बोले पूर्णिया: शौचालय न पेयजल, यात्री रोड पर खड़े रहने को मजबूर
बनमनखी बस स्टैंड वर्षों से उपेक्षित है, जहां यात्रियों को सुविधाओं का घोर अभाव है। न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही शौचालय की। रोजाना 10,000 यात्री यहां से यात्रा करते हैं, लेकिन उन्हें धूप और बारिश...

प्रस्तुति: सुशील कुमार झा
अंग्रेजी हुकूमत काल का बनमनखी बस स्टैंड आज भी अघोषित जगह पर चल रहा है। बस स्टैंड का माकूल जगह नहीं होने और उस जगह कोई यात्री सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। मालूम हो कि इस होकर सहरसा और मधेपुरा से पूर्णिया तथा पटना के लिए बस चलती है। बड़ी संख्या में महिला पुरुष यात्री यहां आते हैं और व्यवस्था के अभाव में धूप एवं बरसात का प्रकोप झेलते रहते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि रोजाना यहां से 10 हजार यात्री बस की यात्रा करने आते हैं। कम से कम 40 से अधिक बस का रोजाना अंतर्जिला ट्रिप लगता है जिसका प्रयोग बड़ी संख्या में आसपास के यात्री करते हैं। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले पूर्णिया संवाद के दौरान लोगों ने कहीं। उन्होंने कहा कि बनमनखी बस स्टैंड वर्षों से उपेक्षित है। शौचालय व यूरिनल तो खोजे नहीं मिलता है।
साल में लाखों का राजस्व देने वाला बनमनखी बस स्टैंड (रोड पर) पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं नदारद हैं। आलम यह है कि यात्रियों को अपना सामान लेकर सड़क पर बस का इंतजार करना पड़ता है। न तो यात्रियों के बैठने के लिए माकूल व्यवस्था है और न ही यात्रियों के लिए यूरिनल और टॉयलेट की व्यवस्था है। बस स्टैंड में बस का इंतजार करने के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण खासकर महिला, बुजुर्गों एवं बीमार यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं टॉयलेट एवं यूरिनल की व्यवस्था नहीं होने के कारण भी यात्रियों को काफी परेशानी होती है। बारिश एवं तेज धूप के दौरान बस स्टैंड पर यात्रियों को सिर छुपाने के लिए आसपास के दुकानों का सहारा लेना पड़ता है। कई बार यात्रियों का सामान आदि बारिश में भींग जाता है। जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान भारी परेशानी होती है। जहां पर यात्रियों को चढ़ाने के लिए बस खड़ी होती है वहां जगह काफी कम चौड़ी है।
सड़क पर बस खड़ी होने के कारण अन्य वाहनों को भी आवागमन में परेशानी होती है। इस कारण कई बार जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। गौरतलब है कि बनमनखी बस स्टैंड से सहरसा, मधेपुरा मुरलीगंज, पूर्णिया, कटिहार , जदिया, कुमारखंड, छातापुर ,सुपौल ,त्रिवेणीगंज आदि समेत विभिन्न स्थानों के लिए बस गुजरती है यहां सुबह तकरीबन 5:00 बजे से यात्रियों का पहुंचना शुरू हो जाता है। रात के 8:00 बजे तक बसों का परिचालन होता है। इसके साथ यहां से छोटी गाड़ियां भी आसपास की क्षेत्र के लिए चलती हैं, जिसमें टेंपो टोटो आदि सवारी गाड़ी शामिल है। इस कारण यहां यात्रियों की काफी भीड़ जुटती है। अगर बनमनखी बस स्टैंड को मॉडल बस स्टैंड के रूप में विकसित कर सुविधाएं बढ़ाईं जाए तो यहां यात्रियों की संख्या में गुणात्मक इजाफा होगी तथा सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। आम यात्रियों को अच्छी सुविधा भी मिलेगी जिसमें शुद्ध पेयजल की व्यवस्था टॉयलेट यूरिनल की व्यवस्था पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की दरकार है तथा इन सुविधाओं के लिए वर्षों से उपेक्षित है।
बस स्टैंड बनने से बदल जाएगी बनमनखी की तस्वीर
इन दिनों काफी तेजी से सहरसा पूर्णिया राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है। सड़कों की बेहतर स्थिति होने के साथ अब लोगों को उम्मीद जगी है कि बनमनखी बस स्टैंड को भी अगर मॉडल बस स्टैंड के रूप में विकसित कर दिया जाए तो इससे जहां बनमनखी की तस्वीर बदल जाएगी वहीं दूसरी ओर स्थानीय बनमनखी वासी एवं इस होकर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को लाभ होगा। इससे लोगों को जाम से निजात मिलेगा और लोगों का समय भी बर्बाद नहीं होगा। इससे लोगों की आर्थिक बचत भी होगी। जिससे चहुंओर विकास दिखेगा।
