नाथनगर इलाके में बाढ़ से बचाव के लिए बने रिंग बांध
भागलपुर के नाथनगर और चम्पानगर में चंपा नदी के किनारे बाढ़ से प्रभावित वार्डों में लोग हर साल बाढ़ का सामना करते हैं। प्रशासन से सहायता नहीं मिलने और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण स्थानीय लोगों को...
भागलपुर। नाथनगर और चम्पानगर की वार्ड संख्या एक, दो, तीन, चार और नौ में चंपा नदी के किनारे की बड़ी आबादी बाढ़ से प्रभावित होती है। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। वार्ड नौ में धानुकटोली लेन मोहल्ला है। चंपा नदी से करीब 300 मीटर की दूरी पर यह मोहल्ला है। यहां करीब दो सौ परिवार रहते हैं। अधिकांश लोग मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं। बाढ़ के समय इस मोहल्ले के अधिकांश घरों में पानी घुस जाता है। लोगों का कहना है कि बाढ़ के दौरान छोटे-छोटे बच्चों के साथ विस्थापित होना पड़ता है। अधिकारी और नेता आकर आश्वासन देते हैं।
लेकिन बचाव के लिए कोई काम नहीं हो रहा है। बाढ़ आने से सड़कें टूट जाती हैं। पानी कम होने के बाद सड़कों की मरम्मति नहीं होने से आने-जाने में परेशानी होती है। बाढ़ से बचाव का स्थायी समाधान होना चाहिए। मोहल्ले के रमण कुमार ने बताया कि हर साल बाढ़ का पानी घरों में घुस जाता है। अधिकांश लोग घर छोड़कर कृष्ण मुरारी मंदिर परिसर में मवेशियों के साथ शरण लेते हैं। बाढ़ के पानी से घर भी क्षतिग्रस्त हो जाता है। प्रशासन से बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि भी नहीं मिलती है। इसके चलते लोगों को काफी परेशानी होती है। हर साल बाढ़ आने के चलते सड़क टूट जाती हैं। नियमित मरम्मति का कार्य नहीं होने से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। वार्ड 9 और 10 की करीब 30 हजार आबादी है। लेकिन कोई अस्पताल या लड़कियों के लिए हाईस्कूल नहीं है। लड़कियों को चार-पांच किमी की दूरी तय कर शहरी क्षेत्र में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। आने-जाने में लड़कियों को काफी परेशानी होती है। इसका असर लड़कियों की शिक्षा पर भी पड़ता है। दोनों वार्ड में अस्पताल की भी व्यवस्था नहीं है। बीमार होने पर लोगों को भागलपुर सदर अस्पताल या मायागंज अस्पताल जाना पड़ता है। रात में मरीज को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है। दोनों वार्ड में कहीं लड़की का एक हाईस्कूल होना चाहिए। बाढ़ से बचाव के लिए रिंग बांध बनवाना जरूरी है, ताकि लोग सुरक्षित रह सकें। सावित्री देवी ने बताया कि बाढ़ के समय अधिकांश सामान घर में छोड़कर जाना पड़ता है। बाढ़ के दौरान रहने के लिए किराये पर मकान भी नहीं मिलता है। मजबूरी में मंदिर परिसर में पॉलीथिन के सहारे दिन गुजारना पड़ता है। प्रशासन से भी कोई सहायता नहीं मिलती है। नाला का पानी सड़क पर जमा हो जाता है। पानी निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार बाढ़ से बचाव की स्थायी व्यवस्था करे। मिथिलेश कुमार ने बताया कि नाला की नियमित सफाई नहीं होने से गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है। कूड़ा उठाव की भी व्यवस्था नहीं है। नल-जल योजना के तहत घरों में कनेक्शन दिया गया है। लेकिन सुबह में 15 से 20 मिनट ही पानी चलता है। इससे घर का काम नहीं चल पाता है। सुबह और शाम कम-से-कम दो घंटे पानी की आपूर्ति होनी चाहिए। मीना देवी, अनिता देवी, शमा देवी और उर्मिला देवी ने बताया कि वृद्धा पेंशन नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है। कई बार अधिकारियों से आग्रह किया गया। लेकिन अभी तक पेंशन नहीं मिल रही है। सुनीता देवी ने बताया कि सभी गलियों में नाला का निर्माण नहीं किया गया है। इसके चलते गंदे पानी की निकासी में परेशानी होती है। मोहल्ले के बगल में तालाब के पास से बड़े नाला का निर्माण कराना चाहिए। मुकेश्वर राय ने बताया