Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsDelay in Delivery of Driving Licenses and Registration Certificates in Bhagalpur Causes Financial Strain

तीन साल में 600 लोगों को नहीं पहुंचा आरसी, डीएल

परिवहन विभाग भेजता है घर के पते पर डीएल, आरसी समय से नहीं मिल रहे

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 21 June 2025 06:01 AM
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तीन साल में 600 लोगों को नहीं पहुंचा आरसी, डीएल

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) बनाने के बाद भी लोगों को समय पर नहीं मिल रहा है। तीन साल के दौरान 1600 लोगों को डीएल और आरसी नहीं मिल पाया। जिला परिवहन पदाधिकारी के स्तर से प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने के कारण 1000 लोगों को कागजात की डिलीवरी हो गयी। आज तक अभी भी इसकी संख्या 600 रह गई है। ऐसे में लोगों को कागजात बनने के बाद भी हार्ड कॉपी नहीं रहने के कारण फाइन चुकाना पड़ रहा है। इससे वाहन मालिकों को आर्थिक ही नहीं मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। विभाग और डाकघर के बीच तालमेल की कमी का सीधा खामियाजा आम जनता भुगत रही है।

परिवहन विभाग का नियम है कि डीएल और आरसी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज आवेदक के घर के पते पर सीधे भेजे जाएंगे। इसका उद्देश्य लोगों को विभाग के चक्कर लगाने से बचाना था। लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। सैकड़ों की संख्या में लोगों को दस्तावेज समय पर नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि दस्तावेज बन जाने के बावजूद उन्हें प्राप्त करने के लिए आवेदक को विभाग और पोस्ट ऑफिस के बीच अनगिनत चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इन कारणों से भी नहीं मिलते हैं कागजात नाम पता और पिन कोड का गलत रहना डिलीवरी के समय किसी के नहीं मिलना घर बंद रहने की स्थिति में भी डिलीवरी नहीं दिए गए मोबाइल नंबर पर फोन नहीं लगना डाकिये द्वारा पते पर डिलीवरी में देरी करना विभाग की गलती से फाइन भरते है लोग सबसे गंभीर समस्या यह है कि जिन लोगों के डीएल और आरसी बन चुके हैं, लेकिन उन्हें प्राप्त नहीं हुए हैं। उन्हें अक्सर वाहन चेकिंग के दौरान जुर्माना भरना पड़ रहा है। यातायात पुलिसकर्मी के पास ऑनर बुक या लाइसेंस न दिखा पाने की स्थिति में उन्हें नियमों के उल्लंघन का दोषी माना जाता है। समाधान नहीं होने पर लोग परेशान जब आवेदक अपने दस्तावेज न मिलने की शिकायत लेकर विभाग जाते हैं। उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। कई बार तो उन्हें डुप्लीकेट डीएल या आरसी के लिए आवेदन करने की सलाह दी जाती है। जिसके लिए फिर से शुल्क और लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। यह उन लोगों के लिए और भी मुश्किल है जो पहले ही एक बार पूरी प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। कोट डीएल, आरसी समेत अन्य कागजात के पेंडेंसी को कम करने के लिए डेली बेसिस पर मॉनिटरिंग की जा रही है। अब पेडेंसी की संख्या काफी कम हो गई है। पोस्ट ऑफिस कर्मी नियमित रूप से कार्यालय से कागजात लेकर नहीं जाते हैं। इस वजह से भी दिक्कतें आ रही हैं। - जनार्दन कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, भागलपुर।

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