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बोले पूर्णिया: पुल बनने से 10 से घट कर डेढ़ किमी का हो जाएगा सफर

लालगंज, विक्रमपट्टी और आसपास के क्षेत्रों में पुल की कमी से लोग परेशान हैं। बरसात के समय नदी पार करना मुश्किल होता है, जिससे बच्चों की शिक्षा और व्यापार प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोग पुल बनाने की...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 25 June 2025 04:21 AM
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बोले पूर्णिया: पुल बनने से 10 से घट कर डेढ़ किमी का हो जाएगा सफर

प्रस्तुति: भूषण

अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लालगंज, विक्रमपट्टी, खुदना, हरदा कवैया आदि इलाके का आज भी अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। दरहैया विक्रमपट्टी घाट पर पुल नहीं होने के कारण परेशान लोग का अब नदी में डूब कर दूसरी पार जाना ही नियति समझ चुके हैं। यह अलग बात है कि अंग्रेज के जमाने की विरुद्ध जब लड़ाई लड़ी जा रही थी तो यह नदी क्रांतिकारियों के लिए सेफ जोन बना हुआ था। हिन्दुस्तान के बोले पूर्णिया अभियान के तहत जब वहां के लोगों से बातचीत की गई तो ग्रामीणों ने बहुत सारा दर्द बताया और कहा कि हमारी पिछड़ेपन का कारण यह नदी है। जहां पुल नहीं है। जिससे बरसात के समय हमें अपने खेत तक पहुंचने में भी बाधा बनी हुई है। हमारे पंचायत की सड़कें भी अब खराब हो गईं हैं और जल निकासी का मसला का हल नहीं हो पाया है।

दरहैया विक्रमपट्टी घाट पर पुल नहीं होने के कारण लालगंज समेत पूरे इलाके के लोग आज भी न सिर्फ परेशान है बल्कि दियारा क्षेत्र के जनजीवन सदृश जीवन शैली बिता रहे हैं। जबकि यह इलाका मखाना और मक्का के उत्पादन के साथ-साथ इसके व्यापार के लिए काफी चर्चित होता जा रहा है। लोगों का कहना है यदि पुल बन जाए तो खेती करने वाले को भी काफी सुविधा होगी और इस होकर इलाके के कृषि उत्पाद को बाजार तक पहुंचने में काफी कम खर्च लगेगा। इससे हमारा व्यापार भी खिलेगा और हमारी आर्थिक समृद्धि भी ऊंचाई छूएगी। कई लोगों ने बताया कि अभी लालगंज और नेवालाल चौक की तरफ के लोग मरंगा थाना होते हुए हरदा बाजार की अनाज मंडी और मखाना मंडी जाते हैं। यदि यह पुल बन जाती है तो घूम कर जाने में 10 किलोमीटर की दूरी महज डेढ़ किलोमीटर हो जाएगी।

इससे छोटे किसान भी अपने उत्पाद को लेकर बाजार तक जाने में नहीं हिचकेंगे। कुछ लोगों ने बताया कि यह एरिया पेरीफेरी एरिया के रूप में माना जाता है। जब शहर का विस्तार हुआ था तो लोगों को लगा था कि पेरीफेरी एरिया में काफी कुछ विकास होगा लेकिन वैसा कुछ नहीं हुआ। इससे लोगों के मन खट्टे रहे। कई महिलाओं का दर्द यह रहा की उनके बच्चे मिडिल स्कूल अथवा हाई स्कूल नहीं जा सकते क्योंकि स्कूल तक जाने में नदी पार करना काफी मुश्किल होता है और बच्चों को बरसात एवं बाढ़ के समय स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं है। एक महिला रुखसाना खातून ने कहा कि हमारा पंचायत का नाम लालगंज है लेकिन इसका सारा सिस्टम कालागंज जैसा है। हम लोगों ने परिस्थिति को नियति मान लिया है। एक नदी के पंचायत को दो भागों में बांटने के कारण दूसरी तरफ के लोगों का खेत तक ट्रैक्टर ले जाना भी मुश्किल हो रहा है। नदी में पुल नहीं है तो भी प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधि की नजर इस ओर नहीं जाती कि यहां कोई नाव की भी व्यवस्था कर दी जाए। छोटे-छोटे व्यापारियों की परेशानी यह है कि कटिहार जैसे सब्जी की बड़ी मंडी तक सीधा संपर्क नहीं है।

