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शहर का बढ़ रहा दायरा, सिमट रहे वन क्षेत्र से प्रदूषित हो रहा वातावरण

बेतिया शहर में तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण हरियाली कम हो रही है। पेड़ों की कटाई से गर्मी के दिनों में भी एसी की जरूरत बढ़ गई है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि उचित टाउन प्लानिंग की कमी से यह...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाSat, 28 June 2025 09:19 PM
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शहर का बढ़ रहा दायरा, सिमट रहे वन क्षेत्र से प्रदूषित हो रहा वातावरण

बेतिया शहर का दायरा बढ़ने के साथ ही यहां हरियाली सिमटती जा रही है। हाल के दशकों में शहरीकरण के साथ पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने शहर को कंक्रीट के जंगल में तब्दील कर दिया है। कुछ वर्षों पहले तक यहां गर्मी के दिनों में भी एसी-कूलर की जरूरत नहीं पड़ती थी लेकिन अब आधे से अधिक घरों में एसी लग गए हैं। पर्यावरण से जुड़े लोगों को कहना है कि व्यवस्थित टाउन प्लानिंग नहीं होने से शहर इस मुहाने पर पहुंच गया है। इनका कहना है कि बेतिया व उसके चारों ओर 30 फीसदी से अधिक हरियाली रहनी चाहिए ताकि वातावरण की शुद्धता आवासन क्षेत्र में बेहतर रहे।

फिलहाल यह करीब 18 फीसदी है। शहर के राजकुमार सिंह, वीरेंद्र प्रसाद, वृजेश शर्मा, युनूस अंसारी, अरुण पासवान, रवि रंजन कुमार, ओमनाथ सिंह, राजेंद्र सिंह, सुखाड़ी साह, विकास कुमार आदि का कहना है कि जिस तेजी से आवासीय क्षेत्र का विकास हो रहा है, उस तुलना में पौधरोपण नहीं हो रहा है। इनका कहना है कि शहरी वानिकी के कमजोर होने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। लोग तेजी से बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। गर्मी के दिनों में कंक्रीट के जंगल के बीच रहने वाले लोगों को बेहद परेशानी हो रही है। गहरी जड़ें वाले पौधों की कमी से जल की शुद्धता पर भी असर पड़ रहा है। शहर में पार्कों की कमी हो गई है। प्रदूषित वातावरण के बीच रहने के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ रहा है। अधिक तापमान के कारण त्वचा संबंधी रोग से लोग ग्रसित हो रहे हैं। मानसिक अवसाद वाले रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लोगों का कहना है कि बेतिया नगर निगम क्षेत्र का विस्तार होने से कई नए मोहल्लों की स्थापना की गई है, लेकिन वहां पर भी पौधरोपण और पार्क की सुविधा नहीं है। शहर की प्लानिंग में यह शामिल होना चाहिए कि हर कैंपस में खुली जगह हो व पौधे लगाना अनिवार्य हो। साथ ही, हर मोहल्ले में पार्क की सुविधा हो, जहां पेड़-पौधों की संख्या बहुतायत में हो। शहर के शिवम सिंह, मेराज आलम, सनिश कुमार, सचिन कुमार, आशीष कुमार, अंसार अहमद आदि ने बताया कि जिला प्रशासन, वन विभाग और नगर निगम के संयुक्त प्रयास से बेतिया शहर के मुख्य मार्गों के किनारे जहां जगह उपलब्ध है, वहां पर पौधरोपण किया जाना चाहिए। इसके अलावा लगाए गए पौधों की पूरी सुरक्षा भी होनी चाहिए ताकि वे जीवित रहकर आने वाली पीढ़ियों को लाभान्वित कर सकें। इससे बढ़ते तापमान के बीच लोग पौधों की हरियाली के बीच सुकून के दो पल गुजार सकेंगे। बेतिया वन प्रमंडल के डीएफओ अतीश कुमार ने बताते हैं कि पौधे लगाने का प्रयास लगातार जारी है। वन विभाग भी कम खर्च पर पौधे उपलब्ध करा रहा है। आने वाले समय में व्यापक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है, जिससे हरियाली का दायरा बढ़ेगा। आमलोगों को भी घरों कीे छत अैर बालकनी में पौधे लगाने चाहिये। ऐसा होने से काफी हद तक पर्यावरण असंतुलन को बिगड़ने से रोका जा सकेगा। साथ ही, प्रशासन को शहर की प्लानिंग में हरियाली को शामिल करना चाहिए व इस पर सख्ती से अमल भी हो। 

