बोले मुंगेर: कटाव ने छीन ली खुशियां, नाला व शौचालय के लिए लगा रहे दौड़
मिर्जापुर के बरदह गांव में आजादी के कई दशकों बाद भी बुनियादी समस्याएं जारी हैं। शिक्षा की कमी, शौचालय की अनुपलब्धता, जर्जर सड़कों और रोजगार के अभाव से ग्रामीण परेशान हैं। 500 परिवारों को शौचालय की...

प्रस्तुति: नवीन कुमार झा / अमरेन्द्र कुमार
मिर्जापुर बरदह पंचायत की बरदह गांव में आजादी के कई दशक बाद भी कई बुनियादी समस्याएं आम जनों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या शिक्षा की है, स्कूलों में वर्ग कक्ष की कमी के कारण बच्चे बरामदा पर बैठ कर पठन-पाठन करने को मजबूर हैं। वहीं यहां के लोग सालो भर गर्म पानी पीने को भी विवश हैं। क्यों की सीताकुंड से सटे बरदह गांव में भूगर्भीय जल पूरी तरह से गर्म है। इसके अलावा गांव में नाला जाम रहने के कारण सड़ांध की समस्या बनी हुई है। गांव के अब भी पांच सौ परिवार शौचालय की राशि से वंचित है। वहीं दो सौ लोगों को पीएम आवास का लाभ नहीं मिला है। जर्जर सड़क के कारण आवागमन करने में असुविधा हो रही है। पुस्तकालय के आभाव में बच्चों को परेशानी हो रही है। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर संवाद के दौरान लोगों ने कहीं।
सदर प्रखंड की मिर्जापुर बरदह पंचायत के बरदह गांव में आजादी के कई दशकों बाद भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा, शौचालय, नाली जाम, जर्जर सड़क सहित कई समस्याएं गांव में है, जिसका निराकरण काफी आवश्यक है। रविवार को हिंदुस्तान टीम बरदह गांव में ग्रामीणों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने कई समस्याओं का जिक्र किया। ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 76 साल बाद भी गांव के अंदर कई ज्वलंत समस्याएं मौजूद है। जिसका समाधान होना अति आवश्यक है। हालांकि ग्रामीणों ने कहा कि वैसे तो कई विकास के कार्य हुए हैं, लेकिन वर्तमान में छोटी-छोटी समस्याएं हैं जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव में सबसे बड़ी समस्या कटाव की है,कटाव के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं नाला जाम रहने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर सड़क के कारण आवागमन करने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई जगह तो सड़क के किनारे नाली का अभाव है, जिसके कारण घरों का पानी सड़कों पर जमा रहता है। अधिकांश नाला जाम रहने से सही रूप में गंदा पानी का बहाव नहीं हो पाता है। जिससे सड़ांध के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकुल असर पड़ रहा है। बरदह गांव में 2000 से भी अधिक परिवार जीवन यापन करते हैं। इस गांव की आबादी 20000 से भी अधिक है। मजदूरी पर आधारित रहने वाले इस गांव के मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं है। रोजगार के आभाव में यहां के लोग मजदूरी के लिये दुसरे प्रदेश पलायान करने को मजबूर है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार की सुविधा मिल जाए तो जीवन यापन करने में सहुलियत होगी। गांव की बच्चों के लिये स्कूल तो है, लेकिन प्राय: सभी स्कूलों में वर्ग कक्ष की घोर कमी है। जिसके कारण बच्चों को पठन-पाठन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शौचालय से वंचित लोगों को अविलंब राशि देने की मांग
गांव में पुस्ताकलय की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे कि यहां के बच्चों को पढ़ाई में परेशानी होती है। ग्रामीणों ने कहा कि शौचालय से वंचित लोगों को अविलंब राशि दिलाए जाने की व्यवस्था की जाए। वहीं कई महिलाओं ने कहा कि गांव के अंदर सिलाई सेंटर, कमजोर बच्चों के लिये कोचिंग सेंटर की व्यवस्था अविलंब किया जाए। गांव के अंदर आंगनबाड़ी केंद्र तो है, लेकिन केंद्र को अपना भवन ही नहीं है। किराए के मकान में आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन होता है। बरदह गांव के लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था नहीं रहने से परेशानी होती है। ग्रामीणों ने गांव के अंदर विभिन्न विद्यालयों का जिक्र करते हुए कहा कि विद्यालय में शिक्षक तो है लेकिन बच्चों के अनुसार विद्यालय में कमरों का अभाव है।
कटाव की समस्याओं का नहीं हो रहा स्थायी सामाधान
कटाव की समस्याओं का स्थायी सामाधान नहीं हो रहा है। काफी संख्या में लोगों को राशन कार्ड तक नहीं है। बरदह गांव के अधिकांश लोग मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने से दूसरे क्षेत्र में रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। विद्यालय में भवन का घोर आभाव है।
