्नदाताओं को काफी सहूलियत हो रही है। उम्मीद है कि दो से चार दिनों में सौ फीसद बिचड़ा का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। थरथरी के रायपुर कोयल बिगहा गांव के किसान प्रभात शंकर, विवेक मनीष, अलखभाई पटेल व अन्य कहते हैं कि उनके गांव में एक सप्ताह पहले ही धनरोपनी की शुरुआत हो चुकी है। अबतक 10 बीघा से अधिक खेतों में रोपनी हो भी चुकी है। रहुई मुर्गियाचक, इमामगंज समेत अन्य प्रखंडों में किसान रोपनी करने में जुटे हैं। सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, नूरसराय के जगदीश महतो, अस्थावां के प्रेम रंजन कहते हैं कि अभी वैसे किसान रोपनी कर रहे हैं, जिन्होंने रोहिणी नक्षत्र में धान की नर्सरी तैयार की है। 25 दिन से अधिक का बिचड़ा हो चुका है। मानसून का भी साथ मिल रहा है। इससे धान की रोपनी करने में सहूलियत मिल रही है। हालांकि, किसानों का कहना है कि एक बार मानसून की झमाझम बारिश हो जाएगी तो और सहूलियत मिलेगी। 1.40 लाख हेक्टेयर में धान की खेती: इस बार में जिले में एक लाख 55 हजार हेक्टेयर में खरीफ की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सबसे अधिक धान की खेती एक लाख 40 हजार हेक्टेयर में होनी है। इसके लिए करीब 14,7000 हजार हेक्टेयर में बिचड़ा तैयार किया जाएगा। मौसम का साथ मिलने के कारण अबतक 13,220 हेक्टेयर में धान की नर्सरी तैयार की गयी है। खरीफ सीजन में 10 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती होनी। साथ ही करीब पांच हजार हेक्टेयर में अरहर, मूंग, मेथी, उड़द, कूल्थी, सूर्यमुखी व अन्य फसलों की खेती की जानी है। बिचड़ा तैयार करने का अनुकूल समय: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के जिला तकनीकी पदाधिकारी धनंजय कुमार कहते हैं कि अभी आद्रा नक्षत्र चल रहा है और रूक रूककर बारिश भी हो रही है। किसान मध्यम व कम अवधि वाले प्रभेद के बिचड़ा तैयार कर सकते हैं। ध्यान यह भी रखना होगा कि हर हाल में 10 जुलाई तक खेतों में बीज डाल दें। किसान चाहें तो लम्बी अवधि वाली फसल भी लगा सकते हैं। बशर्ते सीड ड्रील अथवा जीरो टिलेज के माध्यम से सीधी बुआई करनी होगी। इस विधि में फसल तैयार होने में 15 दिन कम लगता है। धान की फसल के तैयार होने का समय: 25 दिन में रोपनी के लायक होता है बिचड़ा 10 से 25 दिन तक पौधों से निकलते हैं कल्ले 60 दिन में पौधे में होने लगते हैं गव्वे 24 घंटे में बनने लगते हैं दाने 75 दिन में पौधों में लगने लगती हैं बालियां 01 सौ 25 से 55 दिन में फसल तैयार

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