बोले भागलपुर: बैजानी पंचायत के सभी घरों में पेयजल की व्यवस्था हो
जगदीशपुर प्रखंड के बैजानी पंचायत में जल संकट और आधारभूत ढांचे की समस्याएं हैं। यहां जल स्तर नीचे जाने के कारण लोग पानी के लिए परेशान हैं। सभी घरों में पानी का कनेक्शन नहीं है और नाला के पानी की निकासी...
जिले के जगदीशपुर प्रखंड का बैजानी महत्वपूर्ण पंचायतों में शामिल है। भागलपुर-हंसडीहा सड़क किनारे स्थित बैजानी पंचायत में पढ़े-लिखे और नौकरी करने वालों की संख्या अधिक है। शहर से नजदीक होने के बावजूद इस पंचायत में समस्याओं की कमी नहीं है। जलस्तर नीचे जाने से लोगों के घरों में पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। सभी घरों में पानी का कनेक्शन नहीं जाने से भी लोग परेशान हैं। नाला के पानी की निकासी की स्थायी व्यवस्था नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। खेल मैदान का इंतजार लंबे समय से खेल प्रेमी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से की जा चुकी है।
भागलपुर और जगदीशपुर के बीच में स्थित बैजानी पंचायत में 12 वार्ड हैं। पंचायत की आबादी करीब 15 हजार है, लेकिन यहां सभी घरों में पानी का कनेक्शन नहीं पहुंच पाया है। लोग आज भी दूर से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो जलापूर्ति को बेहतर करने के लिए कई बार अधिकारियों से गुहार लगायी गयी, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। भीषण गर्मी में जलस्तर नीचे जाने से पानी का संकट और गहरा गया है। नाला के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान हैं। गांव का पानी इधर-उधर बहता रहता है। बारिश होने पर गंदा पानी सड़क पर आ जाता है।
बैजानी निवासी नरेन्द्र कुमार झा ने बताया कि बैजानी पंचायत के अन्तर्गत बैजानी, पिस्ता, फुलवरिया, जमीन, मकससपुर, मनौधाचक, छिलिया, नयाटोला ढाबा गांव पड़ता है। अधिकांश गांवों में नाला के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। नाला का पानी इधर-उधर बहकर जमा हो जाता है। इसके चलते बीमारी फैलने की भी आशंका बनी रहती है। लोग सड़क किनारे घर बना लिये हैं। सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है। बैजानी गांव से नाला बनाकर सड़क किनारे बड़े नाले में जोड़ा जाए तो पानी की निकासी हो सकती है। इसके लिए जिला प्रशासन को प्रयास करना चाहिए। फुलवरिया गांव में भी यही समस्या है। पंचायत में सभी घरों में पानी नहीं मिलने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। बैजानी में प्रेम प्रचारक पुस्तकालय काफी पुराना और ऐतिहासिक है। इसका भवन जर्जर हो चुका है। पहले बहुत लोग पुस्तकालय आते थे। भवन जर्जर होने के चलते आने वालों की संख्या नगण्य हो गयी है। पुस्तकालय का जीर्णोद्धार होना चाहिए। बैजानी में खेल मैदान बनाने की योजना थी। बताया जा रहा है कि विवाद के चलते खेल मैदान का काम नहीं हो रहा है। इससे खेल प्रेमियों में निराशा है।
फुलवरिया के कुमार कृष्णानंद ने बताया कि गांव में जलापूर्ति की बड़ी समस्या है। नलजल योजना के तहत गांव के आधा घरों में पानी का कनेक्शन नहीं है। कई जगहों पर पाइप भी नहीं बिछा है। लोगों को दूसरे के घरों से पानी लाकर काम चलाना पड़ता है। टूटा पुल से बैजानी वाली नहर अतिक्रमित है। सिंचाई के लिए किसानों को पानी नहीं मिल पाता है। जिला प्रशासन को नहर से अतिक्रमण हटाना चाहिए। फुलवरिया गांव के नाले के पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। नाला की जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। गांव में सभी जगहों पर स्ट्रीट लाइट नहीं रहने से रात में आने-जाने में परेशानी होती है।
