पक्की सड़क न नाले, जलजमाव व स्ट्रीट लाइट की कमी ने बढ़ाया दर्द
हरदिया पश्चिम सेनुवरिया मोहल्ले के लोग सड़क और जलनिकासी की कमी से परेशान हैं। बारिश में रास्ते कीचड़ में बदल जाते हैं, जिससे एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती। लोग 4 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय जाने के लिए...
नगर निगम के नव अधिग्रहित वार्डों में शुमार वार्ड- 39 के हरदिया पश्चिम सेनुवरिया मोहल्ले में जाने के लिए पगडंडी ही सहारा है। इस मोहल्ले में जाने के लिए मोटरसाइकिल की बात तो दूर, पैदल जाना भी मुश्किल है। हल्की बारिश में कच्ची सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। मरीज को ले जाने के लिए एंबुलेंस जैसी आवश्यक सेवा मोहल्ले तक नहीं पहुंच पाती है। आने-जाने की सुविधा नहीं होने के कारण मोहल्ले के लोग निजी जमीन पर बने रास्ते से होकर जिला मुख्यालय की दूरी तय करते हैं। चंद्रशेखर पटेल, हीरालाल प्रसाद, प्रवेश महतो आदि का कहना है कि 1500 की आबादी वाले इस मोहल्ले में आज भी कच्ची सड़क है।
यह पगडंडी में तब्दील हो गई है। सड़क नहीं होने के कारण यहां के लोग तिरहुत मुख्य नहर के तटबंध होकर बेतिया अरेराज एनएच 54ए की दूरी तय करते हैं। मोहल्ले के चारों तरफ से लगभग 2 किलोमीटर से लेकर 3 किलोमीटर की दूरी पर स्टेट हाइवे और ग्रामीण कार्य विभाग की सड़क है लेकिन इन सड़कों का मोहल्ले तक विस्तार नहीं होने से कनेक्टिविटी बेहतर नहीं है। लोगों ने बताया कि मोहल्ले के 2 किलोमीटर पूरब से बेतिया अरेराज स्टेट हाइवे गुजरता है। पश्चिम से पर्वतीय सुभाष नगर होते हुए जीएमसीएच तक ग्रामीण कार्य विभाग की सड़क गुजरती है। अगर इस सड़क का विस्तार लगभग 3 किलोमीटर तक हरदिया पश्चिम मोहल्ले तक कर दिया जाए तो लोगों को शहर से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। मोहल्ले को तिरहुत मुख्य नहर के तटबंध से होकर स्टेट हाइवे तक जाने वाली कच्ची सड़क का पक्कीकरण कर दिया जाए तो लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा। मुरारी कुमार, राजेंद्र दास, नगीना पटेल, रामचंद्र भगत, दीपक कुमार ने बताया कि नगर निगम के अधीन चार साल पहले इस मोहल्ले को शामिल किया गया। इनकी पीड़ा है कि हम लोग शहरी क्षेत्र में शामिल हो गए लेकिन सड़क और नाली के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों से भी खराब हालत इस मोहल्ले की है। बरसात के दिनों में यह मोहल्ला टापू में तब्दील हो जाता है। जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। मोहल्ले से ग्रामीण कार्य विभाग के पहुंच पथ तक जाने के लिए निजी जमीन का सहारा लेना पड़ता है। मोहल्ले में आने-जाने के लिए एक भी सड़क नहीं है। बरसात के दिनों में मोहल्ले के लोगों को जिला मुख्यालय तक जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। आज भी यहां के लोग 4 किलोमीटर लंबी दूरी तय करके मुख्यालय पहुंचते हैं। सड़क कनेक्टिविटी बेहतर नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को होती है। सड़क नहीं होने से मोहल्ले में आने के लिए पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। लोगों का कहना है कि चार पहिया वाहन मोहल्ले में नहीं आ पाते हैं। सामान लाने में भी 4 किमी दूरी तय करनी पड़ती है। गृह निर्माण के लिए ईंट बालू, पत्थर आदि लाने में भी परेशानी होती है। सड़क के अभाव में नव विवाहित जोड़े पैदल चलने को मजबूर होते हैं। किसानों को अपनी उपज को बाजार तक ले जाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार इसकी शिकायत स्थानीय सांसद, विधायक और मेयर से की गई लेकिन पक्की सड़क का ख्वाब अब भी अधूरा है।
शिकायतें
1. हरदिया पश्चिम सेनुवरिया मोहल्ले में जाने के लिए पगडंडी ही सहारा है। यहां पैदल जाना भी मुश्किल है।
2. हल्की बारिश में कच्ची सड़क पर कीचड़ पसर जाता है। मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस भी मोहल्ले में नहीं पहुंच पाती है।
3. आने-जाने की सुविधा नहीं होने से इस मोहल्ले के लोग निजी जमीन पर बने रास्ते से होकर जिला मुख्यालय जाते हैं।
4. मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट कहीं भी नहीं है। यहां शाम होते ही अंधेरा पसरा जाता है। घरों से निकलने में दिक्कत होती है।
5. नाला निर्माण नहीं होने से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। इससे बारिश होने पर जलजमाव हो जाता है।
सुझाव
1. वार्ड 39 स्थित हरदिया पश्चिम सेनुवरिया मोहल्ले को तिरहुत मुख्य नहर से बेतिया अरेराज स्टेट हाईवे से जोड़ा जाए।
2. मोहल्ले को पर्वतिया टोला होते हुए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज तक का सड़क का विस्तार किया जाय।
3. मोहल्ले में जलनिकासी के लिए व्यवस्था की जाये ताकि बरसात के दिनों में मोहल्ला टापू में तब्दील नहीं हो।
4. स्ट्रीट लाइट लगवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि अंधेरे से मुक्ति मिले और रात में भी आवागमन सुगम हो।
5. मोहल्ले में पहले से बनी नालियां खुली हैं। इससे हादसे की आशंका रहती है। नालियों को ढंकने की व्यवस्था होनी चाहिए।
बोले जिम्मेदार
बेतिया नगर निगम क्षेत्र में जुटे नव अधग्रिहित इलाकों में जल्द ही स्ट्रीट लाइट लगा दी जाएगी। इसे लेकर नगर निगम के बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित हो चुका है। एक से दो महीने के अंदर सभी नव अधग्रिहित वार्ड में स्ट्रीट लाइट लग जाएगी। कंपनी द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाने का काम बहुत जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। - गरिमा देवी सिकारिया, मेयर नगर निगम
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