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बोले भागलपुर: आम बेचने के लिए शहर में बाजार की व्यवस्था हो

भागलपुर में आम की बिक्री करने वाले विक्रेता स्थायी बाजार की सुविधा न मिलने से परेशान हैं। जर्दालू आम जैसे प्रख्यात फलों के बावजूद, शहर में उचित स्थान की कमी है। विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन द्वारा...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 19 June 2025 09:22 PM
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बोले भागलपुर: आम बेचने के लिए शहर में बाजार की व्यवस्था हो

देश और विदेश में सिल्क, कतरनी चावल और जर्दालू आम को लेकर भागलपुर की पहचान है। जर्दालू आम भागलपुर जिले की एक प्रसिद्ध किस्म का आम है। इसे जीआई टैग मिला हुआ है। अनोखी सुगंध, स्वाद और उच्च गुणवत्ता के चलते जर्दालू आम को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य लोगों को भेजा जाता है। जिले में हजारों एकड़ में आम का बगीचा है। भागलपुर का मालदह आम भी देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाता है। लेकिन आम को बाजार नहीं मिलने से उत्पादक और विक्रेता निराश हैं।

भागलपुर जिले में अभी आम का सीजन है। मालदह आम से बाजार पटा हुआ है। जिले के पीरपैंती,कहलगांव, जगदीशपुर,गोराडीह, सबौर,सुल्तानगंज और शाहकुण्ड प्रखंड में आम का अच्छा उत्पादन होता है। आम बेचने के लिए शहरी क्षेत्र में बाजार की सुविधा नहीं मिलने से फुटकर विक्रेताओं में नाराजगी है। फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन द्वारा जगह चिन्हित नहीं होने से विभिन्न चौक-चौराहों के अलावा सड़क किनारे बैठकर आम बेचना पड़ता है। भागलपुर शहरी क्षेत्र में कचहरी चौक से तिलकामानझी चौक के बीच के अलावा वेरायटी चौक और अन्य चौक-चौराहों पर फुटकर विक्रेता आम बेच रहे हैं। सड़क किनारे बेचने पर नगर निगम को जुर्माना देना पड़ता है। नगर निगम आम बेचने के लिए शुल्क के साथ जगह चिन्हित कर दे लोग आम विक्रेताओं और ग्राहकों को भी राहत मिलेगी।

फुटपाथ विक्रेता संघ भागलपुर के अध्यक्ष संतोष कुमार साह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 में लागू किया। उसमें कुछ संशोधनों के साथ 2017 में बिहार में लागू किया गया। एक्ट में मौसमी फल विक्रेताओं के लिए प्रावधान किया गया है कि नगर निकाय शुल्क लेकर जगह उपलब्ध करा सकता है। लेकिन भागलपुर में इसका पालन नहीं हो रहा है। भागलपुर में आम का उत्पादन बहुत होता है। हजारों किसान और विक्रेता इससे जुड़े हुए हैं। नगर निगम को मौसमी फल विक्रेताओं को शुल्क के साथ उचित जगह उपलब्ध कराना चाहिए। जगह वैसी होनी चाहिए जहां ग्राहकों को जाने में सुविधा हो। यातायात आदि की व्यवस्था को देते हुए नगर निगम को जगह का चयन करना चाहिए। मुख्य शहरी क्षेत्र में जगह चिन्हित नहीं होने से आम के विक्रेताओं को काफी परेशानी हो रही है। मुख्य रूप से दो महीना आम की बिक्री होती है। आम ऐसा फल होता है कि लंबे समय तक नहीं रखा जा सकता है। विक्रेताओं को आम बेचने की जल्दबाजी रहती है। नगर निगम को वैसा जगह उपलब्ध कराना चाहिए। जहां जाम और अतिक्रमण की समस्या नहीं हो। बागबाड़ी थोक विक्रेताओं के लिए उपयुक्त जगह है। लेकिन खुदरा विक्रेताओं के लिए जगह नहीं मिलने से लोग इधर-उधर बैठकर आम बेचते हैं। इसके चलते समय-समय पर जुर्माना नगर निगम को देना पड़ता है। शहरी क्षेत्र में जगह की उपलब्धता है। केवल चिन्हित करते हुए विक्रेताओं को दो माह के लिए आवंटित करने की जरूरत है। कई बार अधिकारियों को इस आशय का आवेदन दिया गया है। जमीन चिन्हित नहीं होने के चलते मजबूरी में विक्रेताओं को सड़क किनारे आम बेचना पड़ रहा है। संघ के कोषाध्यक्ष अनुप कुमार चौधरी ने बताया कि आम के खुदरा विक्रेताओं को काफी परेशानी हो रही है। निगमकर्मियों के आक्रोश का कोपभाजन भी बनना पड़ता है। नगर निगम मुख्य शहर में जगह चिन्हित करके विक्रेताओं को दे। ताकि दो माह तक आम की बिक्री विक्रेता कर सकें। यह समस्या हर साल के लिए है। दूरी अधिक होने के चलते बागबाड़ी सभी ग्राहक नहीं जाना चाहते हैं। शहर के बीच में आम बेचने के लिए कुछ जगह चिन्हित कर शुल्क के साथ विक्रेताओं को मिलना चाहिए।