पंचायत के मुखिया नवल किशोर सिंह ने बताया कि गर्मी में जलस्तर नीचे जाने के चलते पानी का संकट और गहरा गया है। सभी घरों में पानी का कनेक्शन नहीं है। पीएचईडी के बोरिंग से पानी कम निकलता है। 20-25 मिनट ही ग्रामीणों को पानी मिल पाता है। नल-जल योजना के तहत सही तरीके से काम नहीं किया गया है। प्राय: हर वार्ड में 10 से 25 घरों में पानी का कनेक्शन नहीं पहुंचा है। पीएचईडी के इंजीनियर से कई बार शिकायत की गयी है, लेकिन पानी संकट का समाधान नहीं हो रहा है। गांव के नाला को बड़े नाला में जोड़ने के लिए फंड की जरूरत है। पंचायत को इतना फंड नहीं मिलता है। सांसद और विधायक अपने फंड से नाला निर्माण का काम करा सकते हैं। खेल मैदान बनाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। वार्ड चार के वार्ड सदस्य सुजीत कुमार झा ने बताया कि पंचायत की अधिकांश सड़कों का बुरा हाल है। कई सड़कें चलने लायक नहीं हैं। पानी सभी घरों में नहीं पहुंच रहा है। बैजानी के वार्ड दो, चार और छह के सभी घरों में पानी का कनेक्शन नहीं पहुंचा है। शिवालय के पास एक बोरिंग था। वह काफी दिनों से बंद पड़ा है। वर्तमान बोरिंग से कम क्षमता में पानी निकलता है।
बोले जिम्मेदार
बैजानी पंचायत में पानी संकट का समाधान किया जाएगा। इसके पूर्व भी जल संकट के समाधान के लिए पीएचईडी को पत्र भेजा गया था। पुन: पीएचईडी को पत्र भेजकर नियमित जलापूर्ति करने और सभी घरों में पानी का कनेक्शन देने को कहा जाएगा। गर्मी में जलस्तर नीचे जाने से भी पानी का संकट बना हुआ है। नाला के गंदे पानी को निकालने के लिए जगह चिह्नित करने के बाद वरीय अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा जाएगा। खेल मैदान मनरेगा से बनाया जा रहा है। बैजानी में खेल मैदान बनने में क्या परेशानी हो रही है, इसकी जानकारी लेकर समस्या का समाधान किया जाएगा।
-रघुनंदन आनंद, बीडीओ, जगदीशपुर
बैजानी गांव में नाला के पानी की निकासी की व्यवस्था हो
बैजानी पंचायत के नरेंद्र कुमार झा ने बताया कि पंचायत में कुल 12 वार्ड और लगभग 15 हजार की आबादी है। यहां न्यायालय और विभिन्न बैंकों में नौकरी करने वालों की संख्या अच्छी है। गांव में सबसे बड़ी समस्या जल निकासी की है। नालों के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से बरसात के दिनों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आम दिनों में खेतों या आसपास के गड्ढों में गांव का गंदा पानी जमा होता है। जिससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। यदि पंचायत क्षेत्र में नाला निर्माण कराया जाए तो लोगों को काफी राहत मिल सकती है। कई नालों पर स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। प्रशासन को नाला पर से अतिक्रमण को हटाना चाहिए। गांव के पुस्तकालय भवन का भी जीर्णोद्धार होना चाहिए।
पंचायत में जलापूर्ति की बेहतर व्यवस्था हो
बैजानी पंचायत के वार्ड संख्या चार के वार्ड सदस्य सुजीत कुमार झा ने बताया कि गांव में पानी की किल्लत और टूटी सड़कों के चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गर्मी के दिनों में जल संकट और अधिक बढ़ जाता है। अब तक गांव के कई घरों में नल का कनेक्शन नहीं लगाया गया है। गांव के शिवालय के पास पीएचईडी द्वारा पहले से ही एक बोरिंग किया गया है। लेकिन वह कई वर्षों से बंद पड़ा है। यदि उसे चालू कर दिया जाए तो सैकड़ों घरों को राहत मिल सकती है। इससे पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है। प्रशासन बंद पड़े बोरिंग को जल्द चालू कराने की व्यवस्था करे। वार्ड के सभी घरों में नल योजना के तहत कनेक्शन देने की व्यवस्था होनी चाहिए। खराब सड़कों की मरम्मत होने से लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी।
स्ट्रीट लाइट और खेल मैदान की व्यवस्था हो