कि बाढ़ के समय एक महीना कोई काम नहीं मिलता है। सरकार से भी कोई सहायता राशि नहीं मिलती है। इसके चलते परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी होती है। वार्ड नौ के पार्षद प्रतिनिधि कुंदन कुमार यादव ने बताया कि वार्ड का चार मोहल्ले हर साल बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं। रिंग बांध बनाने से ही इसका स्थायी समाधान हो सकता है। वार्ड में पानी का संकट है। चार और प्याऊ वार्ड में लगना चाहिए। बोरिंग की संख्या भी बढ़ानी चाहिए। वार्ड नौ का क्षेत्रफल बहुत लंबा है। लेकिन नगर निगम से मात्र 12 सफाईकर्मी दिया गया है। इससे छोटे वार्डों में 14 सफाईकर्मियों की तैनाती की गयी है। नगर निगम में मांग करते-करते थक गये। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वार्ड में एक लड़की का हाईस्कूल और एक अस्पताल की व्यवस्था होनी चाहिए। बोले जिम्मेदार शहरी क्षेत्र की आबादी चंपानदी से सटी हुई है। रिंग बांध बनाने के लिए कम-से-कम 50 मीटर नदी के बगल में जगह होनी चाहिए। इतनी दूरी में शहरी क्षेत्र की बड़ी आबादी प्रभावित हो जाएगी। पटना से भागलपुर के बीच गंगा किनारे की बड़ी आबादी हर साल बाढ़ से प्रभावित हो रही है। बाढ़ से बचाव के लिए सरकार के स्तर से बड़ी योजना बनानी होगी। आदित्य प्रकाश, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, भागलपुर नाला की नियमित सफाई की व्यवस्था करे निगम रमन कुमार ने बताया कि साहेबगंज धानुक टोली में नाला बना हुआ है, लेकिन साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण नाला जाम हो जाता है। नाला व्यवस्थित नहीं होने और छोटा होने के कारण बारिश में नाला का पानी सड़क पर बहने लगता है। जिससे मोहल्ले में जलजमाव की स्थिति बन जाती है। नगर निगम प्रशासन को नाला की चौड़ाई बढाने के साथ नियमित सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि बाढ़ या आम दिनों में इलाके का पानी आसानी से मुख्य नाला में निकल सके। कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं होने से लोग आसपास में गंदगी फेंक देते हैं। इससे बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। सरकार को साहेबगंज धानुक टोली या आसपास के इलाके में अविलंब स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि किसी को भी समय पर इलाज की सुविधा मिल सके। बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिलती है मदद मिथिलेश कुमार रजक ने बताया कि जुलाई से अक्टूबर के बीच बाढ़ के समय मोहल्ले के लोगों की स्थिति बदतर हो जाती है। धानुक टोली में हर ओर बाढ़ का पानी जमा हो जाता है। इसके कारण स्थानीय लोगों को दूसरी जगह पर शरण लेना पड़ता है। जिनके घर कच्चे या कम उंचाई पर है, उनके घरों में पानी जमा होने से हालत और खराब हो जाती है। बाढ़ के समय साहेबगंज धानुक टोली के बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की सरकारी मदद नहीं मिल पाती है। नल-जल योजना के तहत जो पानी आता है उसका प्रेशर काफी कम होता है। पानी भी सुबह में कम समय चलता है। कम पानी मिलने से लोगों को परेशानी होती है। नगर निगम को मोहल्ले में सुबह और शाम पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना चाहिए। ताकि लोगों को पानी के संकट का सामना नहीं करना पड़े। वार्ड में लड़कियों के लिए हाईस्कूल खुले भूदेव यादव ने बताया कि वार्ड नंबर 9 के साहेबगंज धानुक टोली में लड़कियों के लिए हाई स्कूल की व्यवस्था होनी चाहिए। वर्तमान में पढ़ने के लिए लड़कियों को काफी दूर जाना पड़ता है। दूरी के कारण छात्राओं की पढ़ाई छूट जाती है। अभी हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए बच्चों को झुनझुनवाला बालिका उच्च विद्यालय और मदनलाल कन्या मध्य विद्यालय जाना पड़ता है। लड़का को टीएनबी कॉजेलिएट या अन्य स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। विद्यालय