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कटिहार : रविवार को दाह-संस्कार में आए युवक की डूबकर मौत

कुरसेला का गंगा-कोसी संगम तट धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम और बुनियादी सुविधाओं की कमी है। हाल ही में डूबने की घटनाएं हुई हैं, जिससे स्थानीय...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 16 June 2025 05:23 PM
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कटिहार : रविवार को दाह-संस्कार में आए युवक की डूबकर मौत

कुरसेला, निज प्रतिनिधि कुरसेला का धार्मिक पावन गंगा-कोसी संगम तट, जो ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अस्थि भस्म का विसर्जन किया गया था, वहां आज श्रद्धालुओं की सुरक्षा इंतजाम के साथ बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। हर दिन यहां हजारों लोग अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते हैं और पर्व-त्योहारों के दौरान लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम पर डुबकी लगाने आते हैं। इसके बावजूद संगम घाट पर न तो कोई सुरक्षा उपाय है, न ही कोई बुनियादी सुविधाएं। नतीजतन, रविवार को एक और युवक की गंगा में स्नान के दौरान डूबने से मौत हो गई। पोठिया, रूचदेव सिमरिया से अपने संबंधी के अंतिम संस्कार में आए कुंदन मंडल (35 वर्ष) स्नान के दौरान गहरे पानी में जाकर डूब गए।

घंटों मशक्कत के बाद गोताखोरों ने शव बरामद किया। इससे पहले भी माघ पूर्णिमा के दिन अपने माता पिता और भाई के साथ गंगा स्नान करने आए रूपौली बसंतपुर निवासी सूरज कुमार झा (24) की डूबकर मौत हो चुकी है। धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के बावजूद उपेक्षा स्थानीय संगम बाबा, मोहित झा, श्रवण सिंह, रणधीर सिंह आदि लोगों ने बताया कि यह वही संगम तट है, जहां 1948 में महात्मा गांधी की अस्थि भस्म को श्रद्धा पूर्वक गंगा में विसर्जित किया गया था। इसके अलावा कई धार्मिक अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि इतना पवित्र और ऐतिहासिक स्थल आज सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में उपेक्षित पड़ा है। इसके विकास के लिए कोई पहल नहीं हो रहा है। स्थानीय लोगों की प्रशासन से मांग स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों ने प्रशासन से घाट पर प्रशिक्षित गोताखोरों की तैनाती, स्नान के लिए सुरक्षित जोन और चेतावनी बोर्ड लगवाने, श्रद्धालुओं के लिए लाइटिंग, जल, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही संगम तट को धार्मिक-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है।

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