कृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रेम, भक्ति और साहस का प्रतीक
गोराडीह, संवाददाता। गोराडीह प्रखंड के योगिया गांव में हो रहे सात दिवसीय श्रीमद्भगवत कथा के

गोराडीह प्रखंड के योगिया गांव में हो रहे सात दिवसीय श्रीमद्भगवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण और रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। जिसमें कथावाचक हरिनंदन महाराज ने बताया कि कृष्ण ने रुक्मणी का हरण कर उससे विवाह किया। जिससे यह विवाह संसार में प्रेम, भक्ति और साहस का परिचायक बना। जिसमें कहा गया कि रुक्मणी का विवाह शिशुपाल से तय हो गया था, लेकिन वह कृष्ण से प्रेम करती थी और उन्हीं से विवाह करने का निश्चय किया। उसने श्रीकृष्ण को संदेश भेजकर अपनी प्रेम और विवाह के बारे बताया। रुक्मणी ने अपने प्रेम के लिए संघर्ष किया और श्रीकृष्ण ने उसकी रक्षा की।
कथा के दौरान भव्य झांकी भी निकाली गई। जिसे देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए।
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