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बोले मुंगेर : बाढ़ से आफत, सिंचाई का भी संकट, जीना हुआ मुहाल

रामदिरी सीताकुंड गांव के लोग कई दशकों पहले विस्थापित होकर यहां बसे हैं, लेकिन अब भी गांव में बुनियादी समस्याएं हैं। जर्जर सड़कों, शौचालयों की कमी और उचित राहत राशि न मिलने जैसी समस्याएं ग्रामीणों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरTue, 24 June 2025 04:19 AM
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बोले मुंगेर : बाढ़ से आफत, सिंचाई का भी संकट, जीना हुआ मुहाल

प्रस्तुति : नवीन कुमार झा / अमरेन्द्र कुमार

नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत के रामदिरी सीताकुंड के लोग कई दशकों पहले विस्थापित होकर यहां बसे हैं। बावजूद अबतक विकास के मामले में यह गांव पिछड़ा हुआ है। कई बुनियादी समस्याएं आम जनों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है। यहां के लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या जर्जर सड़क की है, सड़क के किनारे नाला नहीं रहने से आए दिन यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं काफी संख्या में सही रूप में बाढ़ पीड़ितों को अब भी बाढ़ राहत राशि नहीं मिली है। हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर संवाद के दौरान लोगों ने अपनी परेशानी साझा की और समाधान के उपाय भी सुझाए।

दर प्रखंड की नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत के रामदिरी सीताकुंड गांव में आजादी के कई दशकों बाद भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा, शौचालय, नाली का आभाव, जर्जर सड़क सहित कई समस्याएं गांव में है, जिसका निराकरण काफी आवश्यक है। ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 76 साल बाद भी गांव के अंदर कई ज्वलंत समस्याएं मौजूद है। जिसका समाधान होना अति आवश्यक है। हालांकि ग्रामीणों ने कहा कि वैसे तो कई विकास के कार्य हुए हैं, लेकिन वर्तमान में छोटी-छोटी समस्याएं हैं जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां के अधिकांश लोग मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन हैरानी तो इस बात की है बाढ़ के दौरान जो लोग पूरी तरह से प्रभावित हुए थे, उसमें अधिकांश लोग बाढ़ राहत राशि से वंचित रह गए। लेकिन जो लोग प्रभावित नहीं हुए वैसे दर्जनों लोगों को बाढ़ राहत की राशि मिली है। ऐसी अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही वंचित लोगों को अविलंब बाढ़ राहत दिलाए जाने का कार्य किया जाए।

गांव के किसानों को बाढ़ आने पर काफी नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं रहने के कारण भगवान भरोसे खेती करना पड़ता है। वहीं नाला नहीं रहने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर सड़क के कारण आवागमन करने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई जगह तो सड़क के किनारे नाली का अभाव है, जिसके कारण घरों का पानी सड़कों पर जमा रहता है। गंदा पानी का बहाव नहीं हो पाता है। जिससे सड़ांध के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने गांव के अंदर विभिन्न विद्यालयों का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षक तो है लेकिन बच्चों के अनुसार विद्यालय में कमरों का अभाव है। अगर बच्चों को विद्यालय में बैठने की समुचित जगह मिले तो पठन-पाठन का भी माहौल बेहतर होगा। वहीं गांव में विवाह भवन भी नहीं है।

लोगों को नहीं मिला राशन कार्ड, योजना के लाभ से वंचित

पुस्तकालय के आभाव में बच्चों को परेशानी हो रही है। बाढ़ से निपटने को लेकर कोई स्थाई सामाधान नहीं हो रहा है। काफी संख्या में लोगों को राशन कार्ड तक नहीं है। रामदिरी सीताकुंड गांव के अधिकांश लोग मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं,स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने से दूसरे क्षेत्र में रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। शिक्षा के लिए जो भी विद्यालय है उसमें भवन का घोर आभाव है। स्कूलों में वर्ग कक्ष की कमी के कारण बच्चे बरामदा पर बैठ कर पठन-पाठन करने को मजबूर हैं। वहीं यहां के लोग हर साल बाढ़ की विभिषिका झेलने को विवश हैं। इस गांव के किसानों के समक्ष सिंचाई की बड़ी समस्या है। इसके अलावा गांव में परएम आवास, शौचालय से भी सैकड़ों लोग वंचित हैं। बाढ़ के समय अधिकांश घरों में गंगा नदी का पानी प्रवेश कर जाता है।

ग्रामीण मजदूरी करने के लिए पलायन को मजबूर

रामदिरी सीताकुंड गांव में 250 से भी अधिक परिवार जीवन यापन करते हैं। इस गांव की आबादी 35 सौ से भी अधिक है। मजदूरी पर आधारित रहने वाले इस गांव के मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं है। रोजगार के आभाव में यहां के लोग मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेश पलायान करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार की सुविधा मिल जाए तो जीवन यापन करने में सहूलियत होगी। गांव की बच्चों के लिए स्कूल तो है, लेकिन प्राय: सभी स्कूलों में वर्ग कक्ष की घोर कमी है। जिसके कारण बच्चों को पठन-पाठन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव में पुस्ताकलय की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे कि यहां के बच्चों को पढ़ाई में परेशानी होती है।