आम विक्रेता मो.रमजानी ने बताया कि वर्षों से कचहरी चौक से तिलकामांझी चौक के बीच सड़क किनारे बैठकर आम बेचते हैं। कई बार नगर निगम के कर्मियों द्वारा जुर्माना किया जाता है। फुटपाथ पर आम बेचने से आवागमन बाधित नहीं होता है। लेकिन नियमों के विरुद्ध रहने के चलते अक्सर निगमकर्मियों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। कोई बगीचा खरीदकर आम बेच रहा है तो कई किसान से खरीदकर आम की बिक्री कर रहा है। बागबाड़ी से भी लोग आम खरीदकर चौक-चौराहों पर बीच रहे हैं। मुख्य रूप से दो महीना आम की बिक्री होती है। नगर निगम को शुल्क के साथ तिलकामांझी के आसपास आम बेचने के लिए जगह आवंटित करना चाहिए। वर्षों से यहां आम को बिक्री होने के चलते ग्राहक आसानी से यहां आ जायेंगे। निगम से जगह मिलने पर विक्रेताओं को आर्थिक लाभ भी होगा। मो. इस्लाम ने बताया कि 20 साल से वह कृषि कार्यालय के आसपास आम बेचते हैं। यहां आम बेचना नियम के विरुद्ध है। लेकिन परिवार के भरण-पोषण के लिए मजबूरी में आम बेचना पड़ता है। नगर निगम दो महीना के लिए शुल्क के साथ जगह उपलब्ध करा दे तो सैकड़ों विक्रेताओं को राहत मिल जाएगा। मो.फूल ने बताया कि जगह लेने के लिए सुबह चार बजे ही आना पड़ता है। सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक मेहनत करने के बाद चार से पांच सौ रुपये कमाई होती है। किसी दिन जुर्माना लगने के बाद कारोबार में घाटा हो जाता है। कड़ी धूप और बारिश में आम बेचने के दौरान हर वक्त कार्रवाई का डर बना रहता है। निगमकर्मियों को देखते ही आम और सामान लेकर भागना पड़ता है। नगर निगम को आम विक्रेताओं के लिए जगह उपलब्ध कराना चाहिए। जगह वैसा होना चाहिए, जहां ग्राहक आसानी से आ सकें। पुरूषोत्तम कुमार सिंह ने बताया कि जगह चिन्हित नहीं रहने से कभी-कभी बहुत नुकसान हो जाता है। शहरी क्षेत्र में कुछ जगहों को चिन्हित करते हुए मौसमी फल विक्रेताओं को शुल्क लेकर आवंटित करने की व्यवस्था होनी चाहिए।

