Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsGovernment Housing Scheme Assistants Demand Fair Pay and Recognition

बोले भागलपुर: ग्रामीण आवासकर्मियों की मांग, सरकार मानदेय बढ़ाये

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के आवास सहायकों की स्थिति खराब है। उन्हें कम मानदेय मिलने और सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। संघ ने सरकार से मानदेय पुनरीक्षण और स्थायी नौकरी की मांग की है।...

Yogendra Rai हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 28 June 2025 08:08 PM
share Share
Follow Us on
बोले भागलपुर: ग्रामीण आवासकर्मियों की मांग, सरकार मानदेय बढ़ाये

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सरकार के महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना को सफल बनाने में आवास सहायकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा भी सरकार की अन्य योजनाओं में आवास सहायकों की सहभागिता होती है। गरीबों का आशियाना बनाने में सहयोग करने वाले आवास सहायक खुद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राज्य ग्रामीण आवासकर्मी संघ, भागलपुर शाखा के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा और उसके अनुरूप सुविधाएं दे। पांच साल से मानदेय पुनरीक्षण नहीं होने से आवास सहायकों में नाराजगी है।

राज्य ग्रामीण आवासकर्मी संघ द्वारा नौकरी स्थायी करने और मानदेय पुनरीक्षण आदि की मांग लंबे समय से की जा रही है। मांग पूरी करने को लेकर कई बार संघ द्वारा आन्दोलन भी किया गया है। जिले में करीब 150 ग्रामीण आवास कर्मी कार्यरत हैं। इसमें आवास सहायक, आवास सुपरवाइजर और लेखा सहायक शामिल हैं। आवास सहायक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभुकों के चयन और सूची तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा आवास निर्माण कार्य की निगरानी करते हैं। आवास सहायकों का कहना है कि वर्तमान में सरकार जितना मानदेय दे रही है। उससे परिवार का भरण-पोषण और बच्चों को पढ़ाने में परेशानी हो रही है। सरकार को जल्द से जल्द आवास सहायकों की मांग पूरी करनी चाहिए।

राज्य ग्रामीण आवासकर्मी संघ भागलपुर शाखा के जिला अध्यक्ष अमित कश्यप ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अलावा आवास सहायकों से आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बिजली सर्वे, निर्वाचन, श्रावणी मेला, बाढ़, परीक्षा आदि में भी काम लिया जाता है। पर्व-त्योहारों में मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्ति की जाती है। लेकिन आवास सहायकों को सुविधाएं नहीं दी जा रही है। सरकार ग्रामीण आवासकर्मियों (ग्रामीण आवास सहायक, ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक और प्रखंड लेखापाल ग्रामीण आवास) की सेवा स्थायी करे और राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में कार्यरत आवास कर्मियों के मानदेय का पहली बार पुनरीक्षण 2018 में किया गया था। पुनरीक्षित मानदेव का निर्धारण करते हुए प्रत्येक वर्ष एक जनवरी को मूल मानदेय का चार प्रतिशत राशि वार्षिक वृद्धि सहित अन्य प्रावधान किया गया था। सात साल बीत जाने के बाद भी मानदेय का पुन: पुनरीक्षण नहीं किया गया है। जबकि पांच साल में महंगाई दर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। महंगाई बढ़ने के चलते परिवार का भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि जरूरतों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। सरकार ग्रामीण आवासकर्मियों के वर्तमान मानदेय का पुन: पुनरीक्षण करे। मानदेय में प्रतिवर्ष न्यूनतम 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि करने का प्रावधान किया जाए। महंगाई भत्ता सहित अन्य भत्ते में वृद्धि के साथ बाजार दर के अनुरूप तीन वर्ष पर मानदेय पुनरीक्षण का प्रावधान किया जाए। उनके समकक्ष या उससे नीचे के कर्मियों को आवास सहायकों से अधिक मानदेय दिया जा रहा है। गोपालपुर प्रखंड के आवास सहायक मो. तारिक अनवर ने बताया कि ग्रामीण आवास सहायकों को कम से कम 40 हजार रुपये महीने मानदेय मिलना चाहिए। तभी परिवार का भरण-पोषण ठीक से किया जा सकता है। वर्तमान में मानदेय बहुत कम मिल रहा है। ग्रामीण आवासकर्मियों को समूह बीमा, चिकित्सा बीमा, राज्य बीमा और विशेष आवास योजना की सुविधा सरकार को उपलब्ध करानी चाहिए।

