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बोले मुंगेर: गांव को बचाने के लिए गंगा के किनारे बने गार्डवाल

तौफिर गांव, मय पंचायत में, कटाव और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। यहां के ग्रामीणों की 25,000 की जनसंख्या कई समस्याओं का सामना कर रही है, जैसे भूखमरी, जर्जर सड़कें और जलजमाव। सरकार की योजनाओं...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 25 June 2025 04:03 AM
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बोले मुंगेर: गांव को बचाने के लिए गंगा के किनारे बने गार्डवाल

प्रस्तुति : नवीन कुमार झा / अमरेन्द्र कुमार

सदर प्रखंड की एक ऐसा गांव जहां के लोगों के समक्ष हमेशा ही कुछ न कुछ परेशानियां पीछा नहीं छोड़ता है। जी हां वह गांव है मय पंचायत की तौफिर गांव। इस गांव में 600 घर है। जबकि आबादी की बात करें तो 25 हजार की आवादी इस गांव में है। कई बार कटाव से विस्थापित हो चुके तौफिर गांव के लोग पशुपालन के साथ ही खेती पर आश्रित हैं। यहां सबसे बड़ी समस्या कटाव की है। कटाव की चपेट में सैकड़ों बीघा जमीन गंगा नदी में प्रति वर्ष समा जाता है। जिसके कारण इन लोगों के समक्ष भूखमरी की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर संवाद के दौरान उभर कर सामने आईं।

मुंगेर सदर प्रखंड की मय पंचायत के तौफिर गांव में कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। कई बार कटाव से विस्थापित हो चुके ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए समस्याओं की बौछाड़ लगा दी। ग्रामीणों ने कहा कि समस्याओं के निदान के लिये जिम्मेदार कोई ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। के कई दशकों बाद भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ग्रामीणों ने कहा कि कटाव, नाला की सफाई, शिक्षा, शौचालय, कीचड़मय जर्जर सड़कें सहित अन्य कई समस्याएं गांव में हैं, जिससे ग्रामीणों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार कटाव से विस्थापित हो चुके तौफिर गांव के लोग पशुपालन के साथ ही खेती पर आश्रित है। यहां के लोगों को सालो भर कुछ न कुछ समस्याएं परेशान करती है। सबसे बड़ी समस्या कटाव की है। कटाव की चपेट में सैकड़ो बीघा जमीन गंगा नदी में प्रति वर्ष समा जाता है। जिसके कारण इन लोगों के समक्ष भूखमरी की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी समस्या तौफिर गांव की मुख्य सड़कों पर बरसात के दिनों में ही नहीं सालों भर जलजमाव के साथ कीचड़मय की स्थितियों में चलना बड़ी मुश्किल हो जाता है। स्कूलों में छात्र एवं छात्राओं के अलावा बाहर से आने वाले शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गांव की विकास को लेकर राज्य तथा केन्द्र सरकार कई योजनाओं का संचालन कर रही है। लेकिन अब तक जो विकास होना चाहिये था, वह तौफिर गांव में नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि काफी संख्या में सही रूप में बाढ़ पीड़ितो को अब भी बाढ़ राहत राशि नहीं मिला है। बिना प्रभावित हुए लोगों को बाढ़ राहत राशि दी गई। ग्रामीणों ने कहा कि हमलोगों को बाढ़ की त्रासदी के अलावा कई बार अगलगी का शिकार होना पड़ा है। बावजूद जिम्मेदार इस ओर विशेष ध्यान नहीं देते हैं। गांव में कचड़ा का उठाव भी नहीं होता है। जिसके कारण गांव में स्वच्छता का कोई कार्य नहीं दिखता है। वर्तमान में गंदगी ही गांव की पहचान बन चुकी है।