बोल जिम्मेदार

हवाई अड्डा से जीरोमाइल के बीच सड़क किनारे नगर निगम द्वारा फल बेचने के लिए जगह चिन्हित किया गया है। वहां कुछ विक्रेता बैठकर फल बेचते भी हैं। इसके अलावा घंटाघर में वेंडिंग जोन चिन्हित कर बनाया गया है पीला पट्टी लगाकर इसकी व्यवस्था की गयी है। बाजार समिति को भी विकसित किया जा रहा है। आवागमन और जाम की समस्या को देखते हुए सड़क किनारे जगह उपलब्ध कराना संभव नहीं है। मुख्य शहर में अगर कोई जगह आम बेचने के लायक उपलब्ध होगा तो उस पर विचार किया जाएगा।

डॉ. बसुंधरा लाल,मेयर,भागलपुर नगर निगम

आम विक्रेताओं के लिए जगह उपलब्ध कराए निगम

आम विक्रेता पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से आम के व्यवसाय से जुड़े हैं और भागलपुर के तिलकामांझी कृषि कार्यालय के समीप सड़क किनारे आम बेचते हैं। जिससे उनलोगों के परिवार का भरण पोषण होता है। लेकिन अभी तक नगर निगम द्वारा आम विक्रेताओं के लिए कोई स्थाई जगह चिन्हित कर व्यवस्थित नहीं किया गया है। जिसके कारण उन लोगों को काफी परेशानी होती है। दो महीने तक चलने वाले आम के मौसमी बाजार के लिए सरकार द्वारा भागलपुर में एक स्थाई जगह के साथ न्यूनतम शुल्क तय कर उसे व्यवस्थित किया जाय। ताकि विभिन्न जगहों से आने वालों को आम की बिक्री के लिए भटकना नहीं पड़े। आम बाजार की जगह तय नहीं होने के कारण अतिक्रमण दस्ता द्वारा सामान जब्त कर जुर्माना वसूला जाता है। जिससे उनलोगों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

आम विक्रेताओं को जगह नहीं मिलने से हो रही परेशानी

आम व्यवसायी अब्दुल बारी सिद्दीकी उर्फ मो रमजानी ने बताया कि भागलपुर में एक हजार से अधिक की संख्या में आम विक्रेता हैं। जो प्रत्येक साल भागलपुर के अलग- अलग क्षेत्रों और बाजार में आम की बिक्री करते हैं। अधिकतर आम विक्रेताओं को आम बेचने के लिए जगह उपलब्ध नहीं हो पाता है। इसके कारण आम व्यवसायी तिलकामांझी चौक स्थित कृषि कार्यालय से पटेल चौक के बीच सड़क किनारे अपनी दुकान लगाकर आम की बिक्री करते हैं। लेकिन यहां भी नगर निगम द्वारा कार्रवाई करते हुए हटाया जाता है। नगर निगम को आम विक्रेताओं के लिए तिलकामांझी के आसपास कहीं जगह चिन्हित करते हुए शुल्क के साथ उपलब्ध कराना चाहिए। ताकि आम बेचकर लोग परिवार का भरण-पोषण कर सकें। जगह नहीं मिलने के चलते आम विक्रेताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

आम की बड़ी मंडी, लेकिन बेचने के लिए जगह नहीं

विक्रेता कुंदन कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष सीजन में खगड़िया से भागलपुर आम बेचने आते हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा आज तक यहां आम बाजार के लिए कोई स्थाई जगह की व्यवस्था नहीं की गई। इसके कारण भागलपुर में हजारों आम विक्रेताओं को काफी दिक्कत होती है। भागलपुर आम की बड़ी मंडी है। यहां से पटना, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलूरू, उत्तरप्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में आम की बिक्री होती है। अन्य मंडियों की तरह सरकार और जिला प्रशासन को योजना बनाकर आम विक्रेताओं के लिए आम की मंडी के लिए जगह सुनिश्चित की जानी चाहिए। जिससे खरीदार भी अपनी पसंद और जरूरत के मुताबिक आम की अलग अलग वेरायटी की खरीदारी कर सके। इससे आम विक्रेताओं के साथ शहर के लोगों और खुदरा व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा।

