झिरवा मध्य विद्यालय के जर्जर भवन में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, डर के साये में हो रहा बच्चों का पठन पाठन
बांका,निज संवाददाता।बांका,निज संवाददाता। बांका सदर प्रखंड के लकड़ीकोला पंचायत अंतर्गत झिरवा गांव स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय झिरवा में स्कूली बच्चों

बांका, निज संवाददाता। बांका सदर प्रखंड के लकड़ीकोला पंचायत अंतर्गत झिरवा गांव स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय झिरवा में स्कूली बच्चों का पठन पाठन एक अनजाने डर के साये में हो रहा है।जिसका कारण स्कूल भवन का जर्जर हो चुका वर्गकक्ष और बरामदा है,स्कूल में पहली से लेकर आठवीं तक के कुल 258 बच्चों का नामांकन दर्ज है,जिनकी पढ़ाई का दारोमदार यहां पदस्थापित कुल 7 शिक्षकों के कंधे पर है। गुरुवार को भी सभी कक्षाओं में मिलाकर कुल 165 बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी।यहां नए बने भवन में छह कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है,जबकि पुराने जर्जर भवन के दो कमरों में से एक कमरे में बच्चों का अध्यापन अब भी जारी है,जोकि पुरी तरह से डंक उजाले में भी अंधकारमय रहता है।इससे
बच्चों के आंखों पर तो असर पड़ता ही है,साथ ही जर्जर हो चुके भवन की छत से कभी भी चट्टान गिरने का भय बना रहता है। दो माह पुर्व खाली किए गए कमरे में कक्षा चार के एक बच्चे पर बड़ा सा चट्टान गिरने से वह आंशिक रूप से जख्मी भी हो गया था,जिसके बाद उस कमरे में प्रवेश निषेध कर दिया गया और उसे स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।वहीं इस भवन के बरामदे में छोटे छोटे बच्चे बैठकर मध्याह्न भोजन करने पर मजबूर हैं।इस संबंध में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुशीला कुमारी कहती हैं कि मन में अनजाने खतरे का भय हमेशा सताते रहता है कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाय,इस अपयश से बचने के लिए वो लगातार छात्र छात्राओं को बरामदे से गुजरने की मनाही करती हैं लेकिन शौचालय जाने का यही एक रास्ता है,साथ ही मिड डे मील के लिए भी यही जगह है,जहां से आधा छत का चट्टान गिर चुका है, शेष आधा कभी भी गिरने के लिए तैयार है।ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने विभाग के वरीय अधिकारियों को इस संबंध में पत्राचार कर जानकारी देते हुए इसके मरम्मती की गुहार लगाई है।लेकिन अबतक केवल आश्वाशन मिला है, कोई ठोस पहल विभाग द्वारा इस दिशा में नहीं किया गया है। बीपीएससी टीआरई थ्री से आई शिक्षिका वर्षा सिंह कहती हैं कि मूलभूत संसाधन के रहते ही बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाया जा सकता है।चहक जैसे कार्यक्रम में गतिविधियों को कराकर सिखाने की पद्धति का पालन ऐसे जर्जर भवन में डर डरकर करवाने पर वो मजबूर हैं।हालांकि बच्चों के अभिभावकों द्वारा भी इस बारे में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को शिकायत की गई है।वहीं ग्रामीणों में से अनिल मांझी,अजीत महतो और शेखर कापरी ने कहा कि अगर विभाग इस ओर ध्यान नहीं देती है तो जल्द ही ग्रामीणों द्वारा एक सामूहिक आवेदन जिलाधिकारी को देकर स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की जायेगी। वहीं इस बाबत डीईओ ने कहा कि विद्यालय भवन के जर्जर होने की जानकारी उन्हें नहीं थी । आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है,जल्द ही डीपीओ साक्षरता सह स्थापना संजय कुमार को विद्यालय की जांच कराकर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जायेगा। इसके बाद शीघ्रता से इसके मरम्मती के लिए विभाग के इंजिनियर को भी निदेश दिया जायेगा। कुंदन कुमार,जिला शिक्षा पदाधिकारी (बांका)
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