दूर होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बाढ़ के समय साहेबगंज धानुक टोली में लोगों को घर छोड़कर किराए पर दूसरी जगह शरण लेनी पड़ती है। सरकार को बाढ़ से बचाव के लिए स्थायी व्यवस्था करनी चाहिए। गंगा के पानी को फैलने से रोकने के लिए बांध बनाने की जरूरत है। नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था हो नगर निगम वार्ड नंबर नौ के पार्षद प्रतिनिधि कुंदन यादव ने बताया कि धानुक टोली में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धानुक टोली सहित अन्य मोहल्लों में पानी की बड़ी समस्या है। बुडको द्वारा पाइप बिछाकर इलाके के सभी घरों तक कनेक्शन देने की जरूरत है। पूर्वी काली स्थान, बेली घाट रोड, मोहनपुर और नरगा चौक तक प्याऊ की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि लोगों को पानी की समस्या से राहत मिल सके। साफ-सफाई के लिए नगर निगम द्वारा वार्ड में जरूरत के मुताबिक सफाईकर्मी उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिसके कारण सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। नाला छोटा है और पशुपालकों द्वारा गोबर बहा दिए जाने के कारण हमेशा जाम हो जाता है। बाढ़ आने पर कई मोहल्ले के लोगों का जनजीवन प्रभावित होता है। इससे बचाव की व्यवस्था होनी चाहिए। बाढ़ आने पर किसी तरह से समय काटते हैं। घर छोड़कर पशुओं के साथ दूसरी जगह जाना पड़ता है। कई परिवारों को बाढ़ का पानी उतरने तक किराए के मकान या रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ती है। सरकार या जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को सहायता नहीं मिलने से परेशानी होती है। मकेश्वर राय साहेबगंज धानुक टोली में बाढ़ के समय प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलती है। हर साल बाढ़ से परेशानी होती है। बाढ़ का पानी घरों में घुस जाता है। बाढ़ के दौरान बाहर से घर आने में काफी परेशानी होती है। बाढ़ के समय उनलोगों को राशन, भोजन और दवा की भी मदद नहीं मिल पाती है। मंगुली राय वार्ड नंबर 9 के धानुक टोली में अधिकांश लोग मजदूरी करने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। बाढ़ के समय लोगों को कोई काम नहीं मिलता है। सरकार से लोगों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। नगर निगम द्वारा कूडा फेंकने के लिए कूड़ेदान और साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रतिभा साहेबगंज धानुक टोली और आसपास के मोहल्लों में स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि बीमार पड़ने पर या इमरजेंसी में इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। अभी स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदर अस्पताल या मायागंज अस्पताल जाना पड़ता है। अनिता देवी मोहल्ले में नाला की व्यवस्था ठीक नहीं है। सभी नाला को दुरुस्त कराया जाना चाहिए। नगर निगम द्वारा नाला की सफाई नियमित नहीं कराई जाती है। नाला जाम हो जाता है। जिसके कारण पानी सड़क पर जमा हो जाता है। आवागमन के दोरान गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। कई बार लोग फिसलन के कारण गिर जाते हैं। गिरिजा देवी भागलपुर जिले में कोई बड़ा उद्योग नहीं लगा है। जहां मजदूर वर्ग के लोग रोजगार प्राप्त कर परिवार का भरण-पोषण कर सकें। भागलपुर में रोजगार के लिए कारखाना खोलना चाहिए, ताकि लोगों को रोजगार के लिए दूसरे शहरों में पलायन नहीं करना पड़े। किरण देवी नाला के पानी की निकासी सही नहीं होने के कारण नाले का पानी पास के पोखर में जाता है। जबकि यह पानी मुख्य नाला से होकर सिवरेज प्लांट तक जाना चाहिए। इससे रास्ते पर नाला का पानी जमा होने की समस्या से राहत मिलेगी। नगर निगम द्वारा नाला की सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। मीणा देवी बारिश