पूर्व एडीएम की सुनवाई से जांच आयुक्त का इंकार
सृजन घोटाला बोले, बतौर डीएम आरोपपत्र भर कर उन्होंने ही भेजा था विभाग को दूसरे

भागलपुर, मुख्य संवाददाता। सृजन घोटाला में आरोपित भागलपुर के पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह पर चल रही विभागीय सुनवाई के संचालन से जांच आयुक्त ने इंकार किया है। इसको लेकर जांच आयुक्त प्रणव कुमार ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव को लिखित जानकारी दी है। पत्र की कॉपी भागलपुर के डीएम को भी भेजी गई है। इस मामले में वर्तमान डीएलएओ राकेश कुमार प्रस्तुतिकरण पदाधिकारी हैं। प्रणव कुमार अभी गृह विभाग के सचिव भी हैं। जांच आयुक्त का कहना है कि आरोपित पदाधिकारी के खिलाफ प्रपत्र ‘क उन्होंने ही भरकर विभाग को भेजा था। जिस समय सामान्य प्रशासन विभाग को आरोप पत्र दिया गया था, उस वक्त वे (प्रणव कुमार) भागलपुर में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत थे।
ऐसे में आरोप लगाने वाले और सुनवाई करने वाले पदाधिकारी एक हैं। जो न्याय संगत नहीं है। ऐसे में राजीव रंजन सिंह के खिलाफ सुनवाई के लिए किसी अन्य जांच आयुक्त को संचालन पदाधिकारी के रूप में नामित किया जाए। सीबीआई कोर्ट में चल रहा मामला राजीव अपर समाहर्ता रैंक के अधिकारी थे। सीबीआई की चार्जशीट में आरोपित राजीव को जेल भेजा गया था। जमानत पर बेऊर जेल से निकलने के बाद राजीव विभागीय कार्यवाही में अपना पक्ष रखते आए हैं। जेल अवधि में ही राजीव रिटायर हो गए। राजीव सिंह को सेवानिवृत्ति उपरांत लाभ भी नहीं मिला तो वे हाईकोर्ट चले गए। जहां से पीएफ आदि देने का आदेश दिया गया। जिसका अनुपालन अब तक नहीं हो पाया है। जिला प्रशासन ने सवाल उठाया कि सीबीआई कोर्ट में मामला चल रहा है। यदि कोर्ट से राजीव दोषी पाए गए तो सरकारी राशि के गबन की वसूली कैसे की जा सकेगी? इसको लेकर विभाग से मंतव्य भी मांगा गया जो अब तक नहीं मिला है।
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