सुल्तानगंज में हरे बांस से कांवर फट्टी बनाने में जुटे कारोबारी
श्रावणी मेला में कांवर फट्टी की बढ़ जाती है मांग सात किस्म के बांस का

सुल्तानगंज।निज संवाददाता श्रावणी मेला से जुड़े कारोबारी मेला की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हैं। हरे बांस से कांवर फट्टी बनाने वाले यहां के दर्जन भर कारोबारियों ने कांवर फट्टी बनवाना शुरू कर दिया है। इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने बताया कि दो दशक पहले तक कांवर फट्टी बनाने का कार्य कोलकाता में होता था। यहां के कांवर दुकानदार कोलकाता से फट्टी लाकर बेचते थे। अब स्थानीय स्तर पर ही कांवर फट्टी बनाने का कार्य किया जाता है। इस कारोबार से लगभग दो दर्जन कारोबारी कांवर फट्टी तैयार करते हैं। जो मेला प्रारंभ होने के कई दिनों पहले शुरू कर देते हैं।
कांवर फट्टी तैयार करने में सात अलग-अलग किस्मों की हरे बांस का आयात उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया के अलावा झारखंड के गोड्डा और दुमका जिले से किया जाता है। यहां मुरारका कॉलेज रोड, एके गोपालन कॉलेज रोड, कृष्णगढ़ मोड़, ब्लॉक रोड में लगभग दो दर्जन बांस कारोबारी कांवर फट्टी तैयार कराते हैं। कारोबारी लगभग दो सौ बढ़ई मिस्त्री और दो हजार से अधिक मजदूरों को दो महीने रोजगार उपलब्ध कराते हैं। कारोबारी चंदन कुमार साह ने कांवर फट्टी तैयार कराना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार बांस की कीमत और कांवर फट्टी तैयार करने की मजदूरी पिछले मेला से बढ़ जाने के कारण इस बार इस धंधे में अधिक पूंजी निवेश करना पड़ रहा है। कारोबारियों की मानें तो कांवर दुकान लगाने वाले दुकानदारों द्वारा मेला प्रारंभ होने के पूर्व इन बांस कारोबारी से संपर्क कर कांवर फट्टी बनाने का ऑर्डर दिया जाता हैं। ऑर्डर के अनुसार कारोबारी कांवर फट्टी तैयार कराकर दुकानदारों को उपलब्ध कराते हैं। यह काम मेला प्रारंभ होने के एक पखवाड़ा पहले से लेकर भादो मास की पूर्णिमा तक चलता है।
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