कटाव के कारण गांव की किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इस ओर जिला प्रशासन को अविलंब ध्यान देना चाहिए।
-मो. गुलफाम
गांव में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था हो। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आए।
-मो. आफताब आलम
बरदह गांव में मजदूरों के लिए रोजगार की समुचित व्यवस्था हो। यहां के मजदूरों को अक्सर काम नहीं मिलता है।
-मो. जहिम आलम
आंगनबाड़ी केद्र को अपना भवन हो, अपना भवन उपलब्ध होने के बाद ही बच्चों को सही रूप में व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा।
-मो. महताब आलम
नाला जाम रहने के कारण अक्सर सड़ांध के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
-मो. रूस्तम
शौचालय के लिए पांच सौ लोगों ने आवेदन किया है। लेकिन अबतक लोगों को राशि नहीं मिली है। लोग शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं।
-रूकसान
बरदह गांव में पुस्तकालय नहीं रहने के कारण बच्चों को आवश्यक पुस्तक के लिए जहां-तहां भटकना पड़ता है।
-मो. वशीम
रोजगार को लेकर बरदह गांव के लोग कई प्रदेशों में मजदूरी करने जाते हैं। अगर गांव में मजदूरी मिले तो बेहतर होगा।
-महरूद्दीन
आर्थिक तंगी के कारण काफी संख्या में लोगों ने खेती छोड़ दिया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहयोग किया जाए।
-मो. फिरोज आलम
अगर स्वरोजगार के लिये प्रशिक्षण देकर आर्थिक सहयोग मिले तो काफी संख्या में गांव से पलायन किये लोग वापस आ सकते हैं।
-मो. समर
विद्यालय में कमरे की समस्या है। कमरों की कमी से बच्चों की पठन-पाठन की व्यवस्था में परेशानी आ रही है।
-मो. शहीमुद्दीन
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में रोजगार की व्यवस्था हो। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आए।
-मो. जावेद आलम
शौचालय की राशि नहीं मिलने से बहू-बेटियों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। जल्द से जल्द हम सभी वंचितों को शौचालय की राशि मिले।
-नसीमुद्दीन
सभी ग्रामीण सड़कों के किनारे नाली का निर्माण हो, जिससे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। बारिश के दिनों में जलजमाव से सड़ांध की स्थिति बन जाती है।
-अलीशेर
बरदह गांव में विवाह भवन या फिर सामुदायिक भवन नहीं रहने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विवाह भवन की व्यवस्था किया जाए।
-मो. फिरदौस
बरदह गांव में कई तरह की समस्याओं से लोगों को परेशानी हो रहा है। इसके निदान के लिए अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए। जिम्मेदारों को अविलंब ध्यान देना चाहिए।
-शबनम बेगम
बोले जिम्मेदार
गांव के अंदर जल निकासी की समस्या का जल से जल समाधान किया जाएगा । पुस्तकालय की स्थापना के लिए कार्य प्रगति पर है । स्कूलों में वर्ग कक्ष की कमी को दूर करने का प्रयास कर रही हूं । कटाव सहित रोजी रोजगार के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर उसके निदान का प्रयास करूंगी ।
गुलनाज शाहीन, मुखिया, मिर्जापुर बरदह
गांव में जो भी नाला जाम है उसकी सफाई के लिए कार्य योजना बनाकर समस्याओं के निदान का प्रयास किया जाएगा। वहीं कटाव को लेकर भी वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। पुस्तकालय का जल्द ही निर्माण कराया जाएगा। यूकोआरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त कर गांव के युवा एवं युवती उद्योग
विभाग से लोन प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं।
-आर के राघव, बीडीओ, सदर मुंगेर
शिकायत
1. शौचालय की राशि से बरदह गांव के पांच सौ घर अबतक वंचित। लोग हलकान।
2. बरदह गांव के किसानों के लिए कटाव की एक बड़ी समस्या है।
3. बरदह गांव में नाला जाम रहने से सड़ांध की है स्थिति।
4. विद्यालयों में वर्ग कक्ष की कमी से पठन-पाठन में हो रही परेशानी। उपस्थिति भी कम।
5. गांव में पुस्तकालय नहीं रहने से बच्चों को होती है परेशानी।
सुझाव
1. शौचालय की राशि से वंचित पांच सौ परिवारों को मिले अविलंब राशि।
2. बरदह गांव के किसानों के लिए कटाव एक बड़ी परेशानी है, इसे दूर किया जाए।
3. बरदह गांव में जाम पड़े नाला की अविलंब हो सफाई।
4. विद्यालयों में वर्ग कक्ष की कमी को दूर किए जाने की हो पहल।
5. बरदह गांव में पुस्तकालय निर्माण कराया जाए, जिससे बच्चों की समस्याएं हों दूर।
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