व्यवसाय पर पड़ रहा नकारात्मक प्रभाव

गांव की नदी पर पुल नहीं रहने से हरदा होकर जाने में अक्सर यातायात जाम की समस्या रहती है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। पुल नहीं रहने से व्यापार और व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा हुआ है जिससे आर्थिक नुकसान होता है तो पुल नहीं रहने से आपातकालीन सेवाओं जैसे कि एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड को पहुंचने में परेशानी होती है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विक्रम पट्टी के लोगों को पूर्णिया मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल जाने में काफी परेशानी होती है। यहां के लोगों को रेलवे जंक्शन अथवा पूर्णिया कोर्ट स्टेशन जाने में काफी परेशानी होती है। इसके लिए एक दिन पहले से प्लानिंग करनी पड़ती है।

स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझना पड़ता है लोगों को

देश आजाद होने के बाद जैसे-जैसे विकास हुआ वैसे-वैसे यहां सुविधा नहीं बढ़ी। इस घाट पर पुल नहीं होने के कारण आज के समय में 50 हजार से अधिक की आबादी आवागमन की सुविधा से प्रभावित है। सिर्फ 25 हजार की आबादी तो लालगंज पंचायत की है। जिसको दरहैया घाट दो भागों में बांट रही है। आधुनिक युग में यह बहुत बड़ी विडंबना है। इसके कारण लोगों को स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझना पड़ता है। हालांकि इस मसले को लेकर सदर विधायक विजय खेमका ने आवाज उठाई है और पुल बनाने का आश्वासन दिया है।

इनकी भी सुनिए

अगर पुल की सुविधा हो जाए तो इस पंचायत के लोगों का सीधा संपर्क लाइन बाजार जीएमसी से हो जाएगा।

मो हबीब रजा, पूर्व मुखिया, लालगंज

नदी के उत्तर लालगंज पंचायत का सात वार्ड है और नदी के दक्षिण तीन वार्ड है। हम लोग पुल की मांग पिछले 20 वर्षों से करते आ रहे हैं।

-नजाम उद्दीन, सरपंच, लालगंज

लालगंज पंचायत की समस्या सिर्फ पुल की समस्या नहीं है बल्कि स्कूल की भी समस्या है क्योंकि स्कूल नदी के दूसरे पार है ।

-मो शहरेयार उर्फ मिस्टर

दरहैया घाट पर पुल बनाना बिल्कुल जरूरी है, अगर पुल समय पर बन जाए तो लालगंज पंचायत समेत पूरे इलाके की तकदीर बदल जाएगी।

-मो सिकंदर आलम

लालगंज से हरदा बाजार जाने में अभी 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है अगर पुल बन जाता है तो दूरी एक किलोमीटर हो जाएगी।

-मो रजाउल

अगर पुल बन जाएगा तो एक प्रकार से कटिहार पूर्णिया के बीच एक नया बाईपास का रूट निकल जाएगा । यह रूट लाइफ लाइन हो जाएगी।

-मो तौसीफ रजा

हमारे पंचायत के लोग इसी पंचायत के दूसरी तरफ जाने के लिए लगभग चार महीना नदी के पानी में घुसकर दूसरी तरफ

जाते हैं।

-तनवीर आलम

पुल होना बिल्कुल जरूरी है लेकिन इससे इतर यहां की सड़क भी जर्जर होती जा रही है। समस्याओं को लोगों ने नियति मान लिया है।