होने पर सड़क और घर के पास पानी जमा हो जाता है। जिसके कारण घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। नाला की चौड़ाई बढाई जाए, ताकि आसानी से बारिश का पानी नाला से निकल कर मुख्य नाला की ओर चला जाय। बारिश के मौसम में कई दिनों तक जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। सुनिता देवी धानुक टोली या आसपास के इलाके में हाई स्कूल की व्यवस्था होनी चाहिए। हाई स्कूल काफी दूर है, जिसके कारण छात्राओं को स्कूल जाने आने में अधिक परेशानी होती है। गरीब परिवार की छात्राएं किराए के अभाव में नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पाती हैं। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। रीना देवी गंगा का पनी बढ़ने पर मोहल्ले के लोग घरों में नहीं रह पाते हैं। किसी खाली मैदान या ऊंची जगह पर पॉलीथिन लगाकर रहना पड़ता है। बाहर रहने पर बाढ़ पीड़ित परिवारों को काफी दिक्कत होती है। कुछ लोगों को तो सड़क किनारे रहना पड़ता है। सावित्री देवी मोहल्ले में पानी का संकट बना हुआ है। पीने के साथ काम करने के लिए भी पानी की दिक्कत होती है। बुडको के पाइप से गंदा पानी आता है। कई जगह पर पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है। जिसके कारण पानी ढोकर लाना पड़ता है। पानी की व्यवस्था के लिए प्याऊ के साथ बुडको के पाइप से कनेक्शन की भी जरूरत है। समा देवी बाढ़ आने पर साहेबगंज धानुक टोली के निवासियों को काफी दिक्कत होती है। हर साल जुलाई, अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर तक बाढ़ का खतरा बना रहता है। लेकिन प्रशासन द्वारा राहत, बचाव और स्थायी निदान के लिए कोई उपाय नहीं किया जाता है। आरती देवी समस्या 1.बाढ़ के समय हमेशा साहेबगंज धानुक टोली और आसपास के लोगों में डर का माहौल बना रहता है। प्रशासनिक मदद नहीं मिलने के कारण इन लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ जाती है। 2.पानी की आपूर्ति की व्यवस्था बदहाल है, जिसके कारण स्थानीय लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। बुडको का कनेक्शन सभी जगह नहीं किया गया है। वार्ड में प्याऊ का अभाव है। 3.सफाईकर्मियों की कमी के कारण सफाई-व्यवस्था कमजोर है। नगर निगम द्वारा नाला की नियमित सफाई नहीं कराई जाती है। कूड़ेदान नहीं होने से गंदगी और दुर्गंध से दिक्कत होती है। 4.वार्ड नंबर 9 और 10 में स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था नहीं है। बीमार पड़ने पर या दुर्घटना होने पर तुरंत इलाज या स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है। 5.धानुक टोली या आसपास के इलाके में हाई स्कूल की व्यवस्था नहीं है। हाई स्कूल काफी दूर है, जिसके कारण छात्राओं को स्कूल जाने-आने में परेशानी होती है। इससे पढ़ाई प्रभावित होती है। सुझाव 1.बाढ़ प्रभावित क्षेत्र साहेबगंज धानुक टोली में बाढ़ से बचाव के लिए रिंग बांध बनवाना चाहिए, ताकि हर साल बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सके। 2.आवागमन में सुविधा के लिए सड़क की मरम्मति और पानी निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि स्थानीय लोगों को जर्जर सड़क पर जलजमाव की समस्या से निजात मिले। 3.नाला के पानी की निकासी के लिए नगर निगम को बड़ा नाला बनाना चाहिए। बड़ा नाला बनने से पानी की निकासी होगी गंदा पानी सड़क या घरों नहीं जाएगा। 4.साहेबगंज धानुक टोली में कूड़ादान की व्यवस्था की जानी चाहिए। नाला की सफाई भी नियमित कराने की जरूरत है। जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सप्लाई पानी और प्याऊ की व्यवस्था होनी चाहिए। 5.रोजगार के लिए भागलपुर में उद्योग लगना चाहिए। ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रोजगार का अवसर मिल सके। इससे पलायन भी रूकेगा।
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