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बोले मुंगेर: दो कमरों में 12वीं तक की पढ़ाई, शौचालय व पेयजल का भी संकट

महेशपुर गांव में कई बुनियादी समस्याएं हैं, जिनमें शिक्षा, जल, और जर्जर सड़कों की कमी शामिल है। यहां के स्कूल में सिर्फ दो कमरे हैं, नल जल कनेक्शन नहीं है, और 50 परिवार शौचालय की राशि से वंचित हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSun, 22 June 2025 03:12 AM
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बोले मुंगेर: दो कमरों में 12वीं तक की पढ़ाई, शौचालय व पेयजल का भी संकट

प्रस्तुति : नवीन झा / अमरेन्द्र कुमार

तारापपुर दियारा पंचायत के महेशपुर गांव में कई बुनियादी समस्याएं आम जनों के लिए परेशानियों का सबक बना हुआ है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या स्कूल की है। मात्र दो कमरे में पहली से 12 वीं तक की पढ़ाई होती है। सौ घरों में अबतक नल जल का कनेक्शन नहीं पहुंचा है। इसके अलावा गांव में सड़क जर्जर रहने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश के दिनों में जलजमाव से सड़ांध की स्थिति बन जाती है। गांव का अब भी 50 परिवार शौचालय की राशि से वंचित है। पुस्तकालय के नहीं रहने से बच्चों को बेहतर शिक्षा का लाभ नहीं मिलता है। काफी संख्या में लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। महेशपुर गांव बाढ़ प्रभावित रहने के कारण हर साल ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर में उभरकर सामने आईं।

मुंगेर सदर प्रखंड की तारापुर दियारा पंचायत के महेशपुर गांव में कईआजादी के दशकों से कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा, शौचालय, पानी, नाली जाम, जर्जर सड़क सहित कई समस्याएं गांव में है, जिसका निराकरण काफी आवश्यक है। शनिवार को हिंदुस्तान टीम महेशपुर गांव में ग्रामीणों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने कई समस्याओं का जिक्र किया। ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 76 साल बाद भी गांव के अंदर कई ज्वलंत समस्याएं मौजूद है। जिसका समाधान होना अति आवश्यक है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिये महज तीन सौ मीटर सड़क बनाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण काफी दुरी तय कर मुख्य सड़क पर जाना पड़ता है। इसके अलावा दर्जनों छोटी-छोटी समस्याएं हैं जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव में सबसे बड़ी समस्या स्कूल में वर्ग कक्ष की कमी है। दो कमरे में एक से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। इससे यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि वर्ग कक्ष की कमी से बच्चों के पढ़ाई कितना बेहतर होता होगा।

वहीं जर्जर सड़क के कारण आवागमन करने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई जगह तो नाली का अभाव है, जिसके कारण घरों का पानी सड़कों पर जमा रहता है। बारिश के दिनों में तो अत्यंत ही परेशानियों से गुजरना पड़ता है। वहीं सड़ांध के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकुल असर पड़ रहा है। तारापुर दियारा पंचायत की महेशपुर गांव में 2000 से भी अधिक परिवार जीवन यापन करते हैं। इस गांव की आबादी 2000 से भी अधिक है। जबकि1200 से भी अधिक मतदाता हैं। खेती पर आधारित रहने वाले इस गांव लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं है। रोजगार के आभाव में यहां के लोग मजदूरी के लिये दुसरे प्रदेश पलायान करने को मजबूर है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार की सुविधा मिल जाए तो जीवन यापन करने में सहुलियत होगी। गांव की बच्चों के लिये पुस्तकालय की व्यवस्था नहीं है। अगर पुस्तकालय की व्यवस्था हो जाए तो यहां के बच्चों को पढ़ाई में सहायता मिल सके। ग्रामीणों ने कहा कि शौचालय की राशि से वंचित लोगों को अविलंब राशि दिलाए जाने की व्यवस्था की जाए। वहीं कई महिलाओं ने कहा कि गांव के अंदर सिलाई सेंटर, कमजोर बच्चों के लिये कोचिंग सेंटर की व्यवस्था अविलंब किया जाए। गांव के अंदर आंगनबाड़ी केंद्र तो है, लेकिन केंद्र को अपना भवन ही नहीं है।

रोजगारोन्मुखी व्यवस्था से ही आएगी खुशहाली

वहीं गांव में विवाह भवन भी नहीं है इतना ही नहीं बच्चों को स्किल डेवलपमेंट के लिए स्थानीय स्तर पर कोर्स कराए जाने की व्यवस्था किया जाए, जिससे कि बच्चों में आत्मनिर्भरता का बोध हो सके। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि गांव के किसानों को खाता, खतियान खोजने तथा परिमार्जन में परेशानी होती है। अंचल कार्यालय में किसानों को अपने कार्य कराने में काफी परेशानी होती है। यहां तक कि आर्थिक दोहन का भी शिकार होना पड़ता है। महिलाओं ने कहा कि गांव में कुटीर उद्योग की व्यवस्था हो जिससे जो भी छोटी- छोटी समस्याएं हैं अगर उसे दूर कर दिया जाए तो गांव के लोगों को परेशानियों से निजात तो मिलेगा ही इससे पंचायत का भी विकास हो सकेगा। बेहतर शिक्षा,चिकित्सा के साथ ही रोजगारोन्मुखी व्यवस्था से ही गांव में खुशहाली आएगी।

