बोले मुंगेर: हर साल गंगा नदी में समा रही उपजाऊ जमीन, किसान बेबस
मुंगेर सदर प्रखंड के शंकरपुर गांव में विकास के बावजूद कई बुनियादी समस्याएं बनी हुई हैं। यहां जल संकट, गंगा नदी का कटाव, शिक्षा की कमी और जर्जर सड़कों जैसी समस्याएं ग्रामीणों की आजीविका पर संकट पैदा कर...

प्रस्तुति : नवीन कुमार झा / अमरेन्द्र कुमार
सदर प्रखंड की शंकरपुर पंचायत का शंकरपुर गांव एक ऐसा गांव है, जहां बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे लोग हैं। यहां के कई निवासी नौकरी-पेशा में हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। हालांकि गांव का विकास बीते वर्षों में काफी तेजी से हुआ है, लेकिन आज भी यहां रहने वाले ग्रामीणों को कई बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शंकरपुर गांव में लगभग 3,500 घर हैं, जिसकी आबादी करीब 16,000 है और इनमें 9,000 से अधिक मतदाता हैं। गांव के अधिकांश लोग नौकरी के अलावा पशुपालन और खेती पर निर्भर हैं। बावजूद इसके, ग्रामीणों को साल भर किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ता है। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर संवाद में उभर कर सामने आईं।
मुंगेर सदर प्रखंड की शंकरपुर पंचायत के शंकरपुर गांव में जहां एक ओर विकास के कई कार्य हुए हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण आज भी कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गांव के किसानों की जमीन हर साल गंगा नदी के कटाव की चपेट में आकर बर्बाद हो रही है, जिससे आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि विकास कार्य जरूर हुए हैं, लेकिन अब भी जल संकट, नाला सफाई, शिक्षा, शौचालय और जर्जर सड़कों जैसी समस्याएं आमजन के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल सैकड़ों बीघा जमीन गंगा नदी में समा जाती है। इससे किसानों को न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि कई बार उन्हें भूखमरी जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ता है। गांव के करीब पांच सौ घरों में अबतक नल-जल योजना की सुविधा नहीं पहुंच सकी है। वहीं, पीएम आवास योजना और शौचालय निर्माण से भी सैकड़ों लोग वंचित हैं। ग्रामीणों ने मांग की कि सभी पात्र लाभुकों को योजनाओं का लाभ अविलंब मिलना चाहिए। विद्यालयों में छात्रों के लिए कक्षाओं की भारी कमी है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने बेहतर पढ़ाई के लिए पुस्तकालय की सुविधा और अतिरिक्त कक्षों की मांग की है। बाढ़ के दौरान गांव के करीब 50 प्रतिशत घरों में गंगा का पानी प्रवेश कर जाता है। पानी निकलने के बाद गांव में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि राहत राशि भी अभी तक सभी पीड़ितों को नहीं मिल पाई है। गांव की कई सड़कें जर्जर स्थिति में हैं, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कत होती है। अधिकांश किसानों की भूमि ‘टोपो लैंड’ में आती है, जहां अब तक लगान निर्धारण नहीं हुआ है। इससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। ग्रामीणों ने कहा कि दशकों बाद भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव गांव की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। इन समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।
पानी की किल्लत और फेल होते बोरिंग से परेशान
गांव की सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है। हर साल जलस्तर नीचे खिसक जाने के कारण गर्मी में बोरिंग फेल हो जाते हैं। वर्तमान में लगभग 500 घर ऐसे हैं, जहां पानी की सुविधा नहीं पहुंची है। गांव के करीब 300 लोग अब भी शौचालय निर्माण की राशि से वंचित हैं। वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किए गए सर्वे में 100 से अधिक पात्र लोगों के नाम छूट गए हैं। बड़ी आबादी होने के बावजूद गांव में अब तक कोई अस्पताल नहीं है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ग्रामीणों को दूर जाना पड़ता है। हर वर्ष गंगा नदी की कटाव से सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि नदी में समा जाती है, जिससे कई परिवारों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है।
जर्जर सड़कें, शिक्षा व्यवस्था में भी कमी
बरसात के दिनों में मुख्य सड़कों पर जलजमाव की समस्या आम हो जाती है। नालों की नियमित सफाई न होने के कारण बदबू और सड़ांध की स्थिति बनी रहती है। गांव की कई सड़कें जर्जर हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाई होती है। शंकरपुर गांव के विभिन्न विद्यालयों में कक्षाओं की कमी है। पर्याप्त वर्ग कक्ष न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, जिससे उनके भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने स्कूलों में पुस्तकालय और बेहतर शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। बाढ़ के समय जल निकासी के बाद गांव में संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी रहती है।
समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए
मुंगेर सदर प्रखंड के शंकरपुर पंचायत अंतर्गत शंकरपुर गांव में हिंदुस्तान टीम द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं खुलकर रखीं। उन्होंने बताया कि गंगा नदी के कटाव से हर वर्ष सैकड़ों बीघा जमीन बह जाती है, जिससे खेती पर निर्भर ग्रामीणों को आर्थिक संकट झेलना पड़ता है। नल-जल और शौचालय व प्रधानमंत्री आवास योजना से सैकड़ों लोग वंचित हैं।जर्जर सड़कों, गंदे नालों, स्कूलों में कमरों की कमी, पुस्तकालय व रोजगार के अभाव जैसी समस्याएं भी सामने आईं। ग्रामीणों ने कहा कि बाढ़ के समय आधे गांव में पानी घुस जाता है। ग्रामीणों ने मांग की कि वर्षों से चली आ रही इन बुनियादी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।
इनकी भी सुनिए
पानी एक बड़ी समस्या है। इसे दूर किए जाने का आवश्यक पहल होनी चाहिए। भूगर्भीय जलस्तर गिरने से बोरिंग से भी पानी नहीं निकलता है।
-दीपक कुमार मुन्ना
शौचालय से वंचित लोगों को अविलंब राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे ग्रामीण खुले में शौच नहीं जाए।
-विशाल कुमार
जाम पड़े नाला की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जिससे की बरसात के दिनों में सड़ांध की स्थिति से निजात मिल सके।
-संतोष कुमार
जर्जर सड़कों के जिर्णोद्धार को लेकर अविलंब पहल होनी चाहिए। अभी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
-रौशन कुमार
टोपो लैंड की समस्या दूर हो। लगान निर्धारण नहीं होने से किसानों की जमीन को बाहुबली कब्जा कर लेते हैं।
-पवन यादव
शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में विशेष पहल होनी चाहिए। स्कूलों में वर्ग कक्ष की घोर कमी है। इस अविलंब दूर किया जाना चाहिए।
-विक्की कुमार
समुचित जल निकासी नहीं रहने तथा नाला की सफाई नहीं होने से स्थिति विकराल हो गई है। इसे दूर किया जाना चाहिए।
-माधो यादव
किसानों की जमीन हर साल कटाव की चपेट में चला जाता है। जिसके कारण किसानों के समक्ष भूखमरी की समस्याएं होती हैं।
-शंभू सोनी
शंकरपुर गांव में नल जल व्यव्स्था का बुरा हाल हो गया है। इसे दुरूस्त किए जाने को लेकर अविलंब पहल होनी चाहिए।
-कुमार संजीव सौरभ
गांव में युवा एवं युवतियों को स्वरोजगारोन्मुखी बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किए जाने की आवश्यकता है। इस पर ध्यान देने की जरूररत है।
-सूरज कुमार
गांव की विभिन्न विद्यालयों में वर्ग कक्ष सहित कई सुविधाओं का आभाव है। विद्यालय में बेहतर सुविधा प्रदान किया जाए।
-सन्नी कुमार
गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सिलाई-कटाई आदि का प्रशिक्षण की व्यवस्था हो। जिससे लोगों को फायदा हो।
-कुमार गौरव
गांव के लोग खेती के साथ ही पशुपालन कर अपना जीवन-यापन करते हैं। योजनाओं का लाभ दिलाए जाने की दिशा में पहल हो।
-मिथुन कुमार
शौचालय से वंचित ग्रामीणों को अविलंब राशि का भुगतान किया जाए। जिससे कि ग्रामीण शौचालय का निर्माण करा सके।
-बंटी कुमार
युवा एवं युवतियों के लिए स्वरोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिये युवा एवं युवतियों को प्रशिक्षित कर लोन दिलाएं।
-कारेलाल
छात्र एवं छात्राओं को पढ़ाई में सहयोग करने के लिए शंकरपुर गांव में पुस्ताकलय की व्यवस्था होनी चाहिए।
-राजेश कुमार
बोले जिम्मेदार
गांव के विकास को लेकर काफी कार्य किया गया है। कई कार्य अब भी बांकी है। पंचायत में हर साल गर्मी के दिनों में भू-गर्भीय जलस्तर काफी नीचे चला जाता है। जिसके कारण नल जल व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ता है। अस ओर ध्यान दिया जा रहा है। जल्द ही समस्याओं का निदान किया जाएगा। इसके अलावा जो भी समस्याएं है उसे भी दुर किया जाएगा।
-मोना भारती, मुखिया, ग्राम पंचायतराज शंकरपुर ,सदर मुंगेर
शिकायत
1. शंकरपुर गांव के लोगों के लिए पानी एक बड़ी समस्या है।
2. शंकरपुर गांव के किसानों के लिए टोपो लैंड की समस्या।
3. शंकरपुर गांव में जर्जर सड़क की समस्या।
4. शंकरपुर गांव में नाला जाम की समस्या।
5. स्कूलों में वर्ग कक्ष की कमी होने की समस्या। इसके कारण आने वाली पीढ़ियों का भविष्य अधर में।
सुझाव
1. शंकरपुर गांव में पानी की समस्याओं को किया जाए दूर।
2. शंकरपुर गांव के किसानों के लिए टोपो लैंड की समस्याओं का हो सामाधान।
3. शंकरपुर गांव में जर्जर सड़क की समस्या हो दूर।
4. नाला जाम की समस्या का हो निदान।
5. शंकरपुर गांव में पुस्तकालय की हो व्यवस्था।
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