पासपोर्ट सत्यापन में देश में पहले नंबर पर बिहार, मिला ‘ सर्टिफिकेट ऑफ रेकोग्नेशन ‘ अवार्ड
राज्य में सबसे अधिक पासपोर्ट के आवेदन गोपालगंज, सीवान, पटना, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण आदि जिलों से मिले हैं। इसकी वजह से सीवान में पासपोर्ट सत्यापन में औसतन 20 दिन, जबकि खगड़िया में सबसे कम पांच दिन का समय लग रहा है।

पासपोर्ट सत्यापन के मामले में बिहार पुलिस देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य पुलिस बलों में से एक चुनी गयी है। सालाना पांच लाख से कम पासपोर्ट निर्गत करने वाले राज्यों की श्रेणी में बिहार पुलिस ने पहली बार विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट सेवा परियोजना सम्मेलन में प्रतिष्ठित ‘ सर्टिफिकेट ऑफ रेकोग्नेशन ‘ पुरस्कार प्राप्त किया है। आईजी (विशेष शाखा) राकेश राठी ने विदेश राज्यमंत्री पबित्रा मार्गेरिटा से यह सम्मान ग्रहण किया। मंगलवार को बिहार पुलिस की विशेष शाखा के एडीजी सुनील कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि वर्तमान में बिहार पुलिस औसतन 12 दिनों में एक पासपोर्ट का सत्यापन कर रही है।
बिहार पुलिस एवं क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय का लक्ष्य इस औसत को सिंगल डिजिट यानी 10 दिन से कम में लाना है। 2024 में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना ने बिहार पुलिस को 4,78,805 आवेदन सत्यापन को भेजे थे। एडीजी सुनील कुमार ने बताया कि पासपोर्ट सत्यापन के एवज में पिछले पांच वर्षों में बिहार पुलिस को करीब 20 करोड़ रुपये मिले हैं।
सीवान में 20 दिन, खगड़िया में पांच दिन में सत्यापन
एडीजी (विशेष शाखा) ने बताया कि जिलों से पासपोर्ट आवेदन में भिन्नता के चलते उसके सत्यापन का समय भी भिन्न है। राज्य में सबसे अधिक पासपोर्ट के आवेदन गोपालगंज, सीवान, पटना, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण आदि जिलों से मिले हैं। इसकी वजह से सीवान में पासपोर्ट सत्यापन में औसतन 20 दिन, जबकि खगड़िया में सबसे कम पांच दिन का समय लग रहा है।अधिक आवेदन वाले जिलों में सत्यापन अवधि कम करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर वाले पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाई गई है।
12 मई से मिल रहे हैं चिप वाले पासपोर्ट
एडीजी सुनील कुमार ने बताया कि 12 मई से पूरे बिहार में आवेदकों को चिप युक्त पासपोर्ट की सेवा दी जा रही है। आवेदकों का पूरा ब्योरा उनके पासपोर्ट चिप से ही मिल सकेगा। पुराने पासपोर्ट धारक भी अपने पासपोर्ट को चिपयुक्त पासपोर्ट में बदलवा सकते हैं।