कुमार कृष्णानंद ने बताया कि गांव में पानी की समस्या से ग्रामीण काफी परेशान है। जल-नल योजना के अंतर्गत अधिकांश घरों तक पाइपलाइन का कनेक्शन नहीं दिया गया है। जिससे ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी हो रही है। यदि सभी घरों को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराया जाए तो काफी हद तक लोगों को राहत मिल सकती है। गांव में स्ट्रीट लाइट की कमी है। कुछ जगहों की स्ट्रीट लाइट खराब हो गयी है। रात में ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी होती है। असामाजिक तत्वों की गतिविधियां भी बढ़ जाती हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा संबंधित एजेंसी को कई बार सूचना देने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है। खेल मैदान की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे पंचायत के युवाओं के बीच खेल के प्रति रुचि बढ़ेगी। गांव में एक खेल मैदान होना बहुत जरूरी है।
बैजानी-फुलवरिया में पिंक बस सेवा का ठहराव हो
बैजानी पंचायत के मुखिया नवल किशोर सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलायी जा रही पिंक बस सेवा का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को मिलना चाहिए। यदि बस का ठहराव बैजानी और फुलवरिया गांव में हो तो छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा। गांव की कई छात्राएं प्रतिदिन कॉलेज में पढ़ने के लिए शहर जाती हैं। यदि पिंक बस गांव से ही मिल जाए तो उन्हें कम किराये में सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिल सकता है। गांव की पुरानी नहर को कई जगहों पर अतिक्रमण कर पूरी तरह बंद कर दिया गया है। जिससे किसानों को सिंचाई में भारी कठिनाई हो रही है। नहर पर कहीं सड़क तो कहीं निजी निर्माण कार्य कर दिया गया है। सिंचाई के लिए उचित जलस्रोत नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन अगर अतिक्रमण को हटाकर नहर को पुन: चालू कर दे तो इस क्षेत्र की बड़ी आबादी को सीधा लाभ मिलेगा।
इनकी भी सुनिए
बैजानी में खेल मैदान का निर्माण सरकार को तत्काल कराना चाहिए। ताकि यहां के युवा खेल में आगे बढ़ सकें। इससे युवाओं के दिनचर्या में बदलाव आएगा। पढ़ने के साथ खेल भी जरूरी है। खेल मैदान बनाने में कोई समस्या है तो अधिकारी उसका समाधान करें।
-सोनू पांडे
बैजानी गांव में इंटर स्तरीय स्कूल है। अस्पताल की बेहतर सुविधा नहीं है। मरीजों को इलाज कराने में परेशानी होती है। पंचायत में स्ट्रीट लाइट की कमी है। जरूरत के अनुसार स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि रात में लोगों को आने-जाने में परेशानी नहीं हो।
-प्रिंस कश्यप
भागलपुर से जगदीशपुर के बीच पिंक बस सरकार द्वारा चलाई जा रही है। लेकिन फुलवरिया, बैजानी सहित अन्य जगहों पर बस के नहीं रुकने के कारण यहां की छात्राओं को परेशानी होती है। छात्राओं को शहर जाने के लिए अधिक किराया टेम्पों में देना पड़ता है।
-सत्यम कुमार
पंचायत में पानी का संकट है। यहां जलमीनार बननी चाहिए। जिससे लोगों को पर्याप्त पानी मिल सके। किसानों को सिंचाई के लिए खलखलिया नदी के आसपास चेक डैम का निर्माण सरकार को कराना चाहिए। ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके।
-अनुज पांडे
गांव के गंदा पानी निकासी को लेकर बड़े नाला का निर्माण होना चाहिए। नाला की साफ-सफाई भी प्रतिदिन कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि लोगों को जलजमाव की समस्या से निजात मिल सके। ग्रामीण सड़कों पर बारिश में चलना मुश्किल हो जाता है।
-बजरंगी मंडल
यहां अस्पताल की व्यवस्था खराब है। डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी समय से नहीं आते हैं। अस्पताल की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। प्रसव पीड़ित महिला को उपचार के लिए शहर जाना पड़ता है। अन्य मरीजों को निजी क्लीनिक का सहारा लेना पड़ता है।
-अनिल रविदास