रामदिरी सीताकुंड गांव में किसानों के लिए सिंचाई की एक बड़ी समस्या है। जिसके कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

- खजांची मंडल

गांव में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था हो। जिससे युवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आए।

-अनुज कुमार पटेल

रामदिरी सीताकुंड गांव में मजदूरों के लिए रोजगार की समुचित व्यवस्था हो। यहां के मजदूरों को अक्सर काम नहीं मिलता है।

-अंगेश कुमार

सड़क जर्जर रहने तथा नाला नहीं रहने के कारण जल जमाव की समस्या बनी रहती है। इसे दूर किया जाना चाहिए।

-भूखन मंडल

रामदिरी सीताकुंड गांव में शौचालय के लिए सौ लोगों ने आवेदन किया है। लेकिन अबतक लोगों को राशि नहीं मिली है।

-प्रेमा देवी

रामदिरी सीताकुंड गांव में पुस्तकालय नहीं रहने के कारण बच्चों को आवश्यक पुस्तक के लिए जहां-तहां भटकना पड़ता है।

-रिंकू देवी

आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन हो, अपना भवन उपलब्ध होने के बाद ही बच्चों को सही रूप में व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा।

-जयप्रकाश मंडल

रोजी रोजगार को लेकर सरकार की ओर से स्थानीय स्तर पर व्यवस्था किया जाना चाहिए गांव के लोग कई प्रदेशों में मजदूरी करने जाते हैं।

-अनिता देवी

रामदिरी सीताकुंड गांव में नौकरी पेशा वाले लोगों की काफी कमी है। यहां के लोगों की मुख्य पेशा मजदूरी के साथ ही खेती है।

-गुंजन देवी

स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देकर आर्थिक सहयोग मिले तो काफी संख्या में गांव से पलायन किए लोग वापस आ सकते हैं।

-संगीता देवी

विद्यालय में कमरे की समस्या है। कमरों की कमी से बच्चों की पठन-पाठन की व्यवस्था में परेशानी आ रही है।

-मीरा देवी

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में रोजगार की व्यवस्था हो। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आए।

-पिंटू देवी

शौचालय की राशि नहीं मिलने से बहू-बेटियों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। जल्द से जल्द हम सभी वंचितों को शौचालय की राशि मिले।

-प्रियंका कुमारी

सभी ग्रामीण सड़कों के किनारे नाली का निर्माण हो, जिससे कि बारिश के दिनों में कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। जलजमाव से सड़ांध की स्थिति बन जाती है।

-निर्मला देवी

गांव में विवाह भवन या फिर सामुदायिक भवन नहीं रहने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सामुदायिक स्तर पर विवाह भवन की व्यवस्था किया जाए।

-महेश मंडल

रामदिरी सीताकुंड गांव में कई तरह की समस्याओं से लोगों को परेशानी हो रहा है। इसके निदान के लिए अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए।

-राकेश मंडल

बोले जिम्मेदार

नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत की रामदिरी सीताकुंड गांव की लोगों के समक्ष जो भी समस्याएं हैं। उसके निदान के लिए प्रयास चल रहा है। गांव में कार्य योजना बनाकर समस्याओं के निदान का प्रयास किया जाएगा। वहीं अन्य समस्याओं के निदान के लिए भी संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर उसका सामाधान किया जाएगा। बाढ़ को लेकर भी वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। पुस्तकालय निर्माण को लेकर प्रयास किया जाएगा। बाढ़ राहत राशि को लेकर भी संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर निदान कराया जाएगा। रोजी व रोजगार के लिए यूकोआरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त कर गांव के युवा एवं युवती उद्योग विभाग से लोन प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं।

आर के राघव, बीडीओ सदर मुंगेर

शिकायत

1. शौचालय की राशि से बरदह गांव के 100 घर अबतक वंचित। इसके कारण लोगों को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।

2. रामदिरी सीताकुंड गांव के किसानों के लिए सिंचाई की बड़ी समस्या है। जिम्मेदार इसका समाधान नहीं कर रहे।

3. रामदिरी सीताकुंड गांव में जर्जर सड़क की समस्या। योजना के माध्यम से समस्या दूर नहीं किया जा रहा है।

4. विद्यालयों में वर्ग कक्ष की कमी से पठन-पाठन में हो रही परेशानी। नहीं हो रहा समाधान।

5. गांव में पुस्तकालय नहीं रहने से बच्चों को होती है परेशानी।

सुझाव

1. शौचालय की राशि से वंचित 100 परिवारों को मिले अविलंब राशि, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

2. रामदिरी सीताकुंड गांव के किसानों के लिए सिंचाई की समस्या दूर किया जाए।

3. रामदिरी सीताकुंड में जर्जर सड़क की समस्या हो दूर।

4. विद्यालयों में वर्ग कक्ष की कमी को दूर किए जाने की जल्द हो पहल।

5. रामदिरी सीताकुंड गांव में पुस्तकालय निर्माण कराया जाए, जिससे बच्चों की समस्याएं हों दूर।

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