बिहार में गैंगवार की साजिश? कार में मिले 3200 जिंदा कारतूस; यूपी से आई खेप से खलबली
पटना से मोहनियां पहुंची एसटीएफ की विशेष टीम और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में समेकित चेकपोस्ट से एक ब्रेजा कार में 32 सौ कारतूस बरामद किए। इसमें से अधिकांश गोली 315 बोर व कुछ गोली पिस्टल के बताए जाते हैं। हालांकि, पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से अभी बच रही है।

बिहार एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कैमूर जिला पुलिस और नालंदा जिला पुलिस के सहयोग से हथियार तस्करों के खिलाफ छापेमारी की। देर रात तक 32 सौ जिंदा कारतूस बरामद किए जा चुके हैं और दो हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने हथियार तस्करों के खिलाफ बिहार पुलिस की कार्रवाई की पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि मोहनियांं में एक वाहन की जांच के क्रम में सीक्रेट बॉक्स में 32 सौ कारतूस बरामद किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, मोहनियां में गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ के बाद देर शाम को नालंदा में भी छापेमारी की जा रही है। छापेमारी जारी होने और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा कारणों से तत्काल कार्रवाई स्थल की जानकारी शेयर नहीं की गई है।
पटना से मोहनियां पहुंची एसटीएफ की विशेष टीम और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में समेकित चेकपोस्ट से एक ब्रेजा कार में 32 सौ कारतूस बरामद किए। इसमें से अधिकांश गोली 315 बोर व कुछ गोली पिस्टल के बताए जाते हैं। हालांकि, पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से अभी बच रही है। रविवार को पूरे दिन स्थानीय थाने में इस मामले में गिरफ्तार दो युवकों से पूछताछ होती रही। इस गिरफ्तारी के बाद बिहार के किसी आपराधिक गिरोह के बड़े नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद बताई जा रही है।
गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई
सूत्रों की मानें तो कारतूस की यह बड़ी खेप उत्तर प्रदेश से बिहार शरीफ के लिए जा रही थी। गुप्त सूचना के आधार पर पटना से पहुंची एसटीएफ की विशेष टीम ने सबसे पहले स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा और उनको लेकर चेकपोस्ट पर पहुंची। उस समय उत्तर प्रदेश से आ रही सफेद रंग की कार की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए। इसके बाद, बरामद कारतूस एवं गिरफ्तारी को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। पुलिस के जिलों में तैनात अधिकारी भी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से बचते रहे।
जब्त कारतूस किसने, किसके लिए भिजवाए थे और उनका उपयोग किन स्तरों पर किया जाना था, यह भी सामने आएगा। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी जिलों में पुलिस की सतर्कता पहले से ही बढ़ाई गई है और अपराधियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।