जिले के अस्पतालों में डॉक्टर व स्टॉफ की कमी से मरीज हलकान
कैमूर जिले के सरकारी अस्पतालों में 255 स्वीकृत चिकित्सक पदों में से केवल 108 पर डॉक्टर कार्यरत हैं। 147 पद रिक्त हैं, जिससे फिजिशियन, सर्जन, और अन्य विशेषज्ञों की कमी से गंभीर मरीजों को उच्च केंद्रों...

कैमूर में चिकित्सकों के स्वीकृत 255 पद में से 108 पर ही हैं कार्यरत, डॉक्टर के 147 पद अभी भी है रिक्त फिजिशियन, सर्जन, रेडियोलॉजी, स्त्री रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, दंत, हृदय के डॉक्टर नहीं चिकित्सकों के अभाव में कैमूर के अस्पतालों से रेफर किए जा रहे हैं गंभीर मरीज (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कैमूर जिले के सरकारी अस्पतालों में डाक्टर व स्टॉफ की भारी कमी से मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। फिजिशियन, सर्जन, रेडियोलॉजी, स्त्री रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, दंत, हृदय आदि विभाग के डॉक्टर नहीं रहने से मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।
सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी के कारण इमरजेंसी वार्ड में आने वाले किसी भी बीमारी की जांच व इलाज वही डाक्टर करते हैं, जिनकी ड्यूटी रहती है, चाहे वह उस रोग के विशेषज्ञ हों या नहीं। जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य सरकारी अस्पतालो में प्रतिदिन सैकड़ों महिला-पुरुष मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। लेकिन, विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में ओपीडी में ड्यूटी कर रहे डाक्टर ही किसी भी रोग के मरीजों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में कई रोग के विशेषज्ञ डाक्टर नहीं हैं। इस कारण ऐसे रोगियों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है। सदर अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर व संसाधनों की भारी कमी है। इस कारण यहां से भी गंभीर किस्म के मरीजों को हायर सेंटर के लिए रेफर किया जाता है। जिले के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक की कमी के कारण मरीजों का समुचित इलाज करने में परेशानी हो रही है। गरीब तबका के मरीजों को बाहर में जाकर इलाज कराने में सबसे अधिक दिक्कत होती है। उन्हें सबसे ज्यादा आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संविदा चिकित्सक के 59 में 16 कार्यरत भभुआ। जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थापित सरकारी अस्पतालों में मात्र 108 डाक्टर पदस्थापित हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में नियमित चिकित्सक का 255 पद स्वीकृत है। लेकिन, यहां 108 डाक्टर ही कार्यरत हैं। यहां 147 डाक्टरों का पद रिक्त है। डेंटल डाक्टर के चार पद में सभी रिक्त हैं। जबकि चार आयुष डाक्टर के पद पर सभी चार कार्यरत हैं। संविदा डाक्टरों के 59 पद हैं, जिसमें मात्र 16 डाक्टर कार्यरत हैं, जबकि 43 पद रिक्त हैं। संविदा के 11 पद पर डेंटल डाक्टर कार्यरत हैं। हि.प्र. सदर अस्पताल में कई विभागों के नहीं हैं डाक्टर भभुआ। सदर अस्पताल में कई विभागों के डाक्टर नहीं हैं, जिसमें मरीजों को स्वास्थ्य जांच व इलाज कार्य प्रभावित हो रहा है। सदर अस्पताल में 59 डाक्टरों का पद स्वीकृत है, जिसमें मात्र 19 डाक्टर कार्यरत हैं। सदर अस्पताल में न्यूरो, नेफ्रो, गैस्ट्रोलॉजी, कार्डियक, पैथोलिजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट सहित कई विभागों के डाक्टर नहीं हैं। इससे उक्त रोग के मरीजों को इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। फिलहाल सदर अस्पताल में सांस के मरीजों के लिए वेंटिलेटर मशीन की व्यवस्था हो गई, जिससे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हि.प्र. कोट जिले के सरकारी अस्पतालों में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियो की कमी है। फिर भी जितने डाक्टर हैं, उनसे चिकित्सकीय कार्य बेहतर ढंग से कराया जा रहा है। डाक्टरों के लिए विभाग को लिखा गया है। डॉ. विंदेश्वरी रजक, सिविल सर्जन अस्पताल में कितने डाक्टर व कर्मी हैं नियुक्त पद पोस्ट पदस्थापित खाली डाक्टर 255 108 147 नर्स ग्रेड ए 236 118 118 एएनएम 474 278 196 फार्मासिस्ट 36 12 24 लैब टेक्निशियन 27 03 24 फोटो- 24 जून भभुआ- 11 कैप्शन- सदर अस्पताल के ओपीडी में बुधवार को डॉक्टर से स्वास्थ्य जांच कराते मरीज।
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