बोले मुंगेर: आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रतीक्षालय का शीघ्र हो निर्माण
तारापुर स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का बस स्टैंड यात्रियों की सुविधाओं के मामले में बदहाल है। यहां पेयजल, शौचालय और सफाई की गंभीर कमी है। यात्रियों ने सरकार से बेहतर सुविधाओं की मांग की है,...

प्रस्तुति: रणजीत कुमार ठाकुर/राहुल कुमार
तारापुर स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के सरकारी बस स्टैंड की बदहाली ने यात्री सुविधाओं की पोल खोल दी है। सालाना एक करोड़ से अधिक राजस्व देने वाला यह बस स्टैंड खुद बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। हर दिन यहां से भागलपुर, मुंगेर, जमुई सहित कई स्थानों के लिए दर्जनों सरकारी बसें चलती हैं, लेकिन यात्रियों को पेयजल, रोशनी, शौचालय और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं तक मयस्सर नहीं हैं। इस संबंध में इस बस स्टैंड से यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ हिन्दुस्तान संवाददाता द्वारा संवाद किया गया, जिसमें कई बातें उभर कर आईं।
बस स्टैंड परिसर में पीएचईडी द्वारा लगाए गए दो चापाकलों में से एक हाल में मरम्मत के बाद चालू हुआ है, लेकिन उसके आसपास की गंदगी के कारण यात्री उसका पानी पीने से कतरा रहे हैं। संक्रमण के डर से यात्री बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं। वहीं, संध्या के बाद पूरा परिसर अंधेरे में डूब जाता है, क्योंकि न पर्याप्त स्ट्रीट लाइट हैं और न वैकल्पिक रोशनी की कोई व्यवस्था। इस बस स्टैंड पर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय व स्नानागार तो बनाए गए हैं, पर इनमें पानी की व्यवस्था नहीं है। गंदगी और दुर्गंध के कारण इनका उपयोग करना संभव नहीं है। नियमित सफाई के लिए कोई केयर टेकर नियुक्त नहीं किया गया है, जिससे स्थिति और बदतर होती जा रही है। तारापुर बस स्टैंड में दशकों पूर्व बना यात्री प्रतिक्षालय अब जर्जर हो चुका है। छत टपकती है, दीवारों पर काई जमी है और फर्श गंदगी से भरा है। यात्री छांव के लिए पेड़ों के नीचे बैठने को मजबूर हैं। चारों ओर फैले कूड़े और बदबू के कारण यात्री मुंह-नाक ढक कर खड़े रहते हैं। बारिश के दिनों में हालात और भी विकराल हो जाते हैं। यात्रियों ने संवाद में विभाग से चापाकलों की मरम्मत और स्वच्छ पेयजल की स्थायी व्यवस्था के साथ-साथ अन्य कई मूलभूत सुविधाओं की मांग की है। यात्रियों ने कहा कि, बस स्टैंड में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो। शौचालय व स्नानागार की नियमित और प्रतिदिन तीन से चार बार सफाई होनी चाहिए। इसके लिए केयर टेकर की नियुक्ति हो। इसके साथ ही, नियमित सफाई और सक्रिय स्वच्छता अभियान भी चलाया जाए। यहां लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है नया व स्वच्छ यात्री प्रतिक्षालय का निर्माण जल्द- से- जल्द कराया जाए। तारापुर बस स्टैंड हर दिन लगभग 30 हजार रुपये और सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक राजस्व देता है, इसके बावजूद यात्री सुविधाओं की दुर्दशा सरकारी लापरवाही का प्रतीक है। यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो यह उपेक्षा भविष्य में जनाक्रोश का कारण बन सकती है। अब वक्त है कि इस उपेक्षित परिवहन केंद्र को प्राथमिकता दी जाए और यात्रियों को गरिमा के अनुरूप सुविधाएं प्रदान की जाएं।
इनकी भी सुनिए
चापाकल के पास गंदगी के कारण यात्री उसका पानी नहीं पीते। गर्मियों में यात्रियों को ठंडा पानी मिले, इसके लिए वाटर कूलर लगाया जाना चाहिए।
-धीरेंद्र राजहंस, अधिवक्ता