लगान निर्धारण नहीं होने से दियारा में भू-माफिया का साम्राज्य स्थापित

गांव के अधिकांश किसानों का टोपो लैंड रहने से भूमि का लगान निर्धारण नहीं किया जा रहा है। लोगों ने बताया कि लगान निर्धारण नहीं रहने से दियारा में भूमाफिया का साम्राज्य स्थापित हो गया है। जमीन मापी की व्यवस्था सही रूप में होनी चाहिये। तौफिर गांव को बचाने के लिये गाइडबॉल की आवश्यकता है। गांव की मुख्य सड़कों व गलियों से कीचड़ की समस्या को दुर किया जाए। गांव में पीएम आवास, तथा शौचालय, से भी सैकड़ो लोग वंचित है। बाढ़ के समय गांव की 90 प्रतिशत घरों में गंगा नदी का पानी प्रवेश कर जाता है। बाढ़ का पानी निकलने के बाद गांव में कई तरह की संक्रामक रोग का प्रकोप लगा रहता है। ऐसी समस्याओं का सामाधान स्थानीय स्तर पर होना चाहिये। स्कूलों में पढ़ाई की बेहतर सुविधाओं के साथ ही पुस्तकालय की व्यवस्था होनी चाहिये। इसके साथ ही रोजगार सहित छोटी-छोटी समस्याएं जो ग्रामीणों के समक्ष है, उसे दुर किया जाना चाहिये। ग्रामीणों ने बताया कि काफी संख्या में सही रूप में बाढ़ पीड़ितों को अब भी बाढ़ राहत राशि नहीं मिला है।

मुख्य सड़कों व गलियों से कीचड़ की समस्या को दूर किया जाए

ग्रामीणों ने कहा कि पीएम आवास सर्वे में काफी धांधली हुई है। अब शक है कि सही लोगों का आवास के लिये सर्वे किया गया कि नहीं, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। गांव के अधिकांश किसानों का टोपो लैंड रहने से भूमि का लगान निर्धारण नहीं किया जा रहा है। लोगों ने बताया कि लगान निर्धारण नहीं रहने से दियारा में भ-ूमाफिया का साम्राज्य स्थापित हो गया है। जमीन मापी की व्यवस्था सही रूप में होनी चाहिये। तौफिर गांव को बचाने के लिये गाइडबॉल की आवश्यकता है। गांव की मुख्य सड़कों व गलियों से कीचड़ की समस्या को दूर किया जाए। गांव में पीएम आवास, तथा शौचालय, से भी सैकड़ों लोग वंचित है। बाढ़ के समय गांव की 90 प्रतिशत घरों में गंगा नदी का पानी प्रवेश कर जाता है। बाढ़ का पानी निकलने के बाद गांव में कई तरह की संक्रामक रोग का प्रकोप लगा रहता है।

इनकी भी सुनिए

मय पंचायत की तौफिर गांव के लोगों के लिए कटाव एक बड़ी समस्या है। इसे दूर किए जाने का आवश्यक पहल होनी चाहिए।

-संतोष कुमार यादव

युवा एवं युवती को प्रशिक्षण देकर रोजगार के साधन उपलब्ध कराया जाना चाहिये। जिससे गांव में रकर रोजगार कर सके।

-जोगेन्द्र यादव

गांव में प्रति दिन कचरा का उठाव सुनिश्चित किया जाए। कचरा का उठाव नहीं होने से गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

-सुबोध यादव

तौफिर गांव की मुख्य सड़कों की स्थिति चलने लायक नहीं रह गया है। एक तो सड़क जर्जर, तो वहीं दूसरी ओर कीचड़ से स्थिति बद से बदतर है।

-वकील यादव

नाला कई वर्षों से जाम रहने के कारण सड़ांध की स्थिति बनी हुई है। सड़ांध के कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है।

-महेश्वर यादव

टोपो लैंड रहने के कारण जमीन का लगान निर्धारण नहीं हो पाता है। जिसके कारण दियारा में जमीन माफियाओं का साम्राज्य स्थापित हो गया है।

