बोले मुंगेर: विद्यालय परिसर से उपस्वास्थ्य केन्द्र अन्यत्र हो स्थानांतरित
जमालपुर प्रखंड के विजयनगर गांव में ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 100 घरों में नल-जल योजना का पानी नहीं पहुंचा है। जल निकासी की समस्या के कारण बारिश में जलजमाव होता है। स्कूल...

प्रस्तुति : नवीन कुमार झा / अमरेन्द्र कुमार जमालपुर प्रखंड की इटहरी पंचायत के विजयनगर गांव में अब भी कई ऐसी बुनियादी समस्याएं बनी हुई हैं, जिनसे ग्रामीणों को प्रतिदिन काफी परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 100 घर ऐसे हैं जहां नल-जल योजना के तहत अब तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई है, जिससे लोगों को भारी कठिनाई होती है। गांव एनएच 80 से सटा हुआ है, लेकिन मोड़ पर हाईमास्ट लाइट की सुविधा नहीं होने के कारण रात में दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। गांव में अब तक एक भी सोलर लाइट नहीं लगाई गई हैै।
यह बातें हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर संवाद के दौरान उभर कर सामने आईं। जहां समाधान की मांग की गई। ग्रामीणों का कहना था कि गांव की सभी गलियां कच्ची हैं और नालियों की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश के समय जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। स्कूल में पीने योग्य स्वच्छ पानी की सुविधा नहीं है। विद्यालय परिसर के अंदर ही उपस्वास्थ्य केन्द्र स्थित होने से ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बच्चों को बाहर भागने से रोकने के लिए विद्यालय के मुख्य द्वार में ताला जड़ दिया जाता है, जिससे स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ ग्रामीणों को भी असुविधा होती है। इतना ही नहीं, गांव की कई सड़कों पर जलजमाव की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव के अधिकांश लोग किसान हैं, जिन्हें सिंचाई के लिए कोई समुचित साधन उपलब्ध नहीं है। किसान पूरी तरह वर्षा पर निर्भर होकर भगवान भरोसे फसल उपजाते हैं। चूंकि यह गांव बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में आता है, इसलिए लोगों को हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बाढ़ के पानी को संग्रहित कर उपयोग में लाया जाए तो सिंचाई की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। इसके लिए गांव में कम से कम पांच स्थानों पर चेकडैम बनाए जाने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि विजयनगर गांव में 800 से अधिक परिवार निवास करते हैं और इसकी कुल जनसंख्या 5000 से अधिक है। गांव के चार वार्डों में लगभग 2200 लोग रहते हैं। मजदूरी के साथ-साथ खेती पर आश्रित इस गांव के किसानों के लिए सिंचाई की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। गांव के लगभग 250 परिवारों को अब तक शौचालय निर्माण के लिए सरकारी सहायता राशि नहीं मिली है, लेकिन इस ओर किसी भी स्तर पर गंभीर प्रयास नहीं किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भी बड़ी संख्या में पात्र लोग लाभ से वंचित हैं। सरकार की ओर से पंचायत सरकार भवन में सरकारी योजनाओं से संबंधित कार्य कराने के लिए रोस्टर तैयार किया गया है, लेकिन कोई भी कर्मचारी निर्धारित दिन पर उपस्थित नहीं होता। इससे ग्रामीणों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसे सामान्य कार्यों के लिए भी प्रखंड मुख्यालय जमालपुर जाना पड़ता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बच्चों के लिए स्थानीय स्तर पर स्किल डेवलपमेंट कोर्स की व्यवस्था की जाए, ताकि उनमें आत्मनिर्भरता विकसित हो सके। गांव की आबादी को देखते हुए एक पुस्तकालय की स्थापना की आवश्यकता है, ताकि छात्र-छात्राओं को शिक्षा की बेहतर सुविधा मिल सके। अब तक गांव के लगभग 40 प्रतिशत लोग विधवा, वृद्धा, दिव्यांग और अन्य पेंशन योजनाओं से वंचित हैं। वहीं लगभग तीन दर्जन से अधिक लोग राशन कार्ड से भी वंचित हैं। स्कूल की अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 50 प्रतिशत लोगों को अब तक बाढ़ राहत राशि नहीं दी गई है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य सेवा को भी मजबूत करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य समस्याओं को भी गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान की आवश्यकता जताई