शहरी वानिकी की नीति बनाने की जरूरत, घरों के पास लगाएं पौधे : सुबह की सैर करने वाले बुजुर्ग दंपती अथवा दौड़ लगाने वाले युवकों ने भी यह बताया कि शहर में छांव में बैठने के लिए पेड़-पौधों की नितांत कमी है। कोई ऐसी जगह नहीं दिखती, जहां मॉर्निंग वॉक अथवा दौड़ लगाने के बाद हम सभी आराम से दो पल बीता सकें। शहर में वैसी जगह जहां पर महापुरुषों की प्रतिमाएं हैं, उसके आसपास पौधरोपण करने अथवा जगह की उपलब्धता के अनुरूप पार्क तैयार कर देने से शहरी वानिकी को बल मिलेगा और आबोहवा भी बेहतर होगा। इससे लोगों को फायदा होगा। शहरी क्षेत्र में पेड़-पौधे बढ़ाये जाने चाहिए। इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा। शिकायतें

 1. बेतिया शहर में कम हो रहे जंगल और बढ़ते शहरीकरण का दुष्प्रभाव दिखने लगा है। गर्मी में ज्यादा दिक्कत होती है।

 2. अधिक तापमान के कारण त्वचा संबंधी रोग से लोग ग्रसित हो रहे हैं। मानसिक अवसाद वाले रोगियों की संख्या बढ़ी है।

 3. बेतिया नगर निगम के क्षेत्र का विस्तार होने से कई नए मोहल्ले बने हैं, लेकिन वहां पर भी पौधरोपण नहीं किया गया है।

 4. बेतिया शहर में कुछ वर्ष पहले तक अंधाधुंध पेड़-पौधों की कटाई की गयी। हरा-भरा शहर अब कंक्रीट का जंगल है।

 5. मॉर्निंग वाक करने समेत पेड-पौधों के पास बैठने तक की जगह उपलब्ध नहीं।

 सुझाव

1. नगर निगम के नए विस्तारित क्षेत्र में यह नियम बना देना चाहिए कि सभी को पौधरोपण करना अनिवार्य है।

 2. शहर के मुख्य मार्गों के किनारे जहां जगह उपलब्ध है, वहां पर पौधरोपण किया जाना चाहिए। 3. शहर में वैसी जगह ,जहां पर महापुरुषों की प्रतिमाएं हैं, उसके आसपास पौधरोपण किया जाना चाहिए।

 4. शहर में छांव में बैठने के लिए पेड़-पौधों की नितांत कमी है। कुछ जगहों का चयन कर वहां पर पौधे लगने चाहिए। 

5. जिला प्रशासन, वन विभाग और नगर निगम के संयुक्त प्रयास से बेतिया शहर में पेड़ पौधे लगवाने का प्रयास हो। 

बोले जिम्मेदार

 नगर के बाद रमना मैदान, झिलिया में पार्क और शहीद पार्क का सौंदर्यीकरण करने और पौधरोपण की योजना नगर निगम ने तैयार की है। इसकी अनुमति नगर निगम के सामान्य बोर्ड की बैठक और सशक्त समिति की बैठक में दी जा चुकी है। इसके लिए टेंडर भी हो चुका है। जल्द ही सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इन सभी जगह पर पौधरोपण भी किया जाएगा। - गरिमा देवी सिकारिया, मेयर नगर निगम

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