इनकी भी सुनिए

सौ घरों अब तक नल जल की व्यवस्था नहीं हुई है। नल जल से वंचित लोगों को परेशानी होती है। पानी की समस्या को अविलंब दूर किया जाए।

-चंद्रशेखर प्रसाद

गांव में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था हो। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आए।

-बादल कुमार

गांव में पुस्तकालय नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके बिना बच्चों को बेहतर बनाना मुश्किल है।

-राजेश कुमार

आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन हो,जिससे बच्चों को सही रूप में व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा। संबंधित जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।

-मंजू रानी

खेल मैदान नहीं रहने से युवाओं का भविष्य अंधकारमय है। सरकार खेलों इंडिया के तहत महेशपुर में भी मैदान की व्यवस्था करे।

-कुंवर चंद्रेश

महेशपुर गांव में शौचालय के लिए 50 लोगों ने आवेदन किया है। लेकिन अबतक लोगों को राशि नहीं मिली है।

-कल्याणी देवी

महेशपुर गांव में पुस्तकालय नहीं रहने के कारण बच्चों को आवश्यक पुस्तक के लिए जहां-तहां भटकना पड़ता है।

-रूपेश कुमार

रोजगार को लेकर महेशपुर गांव के लोग कई प्रदेशों में मजदूरी करने जाते हैं। अगर गांव में मजदूरी मिले तो बेहतर होगा।

-गोपाल सिंह

महेशपुर गांव को मुख्य सड़कों से जोड़ने की अविलंब व्यवस्था होनी चाहिए। महज चारसौ मीटर सड़क निर्माण कार्य बाधित है।

-सपना कुमारी

महेशपुर गांव में कुटीर उद्योग की स्थापना के लिये जिम्मेदारों को अविलंब पहल करनी चाहिये। जिससे कि गांव में ही रोजगार प्राप्त हो सके।

-किनेश प्रसाद सिंह

विद्यालय में कमरे की समस्या है। कमरों की कमी से बच्चों की पठन-पाठन की व्यवस्था में परेशानी आ रही है।

-नीरज कुमार

समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में रोजगार की व्यवस्था हो। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आए।

-रूचि कुमारी

कटाव की समस्या यहां के लोगों की एक बड़ी चुनौती है। फ्लड फाइटिंग से स्थाई समस्याओं का सामाधान नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन को मजबूत पहल करनी चाहिए।

-उमाकांत सिंह

सभी ग्रामीण सड़कों के किनारे नाली का निर्माण हो, जिससे कि बारिश के दिनों में कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। जलजमाव से सड़ांध की स्थिति बन जाती है।

-राजीव कुमार

गांव में विवाह भवन या फिर सामुदायिक भवन नहीं रहने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विवाह भवन के साथ ही सामुदायिक भवन की व्यवस्था किया जाए।

-रामाश्रय प्र. सिंह

महेशपुर गांव में कई तरह की समस्याओं से लोगों को परेशानी हो रहा है। इसके निदान के लिये अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए। पीएम आवास का लाभ मिलना चाहिए।

-अशोक पासवान

बोले जिम्मेदार

तारापुर दियारा पंचायत अंतर्गत महेशपुर गांव के लोगों के समक्ष जो भी समस्याएं हैं उसके निदान के लिये प्रयास किया जाएगा। समस्याओं के निदान के लिये वहां जाकर समीक्षा की जाएगी। जो भी कमियां देखी जाएगी उस कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जो भी समस्याएं हैं उसके लिए संबंधित विभाग से बातचीत कर उसका हल निकाला जाएगा।

आरके राघव, बीडीओ, सदर मुंगेर

शिकायत

1. शौचालय की राशि से महेशपुर गांव के 50 घर अबतक वंचित। इसके कारण खासकर महिलाओं को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है।

2. महेशपुर गांव के सौ से अधिक घरों में नहीं पहुंच रहा नल का जल। इसके कारण ग्रामीण दूर से पानी ढोकर लाते हैं। जिससे इनकी दिनचर्या प्रभावित होती है।

3. महेशपुर गांव के विद्यालयों में वर्ग कक्ष नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई होती है बाधित।

4. जर्जर सड़क रहने से ग्रामीणों को हो रही है परेशानी।

5. पुस्तकालय नहीं रहने से बच्चों को नहीं मिलती बेहतर शिक्षा।

सुझाव

1. शौचालय से वंचित 50 परिवारों को मिले अविलंब राशि। जिससे समाज में इन्हें शर्मिंदगी नहीं उठानी पड़े।

2. महेशपुर गांव के पानी से वंचित सौ घरों को मिले नल का जल। जिससे लोगों के समय की बचत होगी।

3. महेशपुर गांव के विद्यालयों में हो समुचित वर्ग कक्ष की व्यवस्था। जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।

4. जर्जर सड़क से ग्रामीणों को अविलंब मिले निजात। जिससे खासकर बीमार परेशानी से बचेंगे।

5. महेशपुर गांव में कराया जाए अविलंब पुस्तकालय का निर्माण। बच्चों को फायदा।

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