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रोजाना 150-200 मौसमजनित बीमारी से पीड़ित करा रहे जांच

बारिश और तीखी धूप के कारण मौसमजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। सदर अस्पताल में रोजाना 150-200 मरीज डायरिया, सर्दी, खांसी और अन्य चर्म रोगों के लिए जांच कराने आ रहे हैं। विशेषज्ञों ने स्वच्छता बनाए...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआFri, 27 June 2025 10:53 PM
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रोजाना 150-200 मौसमजनित बीमारी से पीड़ित करा रहे जांच

वायरस के बैक्टीरिया को पनपने में कर सकता है मदद, चर्म रोग के साथ उल्टी, दस्त, सर्दी, खांसी होने की बनी रहती है आशंका बारिश के बाद निकली तीखी धूप से शरीर में पैदाल हो रही है चुनचुनाट शरीर के जोड़ वाले अंग को साफ व सूखा रखने के साथ स्वच्छता जरूरी (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कभी बारिश और कभी तीखी धूप से समन्वय नहीं बना पाने के कारण आमजन मौसमजनित बीमारी से पीड़ित होने लगे हैं। डायरिया, सर्दी, खांसी, बुखार, सिर, बदन दर्द, चर्म रोग के रोजाना 150-200 मरीज सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच व इलाज कराने आ रहे हैं।

इनमें से डायरिया के गंभीर रोगियों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। जबकि सामान्य मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर दवाएं और सलाह देकर घर भेज दिया जा रहा है। जिले में मंगलवार को झमाझम बारिश हुई। उसके बाद हल्की धूप निकली। लेकिन, बुधवार को तीखी धूप निकल आई। फिर गुरुवार को भी रिमझिम बारिश हुई। शुक्रवार को फिर धूप का सामना करना पड़ा। इसके पहले चार-पांच दिनों तक बीच-बीच में बूंदाबांदी व रिमझिम बारिश हो रही थी। बादल छाए रह रहे थे और हवा में नमी थी, जिससे मौसम सुहाना हो गया था और लोग भी गर्मी एवं गर्म हवा से राहत पा रहे थे। हालांकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम 28 डिग्री था। लेकिन, शनिवार से बुधवार तक 32 डिग्री रहने की संभावना है। हालांकि बादल रहने के भी संकेत मिल रहे हैं। दो जुलाई को बारिश होने की भी संभावना है। बरसात का मौसम आते ही गर्मी से राहत मिलती है। लेकिन, यह मौसम कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी लेकर आता है। बढ़ती नमी, स्थिर पानी, मच्छरों के पनपने और अन्य रोगाणुओं के फैलने से बरसात में बीमारियाँ आम होती हैं। बरसात में स्वच्छता पर ध्यान देना जरूरी आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ. डीके सिंह मंटू बताते हैं कि बरसात में वर्षा का पानी, धूप व गंदगी से बचने की जरूरत है। स्वच्छता पर ध्यान दें और जमा पानी में किरासन तेल डालें। बरसात में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे में कारण खान-पान व रहन-सहन पर ध्यान देना जरूरी है। इस मौसम में हल्का व शीघ्र पचने वाला आहार लेना चाहिए। गरिष्ठ भोजन व तले हुए चटपटे स्वाद वाले खाद्य पदार्थ से बचना चाहिए। खुली बिक रही खाद्य सामग्री को खाने से परहेज करना जरूरी है। मलेरिया बुखार के लक्षण और बचाव के उपाय बरसात में मच्छरों के काटने से मलेयिा बुखार होता है। तेज बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द इसके लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी के नीचे सोएं। शरीर को ढंकने के लिए लंबी पैंट और लंबी आस्तीन वाले कपड़े पहनें। आसपास उचित जल निकासी सुनिश्चित करें। टाइफाइड ज्वर व रोकथाम के उपाय टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण है जो दूषित भोजन और पानी से फैलता है। बुखार, कमज़ोरी, पेट दर्द, सिरदर्द और भूख न लगना इसके लक्षण हैं। उबालकर या आरओ का पानी पलएं। हाथों कों साबुन से धोते रहें। खुले में बिकनेवाले खाद्य पदार्थ न खाएं। ताजा और पूरी तरह पका हुआ भोजन करें। डायरिया से ऐस करें बचाव डायरिया गंभीर दस्त रोग है, जो विब्रियो कोलेरा बैक्टीरिया से दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है। इससे पानी जैसा दस्त और निर्जलीकरण होता है। स्वच्छ पानी पीएं। हाथों को नियमित साबुन और पानी से धोएं। पका हुआ भोजन खाएं और कच्चा या अधपका भोजन खाने से बचें। वायरल बुखार बरसात में वायरल बुखार आम है। बुखार, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी इसके लक्षण हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचें। संतुलित आहार और पर्याप्त आराम लेकर अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएं। कोट मौसम में बदलाव होने पर 150-200 मौसमजनित रोग के मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर दवाएं और सलाह दी जा रही है। गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। दवाएं पर्याप्त हैं। डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल फोटो- 27 जून भभुआ- 4 कैप्शन- सदर अस्पताल में शुक्रवार को भर्ती इमरजेंसी वार्ड में मौसमजनित रोग के भर्ती मरीज।

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