है। इनकी भी सुनिए गांव की सभी गलियां कच्ची रहने से बारिश होने पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है। परेशानियों का सामना करना पड़ता है। -नूतन कुमारी गांव में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था हो। जिससे युवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आए। -संजय कुमार गांव में किसानों के लिए सिंचाई की समुचित व्यवस्था हो। यहां के किसानों की खेती भगवान भरोसे चल रही है। सिंचाई की व्यवस्था हो। -निशा देवी गांव में लगभग सौ घर नल जल योजना से वंचित है। नल जल से वंचित लोगों का पानी उपलब्ध कराने के लिए अविलंब पहल होनी चाहिए। -सरस्वती देवी गांव में जल निकासी के लिये अविलंब पहल होनी चाहिए। इसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। -प्रमिला देवी गांव में शौचालय के लिए 250 लोगों ने आवेदन किया है। लेकिन अबतक लोगों को राशि नहीं मिली है। जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए। -मीना देवी पंचायत सरकार भवन में रोस्टर के अनुसार कर्मचारी नहीं आने से लोगों को कागजात बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। -आलोक नाथ रंजन एनएच 80 से सटे रहने के कारण गांव में एक हाईमास्क लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे कि परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। -रामखेलावन मांझी बाढ़ की पानी को स्टॉक करने के लिए चेकडेम की व्यवस्था हो। चेकडेम नहीं रहने से सारा पानी पुन: गंगा नदी में बहकर व्यर्थ चला जाता है। -कैलाश सहनी स्वास्थय सुविधा गांव में बेहतर नहीं रहने से प्रसव पीड़ा से ग्रसित रोगी का इलाज कराने में परेशानी होती है। बेहतर व्यवस्था के लिए प्रयास हो। -दिवाकर मंडल विद्यालय के अतिक्रमित जमीन को अविलंब मुक्त कराए जाने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। -अशोका देवी समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में रोजगार की व्यवस्था हो। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आए। -सरस्वती देवी वन शौचालय की राशि नहीं मिलने से बहू-बेटियों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। वंचितों को शौचालय की राशि मिले, जिससे खुले में शौच जाने पर रोक लग सके। -सागर कुमार विभिन्न पेशन से वंचित लोगों को पेंशन दिलाए जाने की व्यवस्था हो। जिससे कि वंचितों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। -शंकर कुमार स्कूल परिसर में उपस्वास्थ्य केन्द्र रहने के कारण मरीजों को अस्पताल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अलग जगह अस्पताल बने। -मुन्ना कुमार विजयनगर गांव अब तक सोलर लाइट नहीं लगाया गया है। जिसके कारण रात में पूरा गांव अंधेरे में डूबा रहता है। इस ओर ध्यान दिया जाए। -कारेलाल मंडल बोले जिम्मेदार विजयनगर में जो भी समस्याएं हैं उसका निदान किया जाएगा। सोलर लाइट भी लगाए जाएंगे। कच्ची गलियों को पक्की बनाया जाएगा। जल निकासी की समस्याओं को भी दूर किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य जो भी समस्याएं हैं, उसे भी दूर किया जाएगा। इसके अलावा भी जो बड़ी समस्याएं हैं उसके लिये संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर उसका हल किया जाएगा। श्वेता कुमारी, मुखिया ग्राम पंचायत, इटहरी,जमालपुर शिकायत 1. सौ घरों तक नहीं पहुंच रहा नल जल का पानी, इसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 2. गांव में जल निकासी की बड़ी समस्या, इसके कारण लोगों को संक्रामक बीमारी का डर सता रहा है। 3. सकूल में पीने लायक पानी नहीं है। छात्रों को शुद्ध पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। 4. पुस्तकालय नहीं रहने से छात्र एवं छात्राओं को हो रही है परेशानी, पढ़ाई बाधित। 5. विद्यालय के अंदर अस्पताल रहने से परेशानी होती है। सुझाव 1. पेयजल से वंचित सौ परिवारों को अविलंब मिले पानी की सुविधा, जिससे उनकी समस्या होगी दूर। 2. गांव के अंदर हो जल निकासी की समस्याएं दूर, लोग बीमार होने से बचेंगे। 3. स्कूल में शुद्ध पेयजल की हो व्यवस्था, इससे उनका समय बर्बाद नहीं होगा। 4. गांव के अंदर विद्यार्थियों के लिए हो पुस्तकालय की सुविधा 5. विद्यालय के अंदर स्थित उपस्वास्थ्य केन्द्र को दूसरे जगह स्थापित करने की हो व्यवस्था।
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