रंगरा चौक प्रखंड की आवास सहायक रश्मि कुमारी ने बताया कि आवास सहायकों की तैनाती गृह प्रखंड के आसपास के प्रखंडों में होनी चाहिए। कहलगांव उनका गृह प्रखंड है। रोज रंगरा चौक आने-जाने में सात-आठ घंटे लग जाते हैं। बैठक आदि के चलते देर शाम तक प्रखंड कार्यालय में रहना पड़ता है। कई बार घर लौटने में रात हो जाती है। एक तरफ सरकार कम मानदेय दे रही है। दूसरी तरफ गृह प्रखंड से काफी दूर तैनाती की गयी है। कम मानदेय के चलते परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी हो रही है। महिला और दिव्यांग ग्रामीण आवासकर्मियों को गृह प्रखंड में पदस्थापित किया जाए। सरकार इसके लिए नियमावली बनाए। शाहकुण्ड के आवास सेवक रविकांत चौधरी और संजीव कुमार ने बताया कि कई बार लाभुकों की शिकायत पर बिना जांच कार्रवाई कर दी जाती है। शिकायत मिलने पर पहले जांच हो। जांच में दोषी पाए जाने पर ही कार्रवाई की जाए। नियोजित शिक्षकों की भांति मृत्यु होने पर ग्रामीण आवासकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा का लाभ देने का प्रावधान सरकार को करना चाहिए। ग्रामीण आवासकर्मियों को सरकारी स्थायी नौकरी की परीक्षाओं में अधिकतम उम्र सीमा में छूट और कार्य अनुभव का वेटेज मिलना चाहिए।

बोले जिम्मेदार

ग्रामीण आवास कर्मियों की मांग पर सरकार और विभाग स्तर से ही निर्णय लिया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर मांगों पर विचार करना संभव नहीं है। अगर हड़ताल के चलते काम प्रभावित होगा तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

-प्रदीप सिंह, उप विकास आयुक्त, भागलपुर

ग्रामीण आवासकर्मियों के रिक्त पदों को भरा जाए

राज्य ग्रामीण आवासकर्मी संघ भागलपुर शाखा के जिलाध्यक्ष अमित कश्यप ने बताया कि बिहार में ग्रामीण आवासकर्मियों का बहुत पद रिक्त है। इसका बोझ दूसरे कर्मियों पर पड़ रहा है। सरकार ग्रामीण आवासकर्मियों के रिक्त पदों को भरने की तत्काल व्यवस्था करे। दिव्यांग और महिला ग्रामीण आवासकर्मियों को विशेष सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। ग्रामीण विकास विभाग में ग्रामीण आवास, पर्यवेक्षक, लेखापाल, आवास सहायक का सृजन वर्ष 2013 में किया गया था। जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में राज्य द्वारा दिए गए लक्ष्य पर आवासकर्मी से घर का निर्माण पूर्ण कराना था। नियोजन के बाद से सुपरवाइजर, आवास सहायक और लेखापाल का मानदेय तय किया गया था। पहली बार 2018 में ग्रामीण आवासकर्मियों के मानदेय का पुनरीक्षण किया गया था। लेकिन सात साल बाद भी मानदेय का पुन: पुनरीक्षण नहीं किया गया है। सरकार को मानदेय बढ़ाना चाहिए।

अवकाश में काम करने पर अतिरिक्त राशि मिले

ग्रामीण आवास सहायक आशीष कुमार ने बताया कि गरीब परिवार को पक्का मकान देने के लिए सरकार द्वारा आवास योजना चलाई गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भारत सरकार एवं राज्य सरकार सम्मिलित रूप से हर गरीब को पक्का मकान देने का कार्य ग्रामीण आवासकर्मियों के माध्यम से कराती है। आवासकर्मियों से 12 वर्षों से कार्य लिया जा रहा है। अवकाश के दिन महत्वपूर्ण परीक्षाओं में भी आवासकर्मी को दंडाधिकारी के रूप में तैनाती की जाती है। इसके लिए आवासकर्मियों को किसी प्रकार का भत्ता या राशि भुगतान नहीं किया जाता है। अवकाश के दिन काम करने पर अतिरिक्त राशि मिलनी चाहिए। राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने सहित कई कार्य ग्रामीण आवास सहायक से लिया जाता है।

