गोवर्धन की यात्रा से सारी मनोरथें होती हैं पूरी : स्वामी ज्ञानानंद
पीरपैंती, निज प्रतिनिधि। परमात्मा ने गोवर्धन धारण लीला में प्रत्यक्ष कर दिया। जब नंद गोप

परमात्मा ने गोवर्धन धारण लीला में प्रत्यक्ष कर दिया। जब नंद गोप बृजवासियों ने सवा लाख मन का छप्पन भोग लगाया तो गोबिंद गिरधारी का चतुर्भुज रूप गोवर्धन जी के मध्य शिखर से प्रकट होकर साक्षात कलेवा ग्रहण करने लगा। उक्त बातें लक्ष्मीपुर में योगीबाबा सह हनुमान मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय रुद्राम्बिका महायज्ञ में श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करते हुए स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती ने कही। उन्होंने कहा कि कार्तिक शुक्ल तृतीया से अक्षय नवमी सप्ताह पर्यंत गोवर्धन गिरधारी का परम पुण्य प्रद पूजनोत्सव काल होता है। इस अवसर पर जो श्रद्धालु गिरिराज गोवर्धन की यात्रा करते हैं। गिरिराज जी उनके सभी मनोरथ को तत्काल सिद्ध कर देते हैं।
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