बैरियर वसूली कहीं और बस रुकती है कहीं, रोज जाम से लोग हलकान
बनमनखी बस स्टैंड का बैरियर बीते कुछ महीनो से निबंधन कार्यालय के समीप जलनि:सरण विभाग के परिसर में एनएच 107 के किनारे वसूल किया जा रहा है, जबकि बस स्टैंड वहां से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर बनमनखी पशु अस्पताल के समीप है। पशु अस्पताल के समीप यात्री बसों में चढ़ते हैं। बनमनखी के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी ने बस स्टैंड को सुदृढ़ बनाने हेतु तथा उक्त स्थल पर अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय तथा बीआरसी आदि होने के कारण लगातार जाम लगती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए निबंधन कार्यालय के समीप स्थल चिह्नित कर नगर परिषद प्रशासन को बस स्टैंड को उस जगह पर ले जाने का निर्देश दिया था। इसके बाद कुछ दिनों तक बसें वहां रुकती रही। परंतु बस चालक की मनमानी के कारण पुराने स्थल पर फिर से बसों का ठहराव होने लगा है। स्थानीय अधिकारियों के इस दिशा में दिलचस्पी नहीं लिए जाने के कारण बनमनखी वालों के लिए मॉडल बस स्टैंड का सपना दिवास्वप्न बना हुआ है।
इनकी भी सुनिए
सड़क पर ही वहां बस रूकती है जहां बस में सवार होने में काफी परेशानी होती है। महिलाओं को तो काफी दिक्कत होती है।
-प्रदीप कुमार शर्मा
बनमनखी बस स्टैंड का समुचित विकास हो तो यहां के लोगों को सुविधा होगी तथा यात्रियों को यात्रा में सहूलियत होगी।
-विकास कुमार गुप्ता
बनमनखी बस स्टैंड को विकसित करने की जरूरत है अभी जहां पर बस रुकती है वहां यात्रियों के लिए कोई सुविधा
नहीं है।
-इन्दर शर्मा
बनमनखी बस स्टैंड को विकसित करने की जरूरत है। वर्षों पुराने ढर्रे पर बस स्टैंड संचालित हो रहा है। कोई सुविधा नहीं बढ़ी है। -दिलखुश कुमार
यहां सुविधाओं का घोर अभाव है जबकि यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूल किया जा रहा है। कहीं भी भाड़ा तालिका नहीं है।
-सौरभ कुमार
बनमनखी बस स्टैंड पर शौचालय एवं यूरिनल होना चाहिए। इनमें खास कर महिला यात्रियों को तो काफी दिक्कत होती है।
-मुशहरनी देवी
बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण खासकर महिला यात्रियों को काफी परेशानी होती है। जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए।
-शकुंतला
बनमनखी में माॅडल बस स्टैंड बनना चाहिए। अभी भी यात्री को जो मूलभूत व्यवस्था चाहिए वो बिल्कुल नहीं है। इससे यात्रियों को परेशानी होती है।
-राजीव कुमार
बस स्टैंड को विकसित किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है । साफ सफाई के साथ मूलभूत सुविधा जरूरी है ।
-शिवशंकर तिवारी
बनमनखी बस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था टॉयलेट एवं यूरिनल की व्यवस्था अति आवश्यक है।
-विशाल कुमार
बोले जिम्मेदार
बनमनखी में बस स्टैंड के विकास को लेकर विधानसभा में मेरे द्वारा प्रश्न काल के दौरान प्रश्न किया गया था जिसको लेकर सरकार ने विभाग से बस स्टैंड के लिए स्थल चिह्नित कर मांगा है। स्थल मिलते ही तमाम सुविधाओं से लैस बनमनखी में मॉडल बस स्टैंड का निर्माण कराया जाएगा। जनता की भावनाओं का कद्र हर हाल में किया जाएगा। उनकी सुविधाओं के लिए सरकार कटिबद्ध है।
-कृष्ण कुमार ऋषि, विधायक, बनमनखी
शिकायत
1. यात्रियों को लेने के लिए सड़क पर बस रुकती है इसलिए जाम लगता है।
2. बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए शौचालय यूरिनल, शुद्ध पेयजल और बैठने की व्यवस्था नहीं है।
3. बस स्टैंड परिसर में समुचित रोशनी की व्यवस्था नहीं है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं।
सुझाव
1. यात्रियों की बैठने की समुचित व्यवस्था और सुरक्षा हो।
2. बस पार्किंग की व्यवस्था हो जहां यात्री आसानी से सवार हो सके।
3. महिला तथा पुरुष यात्रियों के लिए शौचालय यूरिनल आदि की व्यवस्था हो। बस स्टैंड के नजदीक पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित हो।
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