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कन्या उत्थान सत्यापन के समय भी पकड़े गए थे फर्जी अंक पत्र

टीएमबीयू में फर्जीवाड़ा टेबुलेशन रजिस्टर से मिलान नहीं होने पर पकड़ी गई थी गड़बड़ी

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 16 June 2025 04:05 AM
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कन्या उत्थान सत्यापन के समय भी पकड़े गए थे फर्जी अंक पत्र

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में फर्जी अंक पत्र के मामले का खुलासा पांच जून को हुआ, लेकिन उससे पहले भी विवि के निलंबित कर्मी सहायक संजय कुमार की करतूत परीक्षा विभाग में सामने आई थी। तब कन्या उत्थान शाखा में कई फर्जी अंक पत्र मिले थे। जो टेबुलेशन रजिस्टर से मेल नहीं खाते थे। दरअसल, कन्या उत्थान को लेकर जब आवेदन की प्रक्रिया चल रही थी, तब विवि में पेडिंग दुरुस्त कराने के लिए छात्राओं की भीड़ लगी रहती थी। इसी का फायदा संजय ने जमकर उठाया। तब जिन छात्राओं का रिजल्ट पेंडिंग था। उन्होंने विवि के परीक्षा विभाग में आवेदन देकर उसे दुरुस्त कराना चाहा, लेकिन परीक्षा विभाग की व्यवस्थाओं के कारण पेडिंग दुरुस्त नहीं हुए।

जब उसे दुरुस्त कराने के लिए संजय के पास भेजा गया तो उसने छात्राओं को आश्वासन दिया कि बिना दौड़ भाग ही उनका काम हो जाएगा। इसके बाद दलाल कहलगांव के अविनाश कुमार सिंह के माध्यम से छात्राओं से पैसों की ऑनलाइन वसूली की। तब कन्या उत्थान शाखा के कर्मियों ने संबंधित पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी। तब संजय को चेतावनी भी मिली थी, लेकिन कोई शिकायतकर्ता नहीं था, इस कारण वह बच गया था। तब कन्या उत्थान के लिए आवेदन के लिए अंक पत्र की जरूरत होती थी। उस अंक का सत्यापन शाखा के कर्मियों द्वारा किया जाता है। सत्यापन के क्रम में ही कर्मियों ने जब अंक पत्र और टेबुलेशन रजिस्टर देखा तो दोनों में भिन्नता थी। ऐसे एक के बाद एक कई मामले सामने आए। पहले कर्मियों को कंप्यूटर की गड़बड़ी लगी, लेकिन जब ज्यादा अंक पत्र सामने आए तो इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी। तब उनके आवेदन का सत्यापन नहीं किया गया। गड़बड़ी पर जब संजय से जवाब मांगा गया तो उसने भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं करने की बात कही। बावजूद वह इस कृत्य में लगा रहा। इस मामले में डीएनएस कॉलेज भूसिया रजौन की छात्रा अंजलि कुमारी ने फर्जी अंक पत्र मामले में कुलपति प्रो. जवाहर लाल को शिकायत कर दी, इसके बाद ही पूरे मामले से पटाक्षेप हुआ। विवि स्तर से जांच कमेटी बनाकर संजय को निलंबित किया गया, लेकिन कई जांच के पहलुओं को नजरअंदाज कर दिया गया। इस पर अभाविप के प्रदेश सह मंत्री कुणाल पांडेय ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

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