-प्रमोद मंडल

तौफिर गांव में हर गली कीचड़मय हो गया है। समुचित जल निकासी नहीं रहने तथा नाला की सफाई नहीं होने से स्थिति विकराल हो गई है।

-विष्णुदेव

तौफिर गांव में किसानों की जमीन हर साल कटाव की चपेट में चला जाता है। जिसके कारण किसानों के समक्ष भूखमरी की समस्याएं होती है।

-गौतम कुमार

तौफिर गांव में नल जल व्यव्स्था का बुरा हाल हो गया है। इसे दुरूस्त किये जाने को लेकर अविलंब पहल होनी चाहिये।

-सौरभ कुमार

गांव में युवा एवं युवतियों को स्वरोजगारोन्मुखी बनाने के लिये उन्हें प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है। इस पर ध्यान देने की जरूररत है।

-नवल यादव

तौफिर गांव की विभिन्न विद्यालयों में वर्ग कक्ष सहित कई सुविधाओं का आभाव है। विद्यालय में बेहतर सुविधा प्रदान किया जाए।

-निरंजन यादव

तौफिर गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सिलाई-कटाई आदि का प्रशिक्षण की व्यवस्था हो ।

-संटू कुमार

तौफिर गांव के लोग खेती के साथ ही पशुपालन कर अपना जीवन-यापन करते हैं। इस दिशा में उन्हें पशुपालन विभाग की ओर से चल रहे योजनाओं का लाभ दिलाए जाने की दिशा में पहल होनी चाहिए। वहीं बिना प्रभावित हुए लोगों को बाढ़ राहत राशि दी गई। बाढ़ की त्रासदी के अलावा कई बार अगलगी का शिकार होना पड़ा है।

-गौतम यादव

पीएम आवास के लिये हुए सर्वे में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। किन लोगों का सर्वे हुआ है और किन लोगों का सर्वे नहीं हुआ है, इसकी जांच कराते हुए छुटे हुए लोगों का नाम सूची में अंकित कराया जाए। कई बुनियादी समस्याएं परेशानियों का सबब बना हुआ है।

-मंचन

गांव में कचड़ा का उठाव भी नहीं होता है। जिसके कारण गांव में स्वच्छता का कोई कार्य नहीं दिखता है। वर्तमान में गंदगी ही गांव की पहचान बन चुकी है। जर्जर सड़क के किनारे नाला है, लेकिन नाला जाम रहने से सड़ांध की स्थिति बनी हुई है।

-मोहन रजक

बोले जिम्मेदार

तौफिर के लोगों की जो भी समस्याएं हैं उसे दूर किये जाने का प्रयास किया जाएगा। कटाव, टोपो लैंड जमीन का मामल उच्च स्तरीय है। फिर भी इस संबंध में वरीय अधिकारियों को अवगत कराएंगे। जहां तक कचरा उठान नहीं हो रहा है, इसकी जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। जर्जर सड़क एवं कीचड़ की समस्या के सामाधान को लेकर प्रयास किया जाएगा।

आर के राघव, बीडीओ ,सदर मुंगेर

शिकायत

1. तौफि गांव के लोगों के लिए कटाव एक बड़ी समस्या।

2. तौफिर गांव के किसानों के लिए टोपो लैंड की समस्या।

3. तौफिर गांव में जर्जर सड़क व कीचड़ की समस्या।

4. तौफिर गांव में कचरा का नहीं हो रहा उठाव।

5. नल जल योजना के तहत जलमीनार की जर्जरता से परेशानी।

सुझाव

1. तौफि गांव के लोगों के लिए कटाव की समस्या किया जाए दूर। होगा फायदा।

2. तौफिर गांव के किसानों के लिए टोपो लैंड की समस्याओं का हो सामाधान।

3. तौफिर गांव में जर्जर सड़क व कीचड़ की समस्या का हो अविलंब निदान।

4. तौफिर गांव में प्रति दिन हो कचरे का उठाव।

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