अवकाश नहीं उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में लगाए गए थे शिक्षक
कुलसचिव ने 10 दिनों से ज्यादा अवकाश की सूचना पर किया था शोकॉज जेपी कॉलेज

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता टीएमबीयू के तीन अंगीभूत कॉलेजों में नियम से ज्यादा अवकाश देने मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले में मुरारका कॉलेज सुल्तानगंज, मदन अहिल्या महिला कॉलेज नवगछिया एवं जेपी कॉलेज नारायणपुर के प्रभारी प्राचार्य को शोकॉज किया गया था। जेपी कॉलेज, नारायणपुर के प्रभारी प्राचार्य ने मामले में अपना जवाब कुलसचिव डॉ. रामाशीष पूर्वे को भेज दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिन शिक्षकों के परिनियम से ज्यादा अवकाश लेने की जानकारी विवि को हुई है। वे सभी छह शिक्षक मुख्यालय में परीक्षा के उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए प्रतिनियुक्त किए गए हैं। वे कॉलेज की ड्यूटी से गायब नहीं हैं, बल्कि कॉपी मूल्यांकन में थे।
शोकॉज में डॉ. केके मंडल को 49 दिन, डॉ. शैलेंद्र कुमार को 25 दिन, डॉ. जुलेश्वर प्रसाद कुशवाहा को 19 दिन, डॉ. अक्षय कुमार अंजनी को 30 दिन, डॉ. दिव्यानंद को 25 दिन और डॉ. जलेश्वर सिंह को 12 दिनों का अवकाश मार्च, अप्रैल और मई माह में देने का जिक्र था। अपने जवाब में प्रभारी ने कहा है कि जिन शिक्षकों को वेतन प्रपत्र में डीएल दिखाया गया था, वे ड्यूटी लीव में थे। इस कारण उसे कर्तव्य अवकाश में नहीं जोड़ा जाए। कुलसचिव ने कहा है कि राजभवन द्वारा अर्न लीव, लीव सैलेरी, कैजुअल लीव, स्पेशल कैजुअल लीव, ड्यूटी लीव, एकेडमिक लीव एवं पैटरनिटी लीव आदि को संशोधित रूप से प्रावधानित किया है। इस नियम के मुताबिक शिक्षक एवं कर्मियों को एक शैक्षणिक वर्ष में 10 दिनों का कर्तव्य अवकाश का प्रावधान है, लेकिन कई स्थानों से अधिक छुट्टियों की जानकारी मिली थी। इस कारण जवाब मांगा गया था।
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