सरकार को पंचायत के किसान को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। प्रधानमंत्री केंद्र सिंचाई योजना के तहत किसानों के लिए एक योजना लाई जानी चाहिए। इससे सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी की समस्या का भी समाधान हो जाएगा।
-पियूष पांडे
पंचायत में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्रतिदिन हर घर से कूड़ा का उठाव होना चाहिए। नाल का निर्माण के साथ-साथ सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रतिदिन कूड़ा कचरा का उठाव नहीं होने का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
-डॉ. ऋषि राज
गांव में कुछ जगहों पर बिजली का पोल नहीं गाड़ा गया है। तार भी घर तक नहीं पहुंचा है। लंबी दूरी से तार खींचकर लोग बिजली का उपयोग करते हैं। बिजली विभाग को तत्काल बिजली का तार और पोल घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
-मोहित कुमार
गांव में नाला का निर्माण नहीं होना सबसे बड़ी समस्या है। नाला नहीं होने के कारण घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता है। वही बारिश पड़ने के बाद जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है। इससे लोगों को जाने-आने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
-रंजीत झा
पहले गांव में पीएचईडी का एक कर्मचारी नियुक्त रहता था। प्रतिदिन लोगों को पानी बोरिंग से आपूर्ति की जाती थी। गांव में एक बड़ी जलमीनार का निर्माण हो जिससे पानी सबको मिल सके। महादलित टोले के लोगों को प्रशासन जमीन उपलब्ध कराये।
-सुभाष चन्द्र झा
गांव में एक पुस्तकालय वर्षों से चलती थी। लेकिन सरकार द्वारा ध्यान नहीं देने एवं मदद नहीं मिलने के कारण पुस्तकालय भवन बंद पड़ा है। भवन जर्जर हो चुका है। सरकार पुस्तकालय भवन का जीर्णोद्धार कराये और एक कर्मचारी की तैनाती हो।
-नितिन पांडे
शिकायतें
1. जल-नल योजना के अधिकांश घरों में अब तक पाइपलाइन का कनेक्शन नहीं दिया गया है। इसके चलते गर्मी में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
2. नहर को अतिक्रमण कर बंद कर दिया गया है। इसके चलते खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। किसानों को सिंचाई के अभाव में खेती करने में परेशानी हो रही है।
3. पंचायत के कई मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट नहीं है। कई जगहों पर पूर्व में लगी लाइट खराब हो चुकी है। इसके चलते रात में लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है।
4. पंचायत में कई जगह सड़कें टूट गयी हैं। बारिश होने पर सड़क पर पानी जमा हो जाता है। इसके चलते ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी होती है।
5. बैजानी गांव में नाला के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। आसपास की जमीन और सड़क पर गंदा पानी जमा हो जाता है। इससे बीमारी फैलने का खतरा रहता है।
सुझाव
1. सभी वार्डों में सर्वे कराकर अविलंब बचे घरों में पानी का कनेक्शन दिया जाए। ताकि ग्रामीणों को भीषण गर्मी में पानी संकट से राहत मिल सके।
2. नहर से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। अतिक्रमण हटाने और नहर की सफाई होने से खेतों तक पानी पहुंच सकता है।
3. पंचायत में सभी जगहों पर स्ट्रीट लाइट लगनी चाहिए। खराब स्ट्रीट लाइट की मरम्मत होनी चाहिए। ताकि रात में लोगों को आने-जाने में परेशानी नहीं हो।
4. नाला के पानी निकासी के लिए गांव से नाला बनाकर मुख्य सड़क के बड़े नाला से मिलाना होगा। बड़ा नाला में पानी जाने से लोगों को राहत मिलेगी।
5. बैजानी के पुराने पुस्तकालय भवन का जीर्णोद्धार तत्काल कराने की जरूरत है। जीर्णोद्धार होने से लोग अध्ययन करने के लिए जायेंगे। युवाओं को लाभ मिलेगा।
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