कुछ देर की बारिश में गर्मी से थोड़ी राहत, जमकर नहीं हो रही बारिश
बारिश के मौसम को देखते गए खेत की बुवाई में आई तेजी... अभी तक महज हल्की बारिश ही हुई है। जमकर बारिश नहीं होने से उमस भरी गर्मी से लोग तरबतर हो रहे हैं। दो दिन के

सिंघौल, निज संवाददाता। मानसून आगमन के करीब सप्ताह भर बाद भी जमकर बारिश नहीं हो रही है। अभी तक महज हल्की बारिश ही हुई है। जमकर बारिश नहीं होने से उमस भरी गर्मी से लोग तरबतर हो रहे हैं। दो दिन के बाद बुधवार को शाम चार बजे के बाद कुछ देर की बारिश हुई। बारिश के बाद भीषण गर्मी से लोगों को मामूली राहत मिली है। पूसा स्थित मौसम विज्ञान विभाग की ओर से अगले चार दिनों के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में उत्तर बिहार के अनेक स्थानो पर हल्की वर्षा होने की सम्भावना है। खासकर समस्तीपुर, बेगूसराय, वैशाली, सारन, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, तथा पूर्वी चम्पारण जिलों में अगले 3-4 दिनों में अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा होने की सम्भावना है।
उसके बाद 28-29 जून को उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। पूर्वी तथा पश्चिम चम्पारण जिलों में कुछ स्थानों पर पूर्वानुमानित अवधी में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 90 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पूरवा हवा चलने का अनुमान है। किसानों के लिए समसामयिक सुझाव पूसा स्थित कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों की ओर से किसानों के लिए समसामयिक सुझाव जारी किए गए हैं। इसके अनुसार अगात एवं मध्यम धान की किस्में, जिनकी किसान भाई सीधी बुवाई करना चाहतें है, ऐसे किसान भाई खेत में ही धान को छिटकोंवा विधि से सीधी बुवाई कर सकते है। यदि खेत सूखा है तो सीडड्रील मशीन से या छिटकॉवा विधि से बुवाई कर सकतें हैं। सूखे खेत में सीधी बुवाई करने पर बुवाई के 48 घंटे के अन्दर खरपतवारनाशी दवा पेन्डिमेथीलीन 1.0 लीटर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। यदि बुवाई के बाद बारिश शुरू हो जाती है तो पेन्डिमेथीलीन दवा का छिड़काव न कर वैसी हालत में बुवाई के 10-15 दिनों के बीच में नामिनी गोल्ड (बिसपेरिबेक सोडियम 10: एससी) दवा का 100 एमएल प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना नहीं भुले। तिल की उचास जमीन में बुआई करें। कृष्णा, कॉके सफेद, कालिका और प्रगति तिल की अनुशंसित किस्में हैं। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 50 से 60 क्विंटल कम्पोस्ट, 20 किलो नेत्रजन, 20 किलो स्फुर एवं 20 किलो पोटाश का व्यवहार करें। बीज दर 4 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा कतार से कतार एवं पौध से पौध की दूरी 30 सेमी गुणा 10 सेमी रखें। 2.0 ग्राम धीरम दवा से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित कर बुआई करे। अरहर की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 20 किलो नेत्रजन, 45 किलो स्फुर, 20 किलो पोटाश तथा 20 किलो सल्फर का व्यवहार करें। बहार, पूसा 9. नरेद्र अरहर 1. मालवीय-13, राजेन्द्र अरहर 1 आदि किस्में बुआई के लिए अनुशंसित है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।