शहरी क्षेत्र में आम विक्रेताओं को मिले जगह

भागलपुर फुटपाथ विक्रेता संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार साह ने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा स्ट्रीट वेंडर के लिए अलग अलग कैटेगरी में प्रावधान किया गया है। जिसमें स्थाई प्रकृति के दुकानदारों के लिए सरकार द्वारा वेंडिंग जोन बनाकर देने का प्रावधान है। चलंत प्रवृति के दुकानदारों के लिए क्षेत्र निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा फेरी वाले दुकानदार घर -घर घुमकर अपने सामान की बिक्री करते हैं। सरकार को आम व्यवसायियों और खुदरा विक्रेताओं को एक निश्चित स्थान पर बाजार लगाने की अनुमति देनी चाहिए। जिससे बेहतर व्यवसाय के साथ आम की खुशबू और स्वाद का आनंद भागलपुर एवं राज्य के बाहर के लोगों को मिल सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि आम विक्रेताओं के कारण किसी प्रकार से आवागमन बाधित नहीं हो।

इनकी भी सुनिए

1.सड़क के किनारे दुकान लगाकर आम बेचते हैं। उसी से परिवार का भरण पोषण होता है। सरकार और नगर निगम प्रशासन द्वारा भागलपुर के शहरी क्षेत्र में आम की बिक्री के लिए अधिकृत रूप से आम की मंडी के लिए जगह सुनिश्चित करनी चाहिए।

प्रकाश पासवान

2.आम व्यवसायियों के लिए भागलपुर शहर में स्थाई जगह की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि शहर के अलग- अलग क्षेत्रों से लोग आसानी से आम की खरीदारी के लिए पहुंच सकें। इससे लोगों को कई क्वालिटी के आम की जानकारी के साथ कीमत में मोलभाव का भी अवसर मिल सकेगा।

मो नवासीर

3.मात्र दो महीना तिलकामांझी चौक के समीप खाली पड़े स्थान पर सड़क किनारे सालों से आम की दुकान लगाते हैं। पिछले कुछ वर्षों से प्रशासन द्वारा उन लोगों को अतिक्रमण के नाम पर हटा दिया जाता है। विभिन्न जगहों से खरीदार भी यहां पर आम खरीदने आते हैं, इसलिए दुकान लगाते हैं। प्रशासन शुल्क लेकर आम बेचने की अनुमति दे।

रामदेव मंडल

4.आम का दुकान लगाने पर नगर निगम द्वारा सामान जब्त कर जुर्माना लगा दिया जाता है। नगर निगम प्रशासन को आम विक्रेताओं के लिए जगह तय करनी चाहिए। जगए ऐसी होनी चाहिए जहां आम विक्रेताओं के साथ विभिन्न जगहों से आने वालों को भी खरीदारी में सहूलियत हो।

मो फूल

5.रोजगार की व्यवस्था नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में लोग परिवार के भरण पोषण के लिए सीजन में आम की बिक्री के कारोबार से जुड़कर काम करते हैं। सरकार ऐसे लोगों के लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था करे। ताकि लोगों को काम के अभाव में भटकना नहीं पड़े।

चंदन कुमार पासवान

6.भागलपुर के शहरी क्षेत्र में नगर निगम को आम विक्रेताओं के लिए वैसे जगह को चिन्हित करना चाहिए। जहां लोग आसानी से खरीदारी के लिए पहुंच सके। जगह आवंटित करने के लिए नगर निगम शुल्क भी निर्धारित करे। ताकि विक्रेताओं का आम समय रहते बिक सके और व्यवसायियों का कम से कम नुकसान हो।

मो राहुल

7.तिलकामांझी कृषि कार्यालय से कचहरी चौक के बीच सड़क किनारे आम के सीजन में दो माह तक प्रशासन के द्वारा स्थायी बाजार की व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे उनलोगों को आम बेचने के लिए कहीं और भटकना नहीं पड़े। खरीदारों को भी एक जगह से आम खरीदने में सहूलियत होगी।

संजय पासवान

8.सरकार द्वारा आम विक्रेताओं को जगह और बाजार उपलब्ध कराया जाय ताकि उनका व्यवसाय बेहतर ढ़ंग से चल सके। महज दो महीने तक आम का बाजार रहता है। लेकिन इसमें प्रशासन का उनलोगों को सहयोग नहीं मिल पाता है। जहां भी दुकान लगाते हैं वहां से हटा दिया जाता है।