-मो आजाद

महिलाओं और बच्चों को नदी पार करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में हम लोग किसी तरह जीवन का समय कटा रहे हैं।

-संतोष शर्मा

हम लोग उद्यमी युवा हैं। घर नदी के एक तरफ तो अपना व्यवसाय नदी के दूसरी तरफ है। रात में घर लौटने में काफी परेशानी होती है।

-मो गुफरान

नदी के पास आकर कलेजा हिलने लगता है। खासकर बरसात और बाढ़ के समय तो जान हथेली पर होती है।

-अनीता देवी

हमारे इलाके की खेती में सबसे अधिक मखाना, मक्का, धान और पटवा है। हम लोगों की फसल डूब जाती है। इसका निदान होना चाहिए।

-इंतखाब आलम

बरसात के सीजन में जब नदी का पानी बढ़ने लगता है तो हम लोगों का जीवन संकट में हो जाता है। इस संकट से निजात दिलाने के लिए हम लोगों का कोई सहारा नहीं है।

-मो वाहिद

एक पुल ही एकमात्र ऐसा मसला है जो हमारी तकदीर बदल सकती और किसान भाइयों की भी समस्या का समाधान हो सकता है। पुल विकास का रास्ता खोल देगी।

-इमरोज आलम

मवेशी लेकर भी चराने निकलते हैं लेकिन कभी-कभी नदी पार करने के झमेले में हम लोगों का मवेशी भी इधर-उधर चला जाता है।

-उमोद शाह

लालगंज का बच्चा विक्रमपट्टी मिडिल स्कूल में एडमिशन नहीं ले सकता क्योंकि वहां तक जाने के लिए दरहैया नदी घाट सबसे बड़ा संकट खड़ा करता है।

-सुमिता देवी

दरहैया पुल बन जाने से पूर्णिया कटिहार के बीच एक नई अंडर रूट तैयार होगी। जिससे फायदा होगा।

-पूनम देवी

बकरी के लिए भी अब कहीं कोई खाली खेत नहीं है। नदी के उस पार खाली खेत है भी तो जाना मुश्किल है।

-सरस्वती देवी

बरसात के समय इस नदी के सहारे जितने भी लोगों की खेती है वह सब बर्बाद हो जाती है और हरदा अथवा विक्रम पट्टी भी नहीं जा पाते हैं।

-दुलारी देवी

पंचायत के लोगों के कल्याण के लिए बड़े जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा तभी यहां की समस्याओं का समाधान हो पाएगा।

-अशोक महतो

बोले जिम्मेदार

दरहैया घाट पर पुल निर्माण के लिए स्वायल टेस्ट हो गया है । टेंडर भी हो गया है और जल्द ही पुल बनेगा इसके लिए सदन में भी आवाज उठाई गई थी यहां की जनता के लिए जितनी भी समस्याएं होंगी इसका समाधान किया जाएगा यहां की जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा । सूबे और केंद्र की सरकार विकास में लगी हुई है। जिसका असर जिले में भी दिख रहा है।

-विजय खेमका, विधायक, सदर विधानसभा पूर्णिया

शिकायत

1. पुल नहीं रहने से आवागमन में होती है काफी परेशानी, दो भागों में बंटा हुआ है महत्वपूर्ण लालगंज पंचायत।

2. प्रमंडलीय मुख्यालय से सटे पंचायत को कोई फायदा नहीं, मेडिकल कॉलेज आने में भी परेशानी।

3. नौ महीने तक नदी भर जाने के कारण दूसरी तरफ खेती मुश्किल।

सुझाव

1. पुल बन जाने से नदी के इस पार के किसानों को दूसरे तरफ खेत में काम करने में होगी सुविधा।

2. जीवन स्तर में हो जाएगा सुधार और बढ़ जाएगा व्यापार।

3. हरदा बाजार से नेवालाल चौक के रास्ते लाइन बाजार तक दूरी हो जाएगी कम।

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