पीने के पानी की भारी किल्लत है। लोग दुकान से बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं, जो यात्रियों पर आर्थिक बोझ डालता है।
-निलांबर कुमार, अधिवक्ता
बस स्टैंड में गंदगी का आलम यह है कि बैठने तक की जगह नहीं बची। नालियों की सफाई तक नहीं होती।
-सत्यजीत कुमार गुप्ता
दशकों पहले बना प्रतीक्षालय अब खंडहर में तब्दील हो गया है। छांव के लिए बस एक पीपल का पेड़ है।
-सौरभ कुमार उर्फ डेविड
बरसात में पूरा बस स्टैंड कीचड़ से भर जाता है। न शेड है और न ही कोई राहत की व्यवस्था।
-मो. सद्दाम
रात में अंधेरे के कारण यात्रियों में भय बना रहता है। सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।
-सुजीत शर्मा
करोड़ों की आमदनी के बावजूद यात्रियों को शुद्ध पीने का पानी तक नसीब नहीं है।
-मो. मजहर उद्दीन
बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है, यात्रियों को घंटों खड़ा रहना पड़ता है।
-चंदन कुमार
शौचालय की कमी और गंदगी के कारण यात्रियों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है, महिलाएं विशेष रूप से प्रभावित होती हैं।
-अंजनी कुमार शर्मा
बसों के आने-जाने की सूचना देने वाला कोई डिस्प्ले या एनाउंसमेंट सिस्टम नहीं है। सब कुछ अनिश्चित है।
-मृत्युंजय मिश्रा
बारिश में यात्री दुकानों में शरण लेते हैं जिससे दुकानदारों और यात्रियों में विवाद हो जाता है।
-राकेश कुमार उर्फ केलू चौधरी
यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और गार्ड की नियुक्ति जरूरी है।
-सुमित कुमार
महिला शौचालय और स्नानागार उपयोग योग्य नहीं हैं। यह महिलाओं की गरिमा और स्वास्थ्य के साथ अन्याय है।
-बुलबुल देवी
प्रतीक्षालय क्षतिग्रस्त है, महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर बस का इंतजार करती हैं।
-स्वाती कुमारी
सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है, पर बस स्टैंड में महिलाएं खुद को असहज महसूस करती हैं।
-कविता देवी
रात में अकेली महिला यात्रियों को अंधेरे में डर लगता है। रौशनी और सुरक्षा की ठोस व्यवस्था होनी चाहिए।
-आरती देवी
बोले जिम्मेदार:
सिर्फ तारापुर ही नहीं, जिले के सभी सरकारी बस स्टैंड की स्थिति एक जैसी है। हालांकि, विभाग अब इस दिशा में काम कर रहा है। खड़गपुर और संग्रामपुर बस स्टैंड की घेराबंदी शुरू कर दी गई है। तारापुर बस स्टैंड का भी शीघ्र जीर्णोद्धार कराया जाएगा।
-विजय कुमार यादव, डीएस, मुंगेर
शिकायत
1. मरम्मत के बाद चालू चापाकल भी गंदगी से घिरा है, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।
2. संध्या के बाद बस स्टैंड अंधेरे में डूब जाता है; स्ट्रीट लाइट या वैकल्पिक रौशनी की कोई व्यवस्था नहीं।
3. गंदगी, दुर्गंध और पानी की अनुपलब्धता के कारण शौचालय का उपयोग संभव नहीं है।
4. पुराना प्रतीक्षालय खंडहर बन चुका है, यात्रियों को पेड़ के नीचे बैठकर समय बिताना पड़ता है।
5. चारों ओर कूड़े का अंबार, सफाई कर्मी की अनुपस्थिति, और रात में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं।
सुझाव
1. सभी चापाकलों की नियमित मरम्मत के साथ-साथ वाटर कूलर या आरओ सिस्टम की व्यवस्था की जाए।
2. स्टैंड परिसर में स्ट्रीट लाइट और वैकल्पिक सोलर लाइट्स की स्थापना की जाए।
3. सफाई के लिए केयर टेकर की तैनाती और शुद्ध जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
4. आधुनिक सुविधाओं से युक्त, साफ-सुथरे और सुरक्षित प्रतीक्षालय का शीघ्र निर्माण हो।
5. सफाई व्यवस्था सख्ती से लागू हो, सीसीटीवी कैमरे और गार्ड की तैनाती से सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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