रंजीत यादव

9.सरकार द्वारा फुटपाथ विक्रेताओं के लिए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। उसी के अनुसार मौसमी फल के विक्रेताओं को आम बेचने की अनुमति दी जाय। ताकि आम विक्रेता अपने परिवार का भरण पोषण कर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सकें।

रामस्वरूप पासवान

10.भागलपुर में आम का बहुत उत्पादन होता है। सरकार भागलपुर में आम पर आधारित उद्योग की स्थापना करे। ताकि आम उत्पादकों को उचित कीमत मिल सके। उद्योग लगने से आम के व्यवसायियों को रोजगार का विकल्प मिलेगा।

मो इस्लाम

11.जिस प्रकार भागलपुर के बाजार में चावल, चूड़ा, मछली, सब्जी, अनाज, फूल और फल समेत कई तरह के सामान की मंडी उपलब्ध है। उसी प्रकार देश विदेश में पसंद किए जाने वाले भागलपुरी आम के लिए भी स्थायी मंडी की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे खरीदार अपनी पसंद के मुताबिक आम की खरीदारी कर सकेंगे।

मो कासिम

12.यातायात व्यवस्था को बाधित किए बिना आम व्यवसायियों और खुदरा विक्रेताओं को एक निश्चित स्थान पर बाजार लगाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इससे आम का व्यवसाय अच्छे ढ़ंग से हो सकेगा और भागलपुरी आम की खुशबू और स्वाद का आनंद भागलपुर एवं राज्य के बाहर के लोगों को भी मिल सकेगा।

संटु कुमार पासवान

समस्या

1.नगर निगम द्वारा आम के बाजार के लिए कोई स्थायी जगह की व्यवस्था नहीं की गई। जिससे भागलपुर में हजारों आम विक्रेताओं को काफी दिक्कत होती है।

2.प्रशासन द्वारा कार्रवाई कर आम विक्रेताओं को हटा दिया जाता है। लेकिन उन्हें आम बेचने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही है।

3.आम कच्चा उत्पाद है। भागलपुर में इसे रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। समय रहते इसकी बिक्री नहीं होने पर खराब होने से आम व्यापारियों को आर्थिक क्षति होती है।

4.भागलपुर के जर्दालु आम को जीआई टैग प्राप्त है लेकिन महज दो माह के आम बाजार के लिए यहां आम की मंडी की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण आम विक्रेताओं को परेशानी होती है।

5.भागलपुर के बाजारों में पर्याप्त जगह नहीं होने से आम विक्रेता अपनी दुकान नहीं लगा पाते हैं। जगह की व्यवस्था नहीं होने से सालों से कृषि कार्यालय के समीप सड़क आम बेच रहे हैं।

सुझाव

1.अन्य मंडियों की तरह जिला प्रशासन को योजना बनाकर आम विक्रेताओं के लिए आम की मंडी के लिए जगह चिन्हित करना चाहिए। इससे खरीदारों को भी आसानी होगी।

2.तमाम क्षेत्रों के आम व्यवसायी तिलकामांझी चौक कृषि कार्यालय से पटेल चौक के बीच सड़क किनारे अपनी दुकान लगाकर आम की बिक्री करते हैं। प्रशासन को शुल्क के साथ अनुमति देनी चाहिए।

3.भागलपुरी जर्दालु आम को जीआई टैग प्राप्त है। भागलपुर आम का बड़ा बाजार भी है। प्रशासन को आम मंडी के लिए जगह चिन्हित करना चाहिए। इससे खरीदारों को भी सुविधा होगी।

4.आम के बाजार के लिए नगर निगम को भागलपुर शहरी क्षेत्र में न्यूनतम शुल्क के साथ स्थाी जगह तय करना चाहिए। इससे व्यापारियों को आम की बिक्री के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

5.आम को व्यापारी अधिक दिनों तक नहीं रख सकते हैं। भागलपुर में सरकार को बड़ा कोल्ड स्टोरेज बनवाना चाहिए। ताकि आम को कुछ दिनों तक रखा जा सके। इससे किसानों को लाभ मिलेगा।

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