डीएम-एसपी निरीक्षण के बावजूद कांवरिया पथ पर सुस्त रफ्तार
पेज चार की लीडपेज चार की लीड श्रावणी मेला तैयारी सुविधाएं अधूरी, बालू बिछाने का कार्य भी शुरू नहीं श्रावणी मेले की शुरुआत में 30 दिन का

कटोरिया (बांका) निज प्रतिनिधि। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को शुरू होने में अब मात्र 30 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन जिला प्रशासन की तैयारियों की गति इतनी धीमी है कि उसे देखकर लगता है जैसे काम कछुए की चाल से भी पीछे चल रहा हो। सावन के शुरू होते ही लाखों की संख्या में कांवरिया सुल्तानगंज से जल लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर रवाना हो जाएंगे। श्रावणी मेले के दौरान कांवरियों की 108 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का लगभग 54 किलोमीटर हिस्सा बांका जिले में आता है। उनकी सुविधा, सुरक्षा, सेवा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी पूरी तरह से जिला प्रशासन पर होती है।
धौरी से दुम्मा तक का यह मार्ग भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण है। जंगल, पहाड़ से घिरे इन रास्तों में प्रशासन को हर साल ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन जितनी बड़ी जिम्मेदारी है उतना ही गैर ज़िम्मेदाराना रवैया मेले से जुड़े सभी विभाग में देखने को मिल रही है। हाल ही में डीएम नवदीप शुक्ला और एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने कांवरिया पथ का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी तैयारियां तय समय सीमा के भीतर पूरी कर ली जाएं। जिले में प्रतिदिन बैठकों का दौर चल रहा है, कांवरियों को कैसे बेहतर सुविधा दी जाए, इसके लिए रणनीति बन रही है। इसके बाद भी सच्चाई यह है कि ज़मीनी स्तर पर कई विभाग के कार्य की शुरुआत तक नहीं हो पाई है। मेले से संबंधित विभाग के अधिकारियों की सुस्ती नहीं खत्म हो रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन अंतिम समय में अपनी गति तेज कर श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित मेला प्रदान कर पाएगा या नहीं। पथ की स्थिति बदहाल, स्वच्छता के नाम पर शून्य काम कांवरिया पथ के किनारे झाड़ियां उगी हुई हैं, कई स्थानों पर बिजली के पुराने और जर्जर तार लटके हैं, जिससे खतरे की आशंका बनी हुई है। अब तक इन तारों को बदलने का कार्य शुरू नहीं हुआ है। मार्ग के किनारे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे है। श्रावणी मेले की सबसे प्राथमिक आवश्यकता होती है पथ को सुगम और सुरक्षित बनाना। इसके लिए मार्ग पर बालू बिछाया जाना जरूरी होता है, जिससे कांवरियों के पैर को राहत मिलें। लेकिन अब तक बालू बिछाने का काम शुरू नहीं हुआ है। भवन निर्माण विभाग के कुछ कर्मचारी ज़रूर पथ में नजर आ रहे हैं, लेकिन अन्य विभागों की चुप्पी बनी हुई है। सेवा शिविर एवं होटल संचालकों की तैयारी जारी मेले में शिवभक्तों की सेवा के लिए लगने वाले कई सेवा शिविर के पंडाल बनने का कार्य शुरू हो गया है। वहीं मेला में पैसा अर्जित करने के लिए आने वाले दूर दराज से आने वाले होटल एवं स्थानीय दुकानदारों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। कई जगहों पर बांस-बल्लों की संरचना खड़ी की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की तैयारी की स्थिति को देख, मेला शुरू होने से पूर्व सभी सुविधाओं को बहाल कराना जिला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं लग रही है।
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