मारवाड़ी कॉलेज के दिव्यांग छात्र को भी 8000 में मिला फर्जी अंकपत्र
आरोपित संजय और उसके दलाल की करतूत आने लगी सामने संजय ने दलाल के माध्यम

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के परीक्षा विभाग फर्जी अंक पत्र रैकेट से जुड़े नियमित कर्मी सहायक संजय कुमार की और करतूत सामने आने लगी है। उसने मारवाड़ी कॉलेज में गणित ऑनर्स के विद्यार्थी सुल्तानगंज निवासी दिव्यांग विद्यार्थी मनीष कुमार को अंक पत्र में नंबर सुधार की बात कह फर्जी अंक पत्र दे दिया था। इसके लिए संजय ने छात्र से 8000 रुपये एक दलाल के माध्यम से लिया था। इसका प्रमाण छात्र के पास मौजूद है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के सबूत उसके पास है। वह इस मामले की शिकायत लेकर गुरुवार को विवि परीक्षा विभाग पहुंचा, लेकिन उसका आरोप है कि उसने जब परीक्षा नियंत्रक डॉ. कृष्ण कुमार को आवेदन देना चाहा तो उससे आवेदन नहीं लिया गया।
साथ ही कहा गया कि फर्जी अंक पत्र में उसे ही जेल हो जाएगी। इस पर परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई आवेदन नहीं आया है। यदि ऐसा मामला आता तो वे मामले को सत्यापित कराते। उन्होंने कहा कि आवेदन आने के बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी। छात्र ने बतया कि उसने पार्ट टू की परीक्षा देने के बाद 2020 में अंक पत्र मिला। उसे सब्सिडियरी विषय केमेस्ट्री में 19 नंबर थे। उसे लगा कि कम नंबर मिला है। इस कारण वह मामले को लेकर विवि पहुंचा ताकि कॉपी निकलवा कर नंबर देख सके। इसी बीच विवि प्रशासनिक भवन के बाहर उसे एक व्यक्ति मिला। उसने कहा कि वह उसकी समस्या का समाधान कर सकता है। इसके बाद वह उसे सहायक संजय के पास ले गया। वहां दोनों ने 8000 रुपये में काम करने की बात कही। इसके कुछ दिन बाद पैसा देने के पश्चात उसे अंक पत्र उपलब्ध कराया गया, जिसमें 19 की जगह 43 अंक थे। वह उस समय लौट गया। पार्ट थ्री की परीक्षा के बाद जब उसका कॉलेज में अंतिम अंक पत्र मिला तो उसमें भी संबंधित विषय में 19 नंबर ही था। यह देखते ही वह फिर से सहायक संजय के पास पहुंचा। फिर से संजय ने अपने रैकेट में शामिल लोगों की मदद से पार्ट थ्री का अंक पत्र उपलब्ध कराया, जिसमें 43 नंबर था। इसके बाद 2024 में मनीष को बीएड में नामांकन लेना था। जब वह कॉलेज सीएलसी निकलवाने गया तो उसे वहां के कर्मी ने बताया कि उसके पास फर्जी अंक पत्र है। इसकी जानकारी तब कॉलेज की तरफ से परीक्षा विभाग को भी दी गई थी, लेकिन तब मामला दबा दिया गया। फिर भी छात्र का मामला फंसा रहा। वह जब दलाल को फोन करने लगा तो उसने छात्र का नंबर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद कर्मी संजय भी मामले में टालमटोल करते हुए धमकाने लगा। उसने कई बार परीक्षा विभाग में शिकायत करनी चाही, लेकिन सभी ने डराकर उसे वापस भेज दिया। जब दो दिन पूर्व डीएनएस कॉलेज रजौन की छात्रा अंजलि के मामले में हो रही कार्रवाई के बारे में सुना तो उसने शिकायत की हिम्मत दिखाई। छात्र ने विवि से मांग की है कि उन लोगों का कॅरियर बर्बाद करने वाले कर्मी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही उनके कॅरियर पर विचार किया जाए। उसने कहा कि उसके पिता मजदूरी करते हैं। इस संबंध में कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी कीमत पर आरोपित को नहीं बख्शा जाएगा। जांच कराकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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