ग्रामीण आवासकर्मियों के मानदेय में वृद्धि हो

ग्रामीण आवास सहायक राम रिगन ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा न्याय के साथ विकास करने की बात कही जाती है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के क्रियान्वयन के लिए सभी आवासकर्मी प्रखंड और जिला स्तर पर काम करते हैं। मात्र 13 हजार मानदेय में परिवार का भरण पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं यात्रा का खर्च पूरा नहीं हो पाता है। ग्रामीण आवासकर्मियों को भी न्याय मिलना चाहिए। महंगाई को देखते हुए ग्रामीण आवास सहायक का मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि परिवार के भरण पोषण और अन्य जरूरतें पूरी हो सके। जबकि वर्तमान में उनके मानदेय की बड़ी राशि यात्रा में ही खर्च हो जाती है। गृह प्रखंड से अधिक दूरी पर पोस्टिंग होने से आने-जाने में भी परेशानी होती है।

आवासकर्मियों पर विभाग दबाव नहीं बनाये

ग्रामीण आवास सहायक कुंदन कुमार कृष्णन ने बताया कि सभी आवासकर्मी पर विभाग द्वारा अनावश्यक दबाव बनाकर कार्य कराया जाता है। जो कार्य कोई कर्मी एक माह में पूरा करते हैं। उसे पांच दिन में ही पूरा करने के लिए कहा जाता है। निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य पूरा नहीं होने पर आवासकर्मियों से स्पष्टीकरण पूछने के साथ मानदेय में भी कटौती की जाती है। कभी-कभी चयन मुक्त भी कर दिया जाता है। सरकार या प्रशासन द्वारा उन लोगों पर दबाव बनाकर काम नहीं कराना चाहिए। किसी भी आवास कर्मी के खिलाफ कार्रवाई मौखिक शिकायत या पूरी तरह से जांच करने से पूर्व नहीं की जानी चाहिए। आवासकर्मियों के बेहतर कार्य के कारण भागलपुर प्रशासन और बिहार सरकार को कई बार प्रोत्साहन भी मिला है।

इनकी भी सुनिए

सभी आवासकर्मी ग्रामीण विकास विभाग में लंबे समय से सेवा दे रहे हैं। लेकिन अब तक उनकी सेवा स्थायी नहीं की गई है। मानदेय भी सम्मानजनक नहीं मिल पाता है, जिसके कारण आर्थिक स्थिति खराब है। श्रावणी मेला, बाढ़ राहत कार्य, आयुष्मान कार्ड बनवाने के अलावा कई कार्यों में भी लगाया जाता है।

-मुकेश भारती

प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य आवासकर्मी पूरी निष्ठा के साथ निष्पादित कर रहे हैं। सरकार का रवैया न्यायपूर्ण नहीं है। जिसके कारण आवासकर्मी काफी परेशान हैं। सरकार आवासकर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा दे, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो और परिवार का अच्छे से भरण पोषण कर सके।

-कुमार नीरज, कहलगांव

महंगाई के दौर में आवासकर्मियों का मानदेय काफी कम है। इसमें अविलंब वृद्धि की जानी चाहिए। अन्य विभागों की तरह उनलोगों का मानदेय बढ़ाया जाय। ताकि परिवार का भरण-पोषण और बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके।

-राज प्रभाकर, शाहकुंड

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गरीबों के आवास योजना का कार्य ग्रामीण आवासकर्मी पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ करते हैं। आवासकर्मियों से सरकार द्वारा हर प्रकार का काम लिया जाता है। निर्वाचन कार्य, परीक्षा ड्यूटी, मजिस्ट्रेट ड्यूटी समेत कई योजनाओं से जुड़े कार्यों में लगा दिया जाता है।

-रूबी कुमारी

आवासकर्मियों की सेवा स्थायी की जानी चाहिए, ताकि उनलोगों को वेतनमान और सरकारीकर्मिर्यों को मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ मिल सके। समान कार्य समान वेतन की तर्ज पर आवासकर्मियों को भी सम्मानजनक वेतन मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

-रश्मि कुमारी

ग्रामीण आवासकर्मियों के मानदेय का पुनरीक्षण प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत राशि की वृद्धि के साथ होना चाहिए। प्रत्येक वर्ष जनवरी में मूल मानदेय में चार प्रतिशत राशि की वृद्धि करने का प्रावधान है। लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी उनके मानदेय का पुनरीक्षण नहीं किया गया है।

-अंजली राजश्री

ग्रामीण आवासकर्मियों को समूह बीमा, चिकित्सा बीमा, राज्य बीमा और विशेष आवास योजना की सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। सरकार द्वारा ग्रामीण आवास सहायक का मानदेय बढ़ाकर 40 हजार, लेखापाल का 50 हजार और आवास पर्यवेक्षक का मानदेय बढ़ाकर 60 हजार किया जाय।

