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शहर में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से राहगीर त्रस्त

भभुआ शहर में यातायात पुलिस की तैनाती के बावजूद ऑटो और ई-रिक्शा चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। पर्व-त्योहार और भीड़ के समय में यातायात प्रभावित हो रहा है। नाबालिग भी ई-रिक्शा चला रहे हैं, जिससे...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआWed, 11 June 2025 09:19 PM
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शहर में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से राहगीर त्रस्त

शहर के चौक-चौराहों पर यातायात पुलिस की तैनाती के बाद भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं ऑटो और ई-रिक्शा चालक बिना स्टैंड वाली जगह पर खड़ा कर यात्रियों को बैठाने का करते हैं इंतजार पर्व-त्योहार व लग्न की भीड़ के दौरान मुश्किल हो जाता है रास्ता तय करना कचहरी पथ में अक्सर होती हैं दुर्घटनाएं, नाबालिग भी चला रहे हैं ई रिक्शा परिवहन विभाग द्वारा शहर में कभी-कभी चलाया जाता है वाहन जांच अभियान 500 ऑटो का परिचालन होता है जिले में 1300 ई रिक्शा दौड़ रहे कैमूर की सड़कों पर 350 ई रिक्शा व 150 ऑटो शहर में चलते हैं (पेज चार की लीड खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता।

शहर में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से राहगीर त्रस्त होने लगे हैं। शहर का शायद ही कोई ऐसा प्रमुख स्थल नहीं होगा, जहां ऑटो व ई रिक्शा खड़ा करने से यातायात प्रभावित नहीं होता हो। शहर के एकता चौक पर यातायात पुलिस तैनात रहती है। लेकिन, यहां चालक ऑटो व ई रिक्शा खड़ा कर यात्रियों के आने का इंतजार करते हैं। धर्मशाला से सब्जी मंडी मोड़ तक सड़क के दोनों ओर वाहन खड़े किए जा रहे हैं। सदर अस्पताल, पटेल चौक व जेपी चौक के आसपास में भी यही नजारा देखने को मिलता है। इनके वाहन उसी जगह पर ज्यादा खड़े होते हैं, जहां इनके लिए स्टैंड नहीं बने हैं। पर्व-त्योहार व लग्न की भीड़ के दौरान ऑटो व ई रिक्शा खड़ा किए जाने से राह तय करना मुश्किल हो जाता है। ऑटो व ई रिक्शा से कचहरी पथ में अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में नाबालिग भी ई रिक्शा का परिचालन करते देखे जा रहे हैं। जाहिर 18 वर्ष आयु से कम वाले चालकों को परिवहन विभाग से लाइसेंस नहीं मिले होंगे। परिवहन विभाग द्वारा शहर में कभी-कभी वाहन जांच अभियान चलाया जाता है। इसी कारण इनकी मनमानी बढ़ी है। नगर परिषद के संवदेक इन चालकों से टैक्स वसूली तो करते हैं, पर इन्हें स्टैंड में वाहन खड़ा करने की सलाह नहीं देते हैं। शहीद संजय सिंह महिला कॉलेज की छात्राएं रूबी कुमारी व रेशमा कुमारी ने बताया कि ऑटो व ई-रिक्शा के डिवाइडर से टकराने, पलटने, किसी वाहन के द्वारा पीछे से धक्का मार देने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। परीक्षा के दौरान कॉलेज के पास ज्यादा भीड़ लगती है। ऐसे में सड़क पर ऑटो व ई रिक्शा खड़ा करने से दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। कॉलेज व कोचिंग पढ़ने जानेवाली की कई छात्राएं घायल हो चुकी हैं। शहर के कमलेश कुमार व एकबाल राइन बताते हैं कि यह हाई स्पीड में वाहन चलाते हैं। जबकि 40 किमी. प्रति घंटा वाहन चलाने का निर्देश तत्कालीन डीएम सावन कुमार ने दिया था। ऑटो यूनियन की बैठक में इस आदेश का पालन करने का निर्णय लिया गया है। लेकिन, सड़क पर यह 55 की स्पीड में चल रहे हैं। नाबालिग चला रहे हैं ई रिक्शा भभुआ शहर ही नहीं जिले की अन्य सड़कों पर भी इन दिनों कई नाबालिग ड्राइवर ई-रिक्शा का हैंडल थामकर चल रहे हैं। इन्हें देखकर ही इनकी उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है कि न तो इनके पास ड्राइविंग लाइसेंस होगा और न ही नियमों की जानकारी। इसके बाद भी पुलिस के सामने से ये बेरोक-टोक के गुजरते हैं। परिवहन, पुलिस व नगर परिषद के ध्यान नहीं देने के कारण नाबालिग ड्राइवरों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर के समाहरणालय पथ, कचहरी पथ, अखलासपुर पथ, देवी जी रोड, सोनहन बस पड़ाव पथ और इससे सटे वैकल्पिक मार्ग में ई-रिक्शा दौड़ाते दर्जनों नाबालिग चालक मिल जाएंगे। ज्यादा फेरा लगाने के चक्कर में बढ़ाते हैं स्पीड सवारी बैठाने और अधिक फेरा लगाने के चक्कर में चालक वाहनों की रफ्तार बढ़ा रहे हैं। भभुआ-मोहनियां पथ में कई दुर्घटनाएं हुई हैं। ऐसी घटनाओं में कई लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ लोग गंभीर घायल भी हो चुके हैं। इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है। कुछ ई रिक्शा व ऑटो वाले तो यात्री की जगह सामान की ढुलाई कर रहे हैं। अक्सर इनके वाहन पर बांस, हार्डवेयर, कूलर, किराना सामग्री आदि लदे दिखते हैं। क्षमता से अधिक ढो रहे यात्री ऑटो व ई-रिक्शा वाले क्षमता से अधिक सवारी ढो रहे हैं। ड्राइवर सीट के पास दोनों ओर यात्री बैठाए जा रहे हैं। ऑटो की तर्ज पर कुछ यात्री तो ई-रिक्शा पर खड़ा होकर यात्रा करते देखे जाते हैं। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत कोई भी 18 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर वाहन नहीं चला सकता। लेकिन, यहां तो कमाई के फेर में 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग भी ई-रिक्शा चला रहे हैं। ऐसे चालकों की छानबीन नहीं किए जाने से परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ रही है। क्या कहते हैं यूनियन के अध्यक्ष ऑटो यूनियन के जिलाध्यक्ष सनी अंसारी से पूछने पर बताया कि कैमूर जिले में 500 ऑटो व 1300 ई रिक्शा दौड़ तथा भभुआ शहर में 350 ई रिक्शा व 150 ऑटो का परिचालन हो रहा है। सभी चालकों को 40 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन परिचालन करने के लिए कहा गया है। कुछ जगहों पर टैक्स के नाम पर गलत तरीके से वसूली हो रही है। स्टैंड में सुविधाएं नहीं हैं। फोटो- 11 जून भभुआ- 3 कैप्शन- शहर के एकता चौक के पास बुधवार को कतार में खड़े किए गए ई-रिक्शा।

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