-फणीन्द्र कुमार

ग्रामीण आवासकर्मियों को सेवा के सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित होनी चाहिए। ताकि कार्य में प्रगति और किसी प्रकार के आरोप के आधार पर समुचित प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन किए बिना ग्रामीण आवासकर्मी को सेवामुक्त या उनकी सेवा समाप्त नहीं की जा सके। इससे हमेशा सेवामुक्त किए जाने की आशंका बनी रहती है।

-नंदन कुमार

ग्रामीण आवासकर्मियों की सेवा स्थायी कर राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाय। ग्रामीण आवासकर्मियों को स्थायी कर्मियों की तर्ज पर सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। नियोजन तिथि से नियत वेतनमान के पद पर समायोजन कर स्थायीकरण किया जाना चाहिए।

-संतोष कुमार, लेखपाल

कम मानदेय मिलने के कारण आवासकर्मियों को परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी होती है। वर्तमान में 13 हजार सात सौ रुपये से घर चलाना और सभी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल होता है। गृह प्रखंड से दूर पोस्टिंग होने से परेशानी और बढ़ जाती है।

-संतोष कुमार, खरीक

ग्रामीण आवासकर्मियों की सेवा पुस्तिका का संधारण एवं सेवा शर्त नियमावली का निर्धारण किया जाय। सभी सेवांत लाभ, ग्रेच्युटी और उपादान का प्रावधान होना चाहिए। महंगाई भत्ता समेत अन्य सभी प्रकार के भत्ता का लाभ कर्मियों को मिलना चाहिए। ताकि आर्थिक रूप से सक्षम होकर बेहतर जीवन का निर्वहन कर सकें।

-सरिता कुमारी

नियोजित शिक्षकों की तरह मृत्यु होने पर ग्रामीण आवासकर्मियों के आश्रितों को अनुकम्पा का लाभ देने के लिए प्रावधान किया जाना चाहिए। ताकि ग्रामीण आवासकर्मियों के आश्रितों को परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी नहीं हो। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।

-हेमंत कुमार

शिकायतें

1. आवासकर्मियों को कम मानदेय मिलने के करण परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी होती है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है। स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों को पूरा करने में भी दिक्कत होती है।

2. ग्रामीण आवासकर्मियों से आवास योजना के अलावा अन्य काम भी लिया जाता है। लेकिन अतिरिक्त कार्य का अलग से मानदेय देने की कोई व्यवस्था नहीं रहने से परेशानी होती है।

3. कार्य अवधि के बाद देर शाम और रात में भी ग्रामीण आवासकर्मियों को ऑनलाइन या वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने को बाध्य किया जाता है। कभी-कभी अवकाश के दिन भी काम करना पड़ता है।

4. सरकारी नौकरी के लिए आयोजित परीक्षा में ग्रामीण आवासकर्मियों को कार्य अनुभव का वेटेज मिलना चाहिए। ताकि आवासकर्मियों को अन्य विभागों में नौकरी करने का मौका मिल सके।

5. ग्रामीण आवासकर्मियों की पोस्टिंग गृह प्रखंड से दूर कर दी जाती है। किराया अधिक लगने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। आने-जाने में भी काफी समय लग जाता है।

सुझाव

1. ग्रामीण आवासकर्मियों की सेवा स्थायी कर राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाय। स्थायी कर्मियों की तर्ज पर सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित हो।

2. सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में कार्यरत आवासकर्मियों के मानदेय का पुनरीक्षण हर साल जनवरी में हो और मानदेय में 10 प्रतिशत राशि की वृद्धि की जानी चाहिए।

3. नियोजित शिक्षकों की तरह मृत्यु होने पर ग्रामीण आवासकर्मियों के आश्रितों को अनुकम्पा का लाभ देने के लिए प्रावधान किया जाना चाहिए। नियोजन की तिथि से नियत वेतन मान का लाभ मिले।

4. ग्रामीण आवासकर्मियों की सेवा पुस्तिका का संधारण एवं सेवा शर्त नियमावली का निर्धारण हो। सभी सेवांत लाभ ग्रेच्युटी और उपादान का प्रावधान भी किया जाय।

5. ग्रामीण आवास सहायक का मानदेय बढ़ाकर 40 हजार, लेखापाल का 50 हजार और आवास पर्यवेक्षक का 60 हजार किया जाय। सभी समाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिलना चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें